कलेक्टर ने योजनाओं एवं विकास कार्यो का जायजा लिया
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने बुधवार को विदिशा एवं नटेरन विकासखण्ड के ग्रामों का भ्रमण कर क्रियान्वित योजनाओं, विकास कार्यो का जायजा लिया वही लाभांवित होने वाले हितग्राहियो से संवाद स्थापित कर उनके जीवन में आए परिवर्तन को जाना है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने सबसे पहले विदिशा के ग्राम बैस में कृषक श्री देवेन्द्र सिंह सेंगर के पॉली हाउस में पहुंचकर योजनाओें से आए बदलाव का जाना है। इसके पश्चात् नटेरन विकासखण्ड के नर्सरी का भ्रमण कर उद्यानिकी विभाग के द्वारा तैयार किए गए पौध तथा नर्सरी के उन्नयनीकरण हेतु किए गए प्रबंधो का मौके पर जायजा लिया है। कलेक्टर डॉ जैन ने नटेरन के ग्राम खैरई में उद्यानिकी विभाग की योजना से लाभांवित कृषक श्री पदम सिंह के नींबू के बगीचे का तथा कृषक हल्के सिंह रघुवंशी के द्वारा सागौन के पौधे को तैयार किया गया है कि जानकारी प्राप्त की है कृषकों ने अवगत कराया कि उद्यानिकी फसलों से जहां हमें हर रोज आमदनी हो रही है। उससे आर्थिक सम्पन्नता में वृद्वि हुई है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने कृषक श्री पदम सिंह के लिए सिंचाई हेतु टपक पद्वति के प्रबंध सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने शासकीय उद्यानिकी नर्सरी का भी जायजा लिया। नर्सरी की आमदनी बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक पौध तैयार करने के निर्देश दिए है। आमजन सुगमता से नर्सरी तक पहुंच सकें इसके लिए एसडीएम को रोड बनाए जाने हेतु रास्ता का निर्धारण करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर डॉ जैन नटेरन में निर्माणाधीन महाविद्यालय भवन के निर्माण कार्य का भी जायजा लिया है। उन्होंने भवन पूर्ण गुणवत्ता के साथ समय सीमा में पूरा कराए जाने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने नटेरन के शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का भी निरीक्षण किया है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने नटेरन तहसील में कृषक उत्पाद संगठन, एसपीओ की जानकारी प्राप्त की। इसके पश्चात् नटेरन तहसील कार्यालय में पहुंचकर तहसील कार्यालय का निरीक्षण किया और राजस्व कार्या के सम्पादन का अवलोकन किया है। निरीक्षण भ्रमण के दौरान एसडीएम श्री प्रवीण प्रजापति के अलावा तहसीलदार, जनपद सीईओ, उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक, सामाजिक न्याय विभाग के उप संचालक साथ मौजूद थे।
सफलता की कहानी : हितग्राही की प्रगति को देखा कलेक्टर ने पथरीली भूमि से होने लगी लाखो की आमदनी
उद्यानिकी विभाग की योजनाओं से लाभांवित हितग्राही श्री देवेन्द सेंगर की प्रगति का जायजा कलेक्टर ने पहुंचकर लिया। हितग्राही से संवाद कर कैसे प्रगति की ओर अग्रसर हुए को जाना है। विदिशा विकासखण्ड के ग्राम बैस में तीन हेक्टेयर पथरीली भूमि को उद्यानिकी फसलों से हरा-भरा ही नही किया बल्कि आमदनी के चौगुना द्वारा खुले है। कलेक्टर को हितग्राही ने बताया कि वर्ष 2016-17 में शेडनेट हाउस योजना का लाभ मिलते ही पथरीली भूमि चार हजार स्क्वायर मीटर में पहली साल टमाटर, मटर की फसल ली जिससे ढाई लाख रूपए की आमदनी हुई है जिसके बाद टमाटर-शिमला मिर्च, करेला-खीरा, लौकी, गिल्की, बरबटी की फसल ली जा चुकी है वर्तमान में गोभी और गेंदा के रोपा तैयार है। पॉली हाउस से मुझे हर साल ढाई से तीन लाख रूपए की आमदनी होने लगी है शेष पथरीली भूमि में फलोद्यान के तहत दो एकड़ में अमरूद के दो सौ पौधे लगाए है जिससे हर वर्ष एक से डेढ़ लाख रूपए की आमदनी हो रही है। खेती के लिए आवश्यक मिनी ट्रेक्टर बिथ रोटा वेटर डेढ़ लाख रूपए की अनुदान पर मिलने से उद्यानिकी फसलों को लेने में और अधिक सहूलियत हुई हैं। अब पथरीली भूमि चारो और हरी-भरी दिखने लगी है जिससे पर्यावरण में सुधार तो हुआ ही है वही मेरी आमदनी में कई गुना वृद्वि हुई है। हितग्राही श्री देवेन्द्र सेंगर ने वर्तमान में डेढ़-डेढ़ एकड में भिण्डी, बरवटी, गिल्की के पौध तैयार हो चुके है जो उत्पादन देना शुरू कर दिये है। योजना ने जहां हितग्राही के जीवन में परिवर्तन लाया वही पथरीली भूमि को हरा भरा कर पर्यावरण में सुधार लाने का भी प्रत्यक्ष रूप से योगदान दे रही है। कलेक्टर ने कृषक की प्रगति को बारीकी से निहारा और अन्य कृषकों को क्षेत्र का भ्रमण कराने की समझाईंश उद्यान विभाग के सहायक संचालक श्री केएल व्यास को दिए।
सर्पदंश के प्रकरण मेंं मदद जारी
विदिशा एसडीएम श्री गोपाल सिंह वर्मा ने विदिशा ग्रामीण तहसीलदार के प्रतिवेदन पर सर्पदंश के एक प्रकरण में आर्थिक मदद का आदेश जारी कर दिया है। तदानुसार ग्राम किरमची के संदीप की मृत्यु सर्पदंश से हो जाने के कारण मृतक के पिता श्री प्रेमनारायण को चार लाख रूपए की आर्थिक सहायता जारी की गई है।
पांच क्षेत्रो में कंटेनमेंट जोन बनाए गए
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार ने बताया कि नेशनल पोर्टल पर पांच व्यक्तियों की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट प्रदर्शित होने पर संबंधित व्यक्तियों के रहवास क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित कर नियमों के तहत कार्यवाही क्रियान्वित की गई है। प्रत्येक कंटेनमेंट जोन के लिए एक नोडल चिकित्सा अधिकारी के अलावा संक्रमित व्यक्ति की जानकारी, कंट्रेक्ट ट्रेसिंग अनुसार कंटेनमेंट जोन का निर्धारण कर चौबीस घंटे के अन्दर घर-घर सर्वे स्क्रीनिंग व अन्य प्रतिबंधात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की गई है। जिला स्तरीय आरआर टीम के द्वारा अनुमोदन उपरांत जिन पांच क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है उनमें सिरोंज विकासखण्ड के वार्ड नम्बर 18 मामा भंजा पथ क्षेत्र को तथा वार्ड नम्बर 19 गणेश पथ को नवीन कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। उक्त दोनो कंटेनमेंट जोन के लिए नोडल अधिकारी सिरोंज बीएमओ डॉ प्रमोद दीवान को नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार नटेरन विकासखण्ड में ग्राम सेऊ में एक महिला कोरोना पॉजिटिव चिन्हित होने पर ग्राम सेऊ को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। कंटेनमेंट जोन का नोडल अधिकारी नटेरन बीएम डॉ नीतू सिंह राय को नियुक्त किया गया है। विदिशा शहर के दुर्गानगर गली नम्बर चार को तथा वार्ड नम्बर 28 समाधान भवन के पास क्षेत्र को नवीन कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। उक्त दोनो क्षेत्रो के लिए नोडल अधिकारी बीएमओ डॉ एके उपाध्याय को नियुक्त किया गया है।
व्हीसी से समीक्षा आज
अपर मुख्य सचिव द्वारा वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से क्रियान्वित योजनाओं एवं कार्यक्रमों के अलावा विकास निर्माण कार्यो की समीक्षा 16 जुलाई की प्रातः 10.30 बजे से अयोजित की गई है। उक्त व्हीसी में समस्त जनपदों के सीईओ तथा आरईएस का इंजीनियरिंग अमला मौजूद रहेगा।
नवीन मंडी प्रागंण में बैंक सुविधाएं संचालित करने के निर्देश
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने नवीन विदिशा कृषि उपज मंडी एवं बासौदा की नवीन कृषि उपज मंडी प्रागंण में बैंक सुविधाएं संचालित करने के निर्देश लीड़ बैंक आफीसर श्री बीएस बघेल को दिए है। लीड़ बैंक आफीसर श्री बघेल ने अब तक क्रियान्वित कार्यवाही की जानकारी देते हुए बताया कि बासौदा नवीन कृषि उपज मंडी क्षेत्र का मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक की रिजनल मैनेजर भ्रमण करने हेतु शीघ्र आएंगे और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की त्योंदा शाखा को मंडी में शिफ्ट करने की कार्यवाही को मूर्तरूप देंगे। इसी प्रकार विदिशा की नवीन कृषि उपज मंडी मिर्जापुर के परिसर में बैंक संचालन हेतु बीएलसीसी की बैठक में सभी शाखा प्रबंधकों को अवगत कराया गया है किसी एक शाखा प्रबंधक की सहमति से बैंक का संचालन परिसर में किया जाएगा।
