आज 3 व्यक्तियों की रिपोर्ट पाजीटिव प्राप्त हुई, अभी तक कुल 1775 सैंपल के लिए भेजे गए
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुधीर डेहरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि आज 3 व्यक्तियों की रिपोर्ट पाजीटिव प्राप्त हुई है। पाजीटिव मिले व्यक्तियों में 1 बालिका नसरूल्लागंज के ग्राम चौरासाखेडी की तथा 1 महिला इछावर के वार्ड नंबर 5 से एवं 1 महिला सीहोर के दुर्गा कालोनी की है। जिले में कुल पाजीटिव/एक्टिव व्यक्तियों की संख्या वर्तमान में बढ़कर 26 हो गई है। आज मिले तीनों पाजीटिव को कोविड केयर सीहोर में उपचार के लिए भर्ती किया गया है। वहीं इछावर के वार्ड नंबर 5 को कंटेनमेंट एरिया बनाकर वहां स्वास्थ्य सर्वे के साथ ही पाजीटिव महिला के करीबी संपर्क वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए सघन सर्वे कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आज 44 कोरोना सैम्पल जांच के लिए गए है। जिसमें इछावर के 10, आष्टा के 9, सीहोर के 21 तथा सीहोर आईसोलेषन 3 सैम्पल तथा बिल्किसगंज का 1 सैम्पल शामिल है। जिले में कुल एक्टिव कंटेनमेंट एरिया की संख्या अब 11 है। जिसमें सीहोर शहरी क्षेत्र में 5, नसरूल्लगंज के ग्राम चैरासाखेडी में 1, आष्टा में 2 तथा इछावर में 2 तथा अहमदपुर का 1 कंटेनमेंट एरिया शामिल है। जिले में अब तक 12 पाजीटिव व्यक्ति स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए जा चुके है वे सभी स्वस्थ होकर घर लौट चुके है तथा 2 पाजीटिव मरीजों की मृत्यु इंदौर तथा भोपाल में उपचार के दौरान हो चुकी है जिसमें से एक महिला तथा एक पुरूष शामिल है दोनों ही मरीज किडनी पेसेंट थे जिनकी उपचार के दौरान मृत्यु हुई है। 1 पाजीटिव व्यक्ति का उपचार इंदौर में चल रहा है। आज बनाए गए कंटेनमेंट एरिया वार्ड 5 इछावर में स्वास्थ्य दलों का सघन सर्वेक्षण प्रारंभ कर दिया गया है। कस्बा के दीवान बाग में बनाए गए कंटेनमेंट एरिया में 40 घरों का स्वास्थ्य सर्वे कर 212 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। वहीं बफर जोन में 48 घरों का सर्वे कर 227 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। वहीं सीहोर के वार्ड नंबर 14 करोली वाली माता मंदिर एरिया में 2 स्वास्थ्य दलों द्वारा 51 घरों का सर्वे कर 279 व्यक्तियों का स्वास्थ्य फालोअप लिया गया वहीं बफर जोन में 118 घरों का स्वास्थ्य सर्वे कर 477 व्यक्तियो के स्वास्थ्य का फाॅलोअप लिया गया। सीहोर मंडी क्षेत्र के वार्ड नंबर 23 कंटेनमेंट एरिया में आज 17 घरों का सर्वे कर 113 व्यक्तियों के स्वास्थ का फालोअप लिया गया वहीं बफर एरिया में 48 घरों का सर्वे कर 303 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। आष्टा के वार्ड नंबर 1 जैन मंदिर क्षेत्र कंटेनमेंट एरिया में आज स्वास्थ्य सर्वे दलों द्वारा 66 घरों का सर्वे कर 358 व्यक्तियों के स्वास्थ का फाॅलोअप लिय गया वहीं बफर जोन में 11 घरों का सर्वे कर 64 व्यक्तियों का स्वास्थ्य फाॅलोअप लिया गया। वहीं आष्टा के अलीपुर वार्ड नंबर 2 कंटेनेमेंट एरिया में आज सर्वे दल द्वारा 23 घरों का सर्वे कर 117 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया तथा फालोअप लिया। इछावर षहरी क्षेत्र के कंटेमेंट एरिया वार्ड नंबर 6 