भोपाल, 16 अगस्त, मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने रविवार को सागर में मसवासी ग्रंट में अत्याधुनिक एकीकृत ठोस कचरा प्रबंधन इकाई के लोकार्पण के साथ ही प्रदेश में 'गंदगी भारत छोड़ो-मध्यप्रदेश' अभियान की भी शुरुआत की। इस इकाई की लागत 70.54 करोड़ रुपये है। सबसे अहम बात यह है कि यहां पर प्रदेश का पहला ‘एनीमल कारकस प्लांट’ भी लगाया गया है, जहां मृत मवेशियों के शवों का वैज्ञानिक ढंग से निपटान किया जायेगा। 'गंदगी भारत छोड़ो-मध्यप्रदेश' अभियान 16 से 30 अगस्त तक चलेगा। इस अवसर पर सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया की प्लांट में स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाये। सिंह ने कहा कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर और कटनी मे इस तरह के प्लांट संचालित हैं, लेकिन सागर का यह प्लांट आधुनिकतम मशीनों से लैस है। प्लांट में सागर नगर निगम सहित जिले के 10 नगरीय निकाय खुरई, मकरोनिया, राहतगढ़, बीना, देवरी, बंडा, गढ़ाकोटा, रहली, शाहपुर, शाहगढ़ से निकलने वाले कचरे का निष्पादन किया जायेगा और जैविक खाद तैयार की जायेगी। प्लांट संक्रामक बीमारियों से रोकथाम और सागर को कचरा मुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य व समृद्धि के लिये स्वच्छता आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस दिशा में देश और प्रदेश को गंदगी मुक्त बनाने के लिए लगातार कार्य किया है। इसी का परिणाम है कि देश के सबसे स्वच्छ शहरों में प्रथम और द्वितीय स्थान रखने वाले शहर इंदौर, भोपाल मध्यप्रदेश के हैं। उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षों में मध्यप्रदेश के शहरों में कचरे के ढेर देखने को नहीं मिलेंगे। शहरों की गंदगी सबसे बड़ी समस्या है। इसे हमें चुनौती के रूप में लेना है।
सोमवार, 17 अगस्त 2020
'गंदगी भारत छोड़ो-मध्यप्रदेश' अभियान की शुरुआत
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