मध्यप्रदेश में “खेलो इंडिया लघु केंद्र’’ योजना की शुरूआत
- पूर्व चैंपियन खिलाड़ियों के माध्यम से किया जाएगा क्रियान्वयन वर्ष 2020-21 के लिए जिले से 17 जुलाई तक प्रस्ताव आमंत्रित
भारत सरकार युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय से प्राप्त निर्देशानुसार खेलो इंडिया योजना अंतर्गती जमीनी स्तर पर खेलों के विकास एवं प्रोत्साहन की महत्वपूर्ण ’’खेलो इंडिया लघु केन्द्र’’ योजना प्रारंभ की जा रही है। इस योजनान्तर्गत पूरे देश भर में 1000 केन्द्र स्थापित किये जाना है जमीनी स्तर पर खिलाडियों को प्रशिक्षित करने की इस महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत इसका संचालन पूर्व चैम्पियन खिलाडियों के माध्यम से किया जायेगा। पूर्व चैंपिंयन खिलाडी नवोदित खिलाडियों के प्रशिक्षक एवं मार्गदर्शक बने व उनके अनुभव का पर्याप्त उपयोग खिलाडियों के प्रशिक्षण पर किया जाए, साथ ही योजना में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि इन पूर्व चैंपियन खिलाडियों को इस कार्य से कुछ आय प्राप्त हो सके चार वर्ष इस योजना में पूरे देश भर में 1000 खेलों इंडिया सेंटर की स्थापना की जाना है जो कि ओलंपिक में खेले जाने वाले 14 खेल तथा आर्चरी (तीरंदाजी), एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, बैडमिंटन, साईक्लिंग, फैंसिंग (तलवारबाजी), हॉकी, जूडो, रोईंग, शूटिंग, स्वीमिंग (तैराकी), टेबिल टेनिस, वेटलिफ्टिंग (भारोत्तोलक), कुश्ती के साथ ही फुटबॉल एवं पारंपरिक खेल भी शामिल हैं। खेलों इंडिया सेंटर की स्थापना के लिए पूर्व चैंपियन खिलाडियों को अनुदान प्रशिक्षक, सपोर्टिंग स्टाफ, खेल उपकरण, खेल किट, उपभोज्य ब्वदेनउइंसमे एवं प्रतियोगिता में टीम को सम्मिलित करने के लिए दी जायेगी।
प्रत्येक वर्ष 3 खेलों इंडिया केन्द्रों का चयन खेल और युवा कल्याण विभाग के जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारियों द्वारा किया जाकर जिला कलेक्टर की अनुसंशा से प्रस्ताव संचालनालय खेल और युवा कल्याण मध्यप्रदेश को प्रेषित किये जायेगें, केन्द्रों का चयन करते समय विभाग द्वारा 18 खेल अकादमी के खेलों को प्राथमिकता दी जाये जिससे यह खेल अकादमी के सहप्रशिक्षण के केन्दों के रूप में बेहतर प्रतिभा की नर्सरी तैयार कर सके। लघु खेलों इंडिया केन्द्र योजना में पूर्व चैपिंयन खिलाडियों द्वारा नवोदित खिलाडियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा, प्रशिक्षण हेतु कुछ शुल्क भी पूर्व चैंपियन खिलाडी नवोदित खिलाडियों से प्राप्त कर सकते हैं। चयनित खेलो इंडिया केन्द्रों को भारत सरकार द्वारा चार वर्ष के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जावेगी। चार वर्षो के पश्चात पूर्व चैंपियन खिलाडियों की पहचान स्थापित प्रशिक्षक के रूप में होने से वह स्वयं के संसाधनों से केन्द्र का संचालन भविष्य में निरंतर कर सकेंगे। चयनित खेलों इंडिया केन्द्र को भारत सरकार द्वारा एक मुश्त राशि 5 लाख केन्द्र प्रति खेल के मान से खेल मैदान के रख रखाव उन्नयन, खेल उपकरण, खेल किट आदि के लिए उपलब्ध कराई जायेगी। आवर्ती वार्षिक अनुदान राशि रूपये 5 लाख प्रति खेल के मान से पूर्व चैंपियन खिलाडी प्रशिक्षक को मानदेय, सहायक स्टॉफ, खेल उपकरण, खेल किट, उपभोज्य सामग्री, प्रतियोगिता में टीम को सहभागिता कराने आदि के लिए उलब्ध कराई जायेगी। चैंपियन खिलाडी प्रशिक्षक को अधिकतम राशि रूपये 3 लाख वार्षिक मानदेय प्राप्त करनेकी अनुमति होगी। विकासखंड एवं जिला स्तर पर शासकीय और अशासकीय स्कूल, कॉलेज, संस्था एवं अन्य उपलब्ध खेल अधौसंरचना का उपयोग पूर्व चैंपियन खिलाडी प्रशिक्षक द्वारा इन प्रस्तावित खेलों इंडिया केन्द्र के लिए किया जा सकता है। पूर्व चैंपियन खिलाडी, प्रशिक्षक द्वारा नवोदित खिलाडियों को प्रशिक्षण देने हेतु इन केन्द्रों के प्रस्ताव प्रेषित किये जायें, एक पूर्व चैंपियन खिलाडी, प्रशिक्षक