नयी दिल्ली, 27 अगस्त, बहुजन समाज पार्टी के नेता एवं सांसद कुंवर दानिश अली ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के विद्यार्थियों को जेहादी कहकर देश विरोधी भ्रामक प्रचार करने का सुदर्शन चैनल के प्रबंध निदेशक सुरेश चव्हाण पर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर से गुहार लगाई है। लोकसभा सदस्य श्री अली ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, “धर्मांधता और वाणी की निरंकुशता ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के असहयोग आंदोलन से उत्पन्न जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के माथे पर जिहादी की मुहर लगा दी है। गांधी जी के पुत्र देवदास ने शिक्षक के रूप में इस विश्वविद्यालय की सेवा की। आज़ादी से पहले एवं बाद में जामिया ने राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका अदा की है।” उन्होंने कहा कि देश के ऐसे श्रेष्ठ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ‘जामिया के जिहादी' नाम देना और वह भी केवल इसलिए कि यहां के विद्यार्थी रहे बड़ी संख्या में युवा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा(आईपीएस) संवर्ग के लिए चुने जा रहे हैं या उनके जैसे पूर्व छात्र सांसद निर्वाचित किये जा रहे हैं।
श्री अली ने कहा कि सुरेश चव्हाण ने न केवल मर्यादाएं लांघी हैं, बल्कि देश का कानून भी तोड़ा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा ट्विटर इंडिया से निवेदन है कि इस देश विरोधी भ्रामक प्रचार का संज्ञान लें और इसमें लिप्त सभी लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करें। गौरतलब है सुरेश चव्हाण के सुदर्शन चैनल का एक प्रोमो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जामिया के जेहादी नाम से एक कार्यक्रम शुक्रवार को शुरू करने वाले हैं। प्रोमो में कहा गया है ऐसे क्या कारण हैं कि बड़ी संख्या में जामिया के विद्यार्थी आईएएस और आईपीएस संवर्ग के लिए चुने जा रहे हैं। इसके पीछे क्या साजिश है। नौकरशाही में मुसलमानों के घुसपैठ का खुलासा करने का दावा किया जा रहा है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व विद्यार्थियों ने इसकी निंदा करते हुए सुरेश चव्हाण के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने के लिए कानूनी विकल्प पर विचार कर रहे हैं। आईपीएस संगठन ने भी सुरेश चव्हाण द्वारा धर्म विशेष के खिलाफ शुरू किये जा रहे कार्यक्रम की निंदा की है। संगठन की ओर से कहा गया कि सुदर्शन चैनल पर धर्म के नाम पर सिविल सेवा के उम्मीदवारों को निशाना बनाकर कार्यक्रम किया जा रहा है। वह इस साम्प्रदायिक और गैरजिम्मेदाराना पत्रकारिता की निंदा करते हैं
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