में आज दो सर्वे दलों द्वारा 25 घरों का सर्वे कर 103 व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की गई। वहीं सीहोर के कंटेनमेंट एरिया वार्ड नंबर 4 रिमझिम ढाबा वाले क्षेत्र में 18 घरों का सर्वे कर 55 व्यक्तियों से स्वास्थ्य संबंधी फालोअप लिया गया वहीं वार्ड नंबर 27 सब्जी मंण्डी वाले कंटेनमेंट एरिया में 37 घरों का स्वास्थ्य सर्वे कर 250 व्यक्तियों के स्वास्थ्य संबंधी फालोअप लिया गया। वार्ड नंबर 27 के बफर जोन में 67 घरों का सर्वे कर 261 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। कंटेनमेंट एरिया-2, सैकड़ाखेडी रोड वार्ड नंबर 4 में आज दो सर्वे दलों द्वारा 18 घरों का सर्वे कर घर-घर पहंुचकर 55 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का फालोअप लिया गया। वही श्यामपुर विकासखण्ड के अहमपुर कंटेनमेंट एरिया में 84 घरों का स्वास्थ्य सर्वे कर 359 व्यक्तियों का स्वास्थ्य फालोअप लिया गया है। जिले में एक्टिव कंटेनमेंट एरिया की संख्या 10 तथा इनेक्टिव कंटेनमेंट एरिया की संख्या 7 है। जिले में अन्य देशों से सीहोर पहुंचे कुल व्यक्तियों की संख्या 232 है जिनमें से 184 लोगों की अब तक स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा चुकी है। पिछले 24 घंटों के दौरान एक भी ऐसे व्यक्ति की पहचान नहीं की गई जो अन्य राज्यों और अन्य जिलों से लौटे थे। जिले में अब तक होम कोरेंटाईन किए गए व्यक्तियों की संख्या 43913 है। डॉ. डेहरिया ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान ऐसे व्यक्ति जो विदेश से सीहोर जिले में नहीं लौटे थे परंतु अन्य जिलों एवं राज्यों से लौटे थे और विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा घर-घर सर्वे के दौरान चिन्हित किए गए। अब तक कुल 43913 व्यक्तियों का होम कोरेंटाइन पूर्ण किया जा चुका है। जिले से अब तक कुल 1775 सेम्पल जांच के लिए भेजे गए थे जिनमें से 1533 सेंपलों की रिपोर्ट अब तक निगेटिव प्राप्त हुई है। अभी तक हास्पिटल आईसोलेशन में भर्ती मरीजों की कुल संख्या 14 है। 173 सैंपलों की रिपोर्ट आना शेष है। पैथालॉजी द्वारा कोरोना वायरस सेंपल की रिजेक्ट संख्या कुल 29 है। वहीं विदेश से आए यात्री जो गृह जिला या निवासरत जिला में वापस नहीं आए उनकी संख्या 48 है। जिले में जो व्यक्ति होम क्वारंटाइन में है उनके निवास स्थान से सीधे संवाद हेतु जिला स्तरीय कोविड-19 काल सेंटर स्थापित किया गया है जिसका संपर्क नंबर-7247704181 है कोविड-19 से संबंधित जानकारी इस संपर्क नंबर पर ली व दी जा सकती है। वहीं जिला चिकित्सालय सीहोर में टेलीमेडिसीन के लिए संपर्क नंबर 07562-401259 जारी किया गया है तथा राज्य स्तर पर 104/181 नंबर पर काल करके भी टेलीमेडिसीन सेवा का लाभ लिया जा सकता है। 104 नंबर पर ई-परामर्ष सेवा का भी लाभ लिया जा सकता है। ई-संजीवनी ओपीडी सेवा हेतु www.esanjeevaniopd.in पंजीयन कराया जा सकता है। कलेक्टेªट कार्यालय सीहोर में भी जिला स्तरीय काॅल सेंटर बनाया गया है जिसका संपर्क नंबर 07562-226470 है तथा होम क्वारंटाइन व्यक्तियों तथा उनके परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर 18002330175 जारी किया गया है। जिस पर संस्थागत क्वारंटाइन अथवा होम क्वारंटाइन व्यक्ति अथवा उनके परिजन इमोषनल वेलनेस अथवा साईकोलाजिकल सपोर्ट एवं अन्य जरूरी परामर्ष मानसिक सेवा प्रदाताओं से निःषुल्क प्राप्त कर सकते है।
विश्व जनसंख्या दिवस पर जनसंख्या स्थिरता माह का आयोजन आज से
11 जुलाई को जिला स्तरीय विश्व जनसंख्या दिवस का आयोजन किया जाएगा वहीं 11 जुलाई से 11 अगस्त 2020 तक जनसंख्या स्थिरता माह का आयोजन किया जाएगा। जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ.जेडी कोरी ने बताया कि इस दौरान चिन्हित नवदंपति को नई पहल किट का वितरण किया जाएगा। कोविड-19 के चलते चिन्हित नवदंपत्ति को आमंत्रित कर उन्हें परिवार कल्याण की सेवाओं तथा भारत सरकार द्वारा संचालित मिषन परिवार विकास कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। डॉ.कोरी ने बताया कि 11 जुलाई से 11 अगस्त तक संचालित विष्व जनसंख्या स्थिरता माह के अंतर्गत आषा कार्यकर्ताओं तथा एएनएम द्वारा दंपत्ति संपर्क पखवाडे़ में चिन्हित दंपत्तियो को परिवार कल्याण की स्थायी एवं अस्थायी सेवाएं कोविड-19 की गाइडलाईन का पालन करते हुए प्रदान की जाएगी। दल द्वारा अधिक से अधिक दंपत्तियों को परिवार कल्याण सेवाओं के लिए प्रेरित किया जाएगा वहीं महिला एवं पुरूष सेवा आवष्यकता के साथ-साथ ही अंतरा इंजेक्शन, पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी सेवाओं पर जोर दिया जाएगा। सीहोर जिला भारत सरकार की मिशन परिवार विकास योजना के अंतर्गत होने के कारण पुरूष सेवा आवश्यकता पर हितग्राही को 3000 रूपए तथा प्र्रसव के तुरंत पष्चात अथवा 7 दिवस के अंदर महिला सेवा आवश्यकता पर 3000 रूपए प्रदान किए जाते है तथा एलटीटी एवं मिनीलैप पर 2000 की राशि हितग्राही को उनके खाते में प्रदान की जाती है।
ट्रायसायकल पाकर खुश हुए शेरसिंह और अतिका बी तो व्हीलचेयर मिलने के बाद प्रदीप भी फूला नहीं समाया (सफलता की कहानी)
जिले के दिव्यांग हितग्राही शेरसिंह और अतिका बी को अस्थि बाधिता से चलने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था। शेरसिंह और अतिका बी द्वारा जिला विकलांक एवं पुर्नवास केन्द्र में आवेदन देकर सहायक उपकरण की मांग की गई। आवेदनों पर तुरंत कार्यवाही कर शेरसिंह एवं अतिका बी को ट्रायसायकल और प्रदीव को व्हीलचेयर प्रदान की गई। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित जिला विकलांक एवं पुर्नवास केन्द्र में तीनों दिव्यांग हितग्राही बताते हैं कि अस्थि बाधिता से ग्रसित होने के कारण उन्हें अपने दैनिक कार्यों को करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जिला दिव्यांग एवं पुर्नवास केन्द्र द्वारा ट्रायसायकल प्राप्त होने के बाद अब वह बहुत खुश नजर आ रहे हैं। क्योंकि अब उन्हें पहले जैसी परेशानी नहीं आती है, वह कहीं पर भी आसानी से जा सकते हैं। वे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश शासन द्वारा चलाई ज रही योजनाओं के लिए धन्यवाद देते हैं।
विश्वविद्यालय ऑनलाइन सत्यापन के बाद ही महाविद्यालय, ई-प्रवेश पोर्टल से सम्बद्ध हो सकेंगे