द्वारा एक ही खेल के प्रस्ताव प्रेषित किए जा सकते हैं। अशासकीय खेल संस्था जो कि विगत 5 वर्षो से खेलों को प्रोत्साहित कर रही है वह अधिकतम 2 खेलों के प्रस्ताव प्रेषित कर सकती है। इस वर्ष 2020-21 के लिए एक जिले में अधिकतम 2 प्रस्ताव ही स्वीकार किए जायेगें। अतः जिन खिलाड़ियों ने आर्चरी, एथलेटिक्स, बाक्सिंग, बैडमिन्टन, साइकिलिंग, फेंसिंग, हाकी, जूड़ो, रोइंग, शूटिंग, स्विमिंग, टेबल टेनिस, वेटलिफ्टिंग, कुश्ती, फुटबाल एवं पारंपरिक खेल में राष्ट्रीय खेल संघ द्वारा अधिकृत किसी भी अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक प्राप्त किया हो अथवा सीनियर राष्ट्रीय खेल प्रतियेगिता में प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया हो या आल इण्डिया यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में पदक विजेता हो अथवा खेलो इण्डिया गेम्स में पदक विजेता/सहभागिता की हो वे अपने प्रमाण पत्रो सहित कार्यालय जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी जिला खेल परिसर, स्टेडियम विदिशा में दिनांक 17 जुलाई 2020 तक कार्यालयीन समय में आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। इस हेतु आवेदकों की अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष नियत है।
पंचायतों को क्रियाशील बनाने के निर्देश
भोपाल संभागायुक्त के द्वारा संभाग के सभी जिलो की ग्राम पंचायतों को सक्रिय क्रियाशील बनाए जाने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए है। जिला पंचायत सीईओ श्री मयंक अग्रवाल ने ततसंबंध में बताया कि पंचायतों के कार्यो की समय सीमा में पूर्ण एवं सतत मानिटरिंग के लिए जनपद स्तर का नोडल अधिकारी, सहायक यंत्री एवं क्लस्टर नोडल अधिकारी उप यंत्री को नियुक्त किया गया है। जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत को ततसंबंध में आवश्यक दिशा निर्देशों की कॉपी पूर्व में उपलब्ध कराई गई है के अनुसार कार्यो को मूर्तरूप देकर पालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के निर्देश संबंधितों को दिए गए है। अब से ग्राम पंचायत में ही हर प्रकार की ग्राम स्तरीय बैठको का आयोजन किया जाएगा खासकर जिन बैठको में विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी सम्मिलित होते है ऐसी बैठको पर विशेष बल दिया गया है। जिला पंचायत सीईओ श्री अग्रवाल ने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में लाइब्रेरी संधारित की जाएगी जिसमें योजनाओें की जानकारी के साथ-साथ ज्ञानवर्धक साहित्य उपलब्ध कराया जाएगा जिन पंचायतों में उक्त कार्यवाही प्रारंभ नही की गई है उन पंचायतों के सचिव, प्रधान के विरूद्व अनुशानात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव सुनिश्चित करें के निर्देश जिपं सीईओ द्वारा जारी किए गए है। ग्राम पंचायतों को क्रियाशील बनाने हेतु त्रि-स्तरीय पत्रक में जानकारियां अंकित कर जमा कराई जानी है।
जिले में अब तक 395.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज
विदिशा जिले में एक जून से आज दिनांक तक 395.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज हुई है। जबकि गतवर्ष उक्त अवधि में 219.2 मिमी वर्षा हुई थी। मंगलवार 15 जुलाई को जिले में 1.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज हुई है। जिले की तहसीलो में स्थापित वर्षामापी यंत्रो पर 15 जुलाई को दर्ज वर्षा की जानकारी इस प्रकार से है। विदिशा मेंं आठ मिमी, कुरवाई तथा लटेरी में क्रमशः एक-एक मिमी वर्षा दर्ज की गई है शेष अन्य तहसीलों में वर्षा नगण्य रही। ज्ञातव्य हो कि जिले की तहसीलो में अब तक दर्ज वर्षा तदानुसार विदिशा में 416.1 मिमी, बासौदा में 343.8 मिमी, कुरवाई में 378.2 मिमी, सिरोंज में 289 मिमी, लटेरी में 469 मिमी, ग्यारसपुर में 345 मिमी, गुलाबगंज में 465 मिमी तथा नटेरन तहसील में 449 मिमी वर्षा दर्ज हुई है।
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