मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) जिले के सभी 21 प्रखंड या तो नदियों के उफान से या अतिवृष्टि के कारण जल जमाव से बाढ़ का तांडव झेल रहा है । मिथिलांचल सहित मधुबनी जिला को बाढ़-सुखाड़ से निजात दिलाने के लिए भाकपा एवं पूर्व सासंद भोगेन्द्र झा द्वारा पश्चिमी कोशी नहर एवं बहुउद्देशीय हाई डैम निर्माण को पूरा करने का आंदोलन जारी रहा । परंतु अफसरशाही एवं राजशाहियों के मिली भगत के कारण बाढ़-सुखाड़ के नाम पर संगठित एवं योजनाबद्ध लूट जारी रखने के कारण वैसा नही होने दिया गया । भाकपा एवं अखिल भारतीय किसान सभा लगातार सड़क इस मुद्दे के साथ आंदोलन करती है । लेकिन आज की भयावहता सम्पूर्ण मधुबनी जिला पानी पानी हो चूका है । किसानों का 90 % आच्छादित धान का फसल डूब चूका है । अब उनके पास न तो धन का बिचरा है और नही आर्थिक स्थिति अनुकूल है । पहले से कर्ज में डूबे , वर्षों बाद अग्रिम बारिश को देखकर किसान महाजनों से कर्ज लेकर अपनी खेती किये थे परंतु अतिवृष्टि एवं अव्यवस्थित सिंचाई परियोजनाओं के कारण अनियंत्रित पानी खेतो के अलावे गाँवों में भी जल जमाव का विकराल समस्या खरा दिया है । मुख्यमंत्री सात निश्चय योजनाओं का पोल खोलते हुए न तो गली में पक्की सड़क कामयाब है ,और न ही नालियों की व्यवस्था है । गली नाली एवं हर घर नल का जल योजना में व्यापक पैमाने पर अनियमितता व्याप्त है । शहर से लेकर गांव तक जल निकासी के नाम पर लाखों-करोड़ो का बन्दरबांट किया जाता है । आज जब बारिश औसत से ज्यादा हुआ तो कही भी नाली एवं पुल पुलिया कामयाब नही हो सका । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मधुबनी , बिहार सरकार के इस योजना को न केवल विफल करार देती है बल्कि बड़े पैमाने पर हुए भ्रस्टाचार की जाँच की मांग जिला समाहर्ता से करती है । इस तरह बिहार सरकार की मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना महज एक दिखाबा ओर लूट का अड्डा बन हुआ है पार्टी इसके खिलाफ आगे आंदोलन करेगी ।
गुरुवार, 23 जुलाई 2020
मधुबनी : सात निश्चय योजना - गली- नाली योजना का पोल खोलता बारिश एवं बाढ़ का पानी ।
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