शैक्षणिक सत्र 2020-21 की ऑनलाईन ई-प्रवेश प्रक्रिया के लिए सभी शासकीय, अनुदान प्राप्त अशासकीय एंव अशासकीय महाविद्यालयों को प्रोफाईल अध्यतन और सत्यापन करना अनिवार्य होगा। प्रत्येक महाविद्यालय को ऑनलाईन ई-प्रवेश पोर्टल <https://epravesh.mponline.gov.in> के माध्यम से 20 जुलाई 2020 तक अद्यतन की कार्यवाही पूर्ण करना होगी। संबंधित विश्वविद्यालयों के क्षेत्रान्तर्गत आने वाले शासकीय, अनुदान प्राप्त अशासकीय तथा अशासकीय महाविद्यालय का सत्यापन 25 अगस्त तक करना अनिवार्य होगा। संबंधित विश्वविद्यालय ऑनलाईन सत्यापन के बाद ही शैक्षणिक सत्र 2020-21 की ई-प्रवेश प्रक्रिया के लिए महाविद्यालय ई-पोर्टल से संबद्ध हो सकेगें। सत्र 2020-21 के लिए संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा संबंद्धता प्रमाण-पत्र एवं इसी सत्र में उच्च शिक्षा संचालनालय द्वारा शासकीय महाविद्यालय के स्व-वित्तीय पाठ्यक्रम एवं अशासकीय महाविद्यालय के लिए जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र अपलोड करना अनिवार्य होगा। सभी महाविद्यालयों को अपनी प्रोफाइल में विगत वर्ष की गई प्रविष्टियों तथा नवीन प्रविष्टि की जानकारी भी देना होगी।
संपत्ति एवं जल कर में नहीं लगेगा अधिभार
राज्य शासन द्वारा नगरीय निकायों के कर आदि पर 22 मार्च से 15 जून 2020 तक के देय अधिभार (सरचार्ज) को माफ कर दिया गया है। ऐसे नागरिक, जो 31 जुलाई 2020 तक नगरीय निकायों के कर जमा करेंगे, उनके लॉकडाउन अवधि को अधिभार की गणना में नहीं लिया जायेगा। गौरतलब है कि नोवल कोरोना वायरस की महामारी के कारण लॉकडाउन लागू होने के कारण आम नागरिक नगरीय निकायों के विभिन्न कर जैसे सम्पत्ति कर, जलकर जल उपभोक्ता प्रभार आदि का भुगतान नहीं कर पाये हैं। इससे करों आदि पर अधिभार देय हो गये हैं। इसलिये राज्य सरकार द्वारा आम नागरिकों के हित में अधिभार माफ करने का निर्णय लिया गया है। सभी नगर निगम आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को वर्ष 2019-20 के संपत्ति कर एवं जल कर पर अधिभार न लेते हुए 31 जुलाई तक अधिक से अधिक कर संग्रह करने के निर्देश दिये गये हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम व बचाव के लिये दिशा-निर्देश जारी, गृह विभाग ने जारी किये निर्देश
गृह विभाग ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और बचाव के सिलसिले में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं। प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। अपर मुख्य सचिव गृह श्री एस.एन. मिश्रा द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि कोविड के प्रभावी प्रबंधन के लिये यह जरूरी है कि आम लोग सोशल डिस्टेंसिंग रखें तथा फेस कवरिंग का पालन करें। अनेक शहरों में रविवार के दिन प्रायरू शहर के विभिन्न भागों में अधिक भीड़ हो जाने और आवश्यक सावधानियाँ नहीं बरती जाने को भी रेखांकित किया गया है। कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने की दृष्टि से लोगों को घरों से अनावश्यक रूप से बाहर निकलने के लिये हतोत्साहित किये जाने की जरूरत बताई गई है। निर्देशों में कहा गया है कि विभिन्न शहरों की परिस्थितियाँ अलग-अलग होने के मद्देनजर रविवार के दिन जिन क्षेत्रों में लोगों द्वारा आवश्यक सावधानियाँ बरतने में उपेक्षा की जा रही हो, वहाँ उसे प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने के लिये स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कार्यवाही की जाये। इस सिलसिले में जिला दण्डाधिकारियों से कहा गया कि वे डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के परामर्श पर स्थानीय स्तर पर उचित निर्देश जारी करें। इसके लिये आंशिक या सम्पूर्ण रूप से बाजार को बंद करना, धारा-144 लागू करना तथा भीड़ को नियंत्रित करने के अन्य उपाय भी किये जा सकते हैं। अंतर्राज्यीय सीमाओं पर स्थित जिलों के कलेक्टर्स के लिये यह जरूरी है कि वे पड़ोसी राज्य के जिलों में संक्रमण की स्थिति का लगातार अनुश्रवण करें और आवश्यकतानुसार अंतर्राज्यीय सीमा पर लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने के उपाय भी करें। अनेक जिलों में यह व्यवस्था लागू की गई है, जिसमें पड़ोसी राज्यों के संक्रमण प्रभावित जिलों से आने वाले लोग जिला नियंत्रण कक्ष में अपने आगमन की सूचना देते हैं, ताकि स्वास्थ्य संबंधी जाँच की जा सके। कलेक्टर्स से कहा गया है कि उपरोक्त के अलावा कोविड-19 के प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय निर्देशों का पूरे प्रदेश में सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाये। कोविड प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का भी ध्यान रखा जाये।
दूरदर्शन के माध्यम से "हमारा घर हमारा विद्यालय" की जानकारी की साझा
"हमारा घर-हमारा विद्यालय" कार्यक्रम के माध्यम से शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को उनके घर में ही स्कूली वातावरण उपलब्ध कराकर अध्ययन की शुरूआत की गई है। कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मध्यप्रदेश दूरदर्शन के माध्यम से प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरूण शमी एवं आयुक्त राज्य शिक्षा श्री लोकेश कुमार जाटव ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। प्रमुख सचिव श्रीमती शमी ने "हमारा घर-हमारा विद्यालय" योजना में राज्य शासन, शिक्षक, अभिभावक एवं जिले के अधिकारी के उत्तरदायित्वों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की टैग-लाइन अब पढ़ाई नहीं रुकेगी के लक्ष्य को पूरा करने के क्रम में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने पालकों से आग्रह किया है कि बच्चों को घर पर भी अध्ययन का वातावरण उपलब्ध कराएं, उन्हें घर में ही एक उचित स्थान दें जहाँ वे बिना किसी व्यवधान के अपनी पढ़ाई कर सकें। श्श्हमारा घर हमारा विद्यालयश्श् योजना ऐसी ही एक भावनात्मक पारिवारिक पहल है जो बच्चों को परिवार के सहयोग से घर पर ही पढ़ाई को सुचारु रखने में सहयोगी होगी। प्रमुख सचिव ने कार्यक्रम में बताया गया कि "हमारा घर-हमारा विद्यालय" योजना प्रदेश के कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए बनाई गई है। विद्यार्थी अब अपने घर पर ही विद्यालय के वातावरण में पढ़ाई कर सकेंगे। घर के स्कूल में प्रातः 10 बजे पालक द्वारा घण्टी/थाली बजाकर स्कूल प्रारम्भ किया जाएगा, इसी प्रकार दोपहर एक बजे घण्टी/थाली बजाकर अवकाश किया जाएगा। इससे बच्चों को घर में ही विद्यालय का आभास होगा। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा एक सुझावात्मक समय-सारिणी भी पालकों और विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जा रही है। जिसके अनुसार सोमवार से शुक्रवार प्रातः 10 से दोपहर 1 बजे तक विषयानुरुप अध्ययन होगा तथा शनिवार को मस्ती की पाठशाला के तहत मनोरंजनात्मक गतिविधियां आयोजित की जायेंगी। वहीं शाम को 2 घंटे विद्यार्थी अपने पारिवारिक बड़े-बुजुर्गों से कहानियां सुनकर उन पर नोट्स तैयार करेंगे और योग तथा अन्य खेलकूद की गतिविधियों का आयोजन अपने घर पर ही करेंगे। