केंद्रांश व राज्यांश की राशि के अभाव में एकाउंटस नम्बर- 2211 से वेतन नहीं मिल रही है। आखिरकार कबतक ए.एन.एम.दीदी को वेतन नहीं नहीं मिलगी? पटना जिले के सिविल सर्जन डाक्टर राजकिशोर चौधरी के साथ 37 जिले के सिविल सर्जन असहाय दिख रहे हैं...
पटना, 29 अगस्त । जो हाल वित्तीय वर्ष 2019-20 में था वही हाल 2020-21 में हो रहा है। बिहार सरकार के राज्यकर्मी बेहाल हैं। खासकर स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ए.एन.एम.। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ए.एन.एम.को दो हिस्से में विभक्त किया गया है। एक हिस्से में कार्यरत ए.एन.एम.को विशुद्ध रूप से बिहार सरकार वेतन देती है। इनको एकाउंटस नम्बर- 2210 से वेतन मिलता है। इनको नियमित वेतन मिलती है। दूसरे हिस्से में कार्यरत ए.एन.एम. को परिवार कल्याण केंद्र प्रायोजित योजना में शामिल किया गया है। इनको केंद्रांश व राज्यांश की राशि से वेतन दी जाती है।इनका एकाउंटस नम्बर- 2211 है। केंद्र सरकार के द्वारा केंद्रांश नहीं भेजने पर बिहार सरकार के द्वारा राज्यांश की राशि नहीं मिलायी जाती है। इस तरह डबल इंजन के जाल में परिवार कल्याण केंद्र प्रायोजित योजना में शामिल ए.एन.एम. फंसकर रह गयी हैं। इनको मार्च 2020 से चालू माह अगस्त 2020 के बीच वेतन नहीं मिली है।
बताते चले कि राज्य सरकार की ओर से ए.एन.एम.को नियमित वेतन नहीं दी जा रही है। परिवार कल्याण केंद्र प्रायोजित योजना में शामिल ए.एन.एम. का हाल बेहाल है। इनके समक्ष वेतन के अभाव में भूखमरी की नौबत आ गयी है।लॉकडाउन की स्थिति में इम्यूनिटी पावर कम होने से संक्रमित हो रही है। अब तो स्थिति यह है कि इम्यूनिटी कम होने से परिवार के लोगों पर भी संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ गया है। परिवार में बीमारी से लड़ने के लिए पौष्टिक भोजन का बेहद अभाव हो गया है। बनिया उधार देना बंद कर रहे हैं। केंद्र सरकार के द्वारा केंद्रांश नहीं देने पर भी परिवार कल्याण केंद्र प्रायोजित योजना में शामिल हजारों की संख्या में ए.एन.एम. टीकाकरण व परिवार कल्याण का कार्य मुस्तैदी से कर रही हैं।उसी तरह राज्य सरकार के द्वारा राज्यांश नहीं देने पर पोलियों अभियान की तरह घर-घर जाकर कोरोना संक्रमणितों को खोजने के बादकोरोना संक्रमणितों को खोजने के बाद रैपिड एंटीजन टेस्ट कर रही हैं। फिर भी केंद्रांश व राज्यांश की राशि के अभाव में एकाउंटस नम्बर- 2211 से वेतन नहीं मिल रही है। आखिरकार कबतक ए.एन.एम.दीदी को वेतन नहीं नहीं मिलगी? पटना जिले के सिविल सर्जन डाक्टर राजकिशोर चौधरी के साथ 37 जिले के सिविल सर्जन असहाय दिख रहे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें