- आयुष चिकित्सक अपने कार्यस्थल पर काला बिल्ला लगाकर विरोध करते।बिहार आयुष चिकित्सक संघ के अध्यक्ष मो. आलम ने बताया कि 24 अगस्त तक विभाग द्वारा हमलोगों की मांग पर विचार नहीं किया गया तो आगामी 25 अगस्त से जिले के सभी आयुष चिकित्सक सांकेतिक हड़ताल पर चले जाएगें। आयुष चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था में काफी समस्या उत्पन्न हो सकती है....
पटना, 24 अगस्त। आयुष चिकित्सक संघ के आहवान पर आयुष चिकित्सक संघ मोर्चा के बैनर तले अपने 10 सूत्री मांगों को लेकर जिले के आयुष चिकित्सक संघ के चिकित्सकों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया। ज्ञात हो कि आयुष चिकित्सक के सभी संघों के द्वारा पिछले कई महीनों से आइसोलेशन सेंटर एवं अस्पतालों में आयुष पद्धति की दवा, मंत्री परिषद द्वारा स्वीकृत सामान्य चिकित्सकों के बराबर मानदेय देने, कार्य के दौरान मरणोपरांत उनके आश्रितों को आजीवन विशेष मानदेय, एक परिवार के एक सदस्य को नौकरी, जिले के सभी आयुष चिकित्सक को जिला देसी चिकित्सा पदाधिकारी के कंट्रोल में बनाने तथा पिछले 3 वर्षों से मांग किया जा रहा है कि सभी कार्यरत आयुष (आरबीएसके तथा मेन स्ट्रीम) के चिकित्सकों को तकनीकी आयोग के द्वारा आवेदन लेकर सीधे नियमित करने की मांग किया जा रहा है।
जबकि मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में सांकेतिक हड़ताल किया जा रहा है। संघ के सदस्य मो. आलम ने बताया कि विगत दो अगस्त को ही संघ की ओर से बिहार सरकार को ज्ञापन सौप दिया गया था। लेकिन, अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं होने के कारण आगामी 23 अगस्त तक अपने मांगों को लेकर काला बिल्ला लगकार काम किया जाएगा। जबकि आगामी 25 अगस्त को काम बंदकर सांकेतिक हड़ताल की जाएगी। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था चरमराने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। बिहार आयुष चिकित्सक संघ के आह्वान पर जिले के आयुष चिकित्सक संघ मोर्चा के बैनर तले दस सूत्री मांग को लेकर आयुष चिकित्सकों द्वारा काला बिल्ला लगाकर कार्य किया जा रहा है। वहीं अब तक मांगें पूरी नहीं हाेने पर आयुष चिकित्सकों ने सरकार के प्रति विरोध जताया है। जिले के सरकारी अस्पतालों, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, रेफरल अस्पताल, सैंपल जांच मेडिकल टीम, होम आइसोलेशन विजिटिंग मेडिकल टीम में कार्यरत सभी आयुष चिकित्सक अपने कार्यस्थल पर काला बिल्ला लगाकर विरोध कर रही है। संघ के अध्यक्ष मो. आलम ने बताया कि प्राथमिक व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्दों पर पिछले 10 वर्षों से संविदा पर कार्यरत आयुष चिकित्सक विगत चार माह से भी ज्यादा समय से कोविड-19 महामारी में बिना किसी अवकाश के फ्रंट बैरियर के रूप में सभी आइसोलेशन व क्वारेंटाइन सेंटर पर नियुक्त हैं।
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