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा इस संबंध में अनेक पारंपरिक गतिविधियों के सुझाव भी दिए गए हैं। आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र श्री लोकेश जाटव ने बताया कि कोरोना संकटकाल की स्थिति में छात्रों के निर्बाध सीखने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनमें व्हाट्स एप के माध्यम से डिजिलेप- यानी डिजिटल लर्निंग इन्हांसमेंट प्रोग्राम, रेडियो के माध्यम से रेडियो स्कूल, दूरदर्शन मध्यप्रदेश पर क्लास रूम का प्रसारण, पिछले साल की दक्षता उन्नयन वर्कबुक का ग्रीन जोन में वितरण तथा शिक्षकों द्वारा बच्चों को दैनिक आधार पर फोन से संपर्क करना और उनकी पढाई में सहायता करना आदि प्रमुख हैं। इसी कड़ी में अब "हमारा घर-हमारा विद्यालय" कार्यक्रम प्रारंभ किया है।
मध्यप्रदेश में “खेलो इंडिया लघु केंद्र" योजना की शुरूआत
पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों के माध्यम से किया जाएगा क्रियान्वयन, वर्ष 2020-21 के लिए जिलों से 20 जुलाई तक प्रस्ताव आमंत्रित
भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा खेलो इंडिया योजना के तहत जमीनी स्तर पर खेलों के विकास एवं प्रोत्साहन की महत्वपूर्ण “खेलो इंडिया लघु केंद्रष् योजना प्रारंभ की जा रही है। योजना के अंतर्गत पूरे देश में एक हजार केंद्र स्थापित किये जाएंगे। जमीनी स्तर पर खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने की इस महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत इसका संचालन पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों के माध्यम से किया जाएगा। प्रत्येक वर्ष तीन खेलो इंडिया केंद्रों का चयन खेल और युवा कल्याण विभाग के जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारियों द्वारा जिला कलेक्टर की अनुशंसा से किया जाकर प्रस्ताव संचालनालय खेल और युवा कल्याण मध्य प्रदेश को प्रेषित किए जाएंगे। पूर्व चैंपियन खिलाड़ी नवोदित खिलाड़ियों के प्रशिक्षक एवं मार्गदर्शक बने व उनके अनुभव का पर्याप्त उपयोग खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर किया जाए। साथ ही योजना मे यह भी सुनिश्चित किया गया कि इन पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों को इस कार्य से कुछ आय प्राप्त हो सके। इस सिलसिले में प्रदेश के समस्त जिला खेल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने जिले से वर्ष 2020-21 के लिए अधिकतम दो प्रस्ताव का चयन कर निर्धारित प्रपत्र में 20 जुलाई, 2020 तक संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण को प्रेषित करें। पूरे देश में एक हजार खेलों इंडिया सेंटर की होगी स्थापना - चार वर्षीय इस योजना में पूरे देश में 1000 खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना की जाना है। इसमें ओलंपिक में खेले जाने वाले 14 खेल यथा आर्चरी (तीरंदाज़ी), एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, साइकिलिंग, फेंसिंग (तलवारबाज़ी), हॉकी, जूडो, रोइंग, शूटिंग, स्विमिंग (तैराकी), टेबल टेनिस, वेट लिफ्टिंग (भारोत्तोलन), रेसलिंग (कुश्ती) के साथ ही फुटबॉल एवं पारंपरिक खेल भी शामिल हैं। खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना के लिए पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों को प्रशिक्षक, सपोर्टिंग स्टाफ, खेल उपकरण क्रय, खेल किट, गैर-उपभोज्य ( conumaybel) एवं प्रतियोगिता में टीम को सम्मिलित करने के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। केन्द्रों का चयन करते समय खेल विभाग द्वारा संचालित 18 खेल अकादमियों के खेलों को प्राथमिकता दी जायेगी जिससे यह केन्द्र खेल अकादमी के सह प्रशिक्षण केन्द्र के रूप मे बेहतर प्रतिभा की नर्सरी तैयार कर सके। लघु खेलो इंडिया केंद्र योजना में पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों द्वारा नवोदित खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण हेतु कुछ शुल्क भी पूर्व चैंपियन खिलाड़ी नवोदित खिलाड़ियों से प्राप्त कर सकते हैं। चयनित केन्द्रों को मिलेगी आर्थिक सहायता- चयनित खेलो इंडिया केंद्रों को भारत सरकार द्वारा 4 वर्ष के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जावेगी। चार वर्षों के पश्चात पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों की पहचान स्थापित प्रशिक्षक के रूप में होने से वह स्वयं के संसाधनों से केंद्र का संचालन भविष्य मे निरंतर कर सकेंगे। चयनित खेलो इंडिया केंद्र को भारत सरकार द्वारा एक मुश्त 5 लाख रुपये केंद्र प्रति खेल के मान से खेल मैदान के रख रखाव, उन्नयन, खेल उपकरण, खेल किट आदि के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। रिकरिंग वार्षिक अनुदान राशि 5 लाख रुपए प्रति खेल के मान से पूर्व चैंपियन खिलाड़ी प्रशिक्षक को मानदेय, सहायक स्टाफ, खेल उपकरण, खेल किट, गैर उपभोग सामग्री प्रतियोगिता में टीम को सहभागिता कराने आदि के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। चैंपियन खिलाड़ी प्रशिक्षक को अधिकतम 3 लाख रुपए वार्षिक मानदेय प्राप्त करने की अनुमति होगी। शासकीय, अशासकीय स्कूल/कॉलेज में उपलब्ध खेल अधोसंरचना का कर सकेंगे उपयोग- विकास खंड एवं जिला स्तर पर शासकीय और अशासकीय स्कूल, कॉलेज, संस्था एवं अन्य उपलब्ध खेल अधोसंरचना का उपयोग पूर्व चैंपियन खिलाड़ी-प्रशिक्षक द्वारा इन प्रस्तावित खेलो इंडिया केंद्र के अंतर्गत किया जा सकता है। पूर्व चैंपियन खिलाड़ी प्रशिक्षकों द्वारा नवोदित खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए इन केंद्रों के प्रस्ताव प्रेषित कर सकते हैं। एक पूर्व चैंपियन खिलाड़ी-प्रशिक्षक द्वारा एक ही खेल के प्रस्ताव प्रेषित किए जा सकते हैं। अशासकीय खेल संस्था जो कि विगत 5 वर्षों से खेलों को प्रोत्साहित कर रही है वह अधिकतम 3 खेलों के प्रस्ताव प्रेषित कर सकती है। एक जिले से इस वर्ष अधिकतम 2 प्रस्ताव ही स्वीकार किए जाएंगे। पूर्व चैंपियन खिलाड़ी अथवा संस्था के आवेदन पत्र निर्धारित आवश्यक दस्तावेज संलग्न कर चेक लिस्ट सहित जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी द्वारा जिला कलेक्टर की अनुशंसा सहित निर्धारित अवधि में प्रेषित करना होगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें