नयी दिल्ली, 28 अगस्त, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई प्रमुख नेताओं ने कोरोना महामारी के बीच छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) तथा राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) स्थगित करने की मांग करते हुए कहा है कि सरकार को इस मुद्दे पर छात्रों से बातचीत कर उनकी सहमति के अनुसार ही निर्णय लेना चाहिए। श्रीमती गांधी ने इंजीनियरिंग तथा मेडिकल प्रवेश परीक्षा टालने के वास्ते केंद्र पर दबाव बनाने के लिए ‘स्पीकअप फाॅर स्टूडेंट्स’ कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को वीडियो जारी कर कहा “बच्चे हमारा भविष्य है और कल के बेहतर भारत के निर्माण के लिए हम उन पर निर्भर हैं इसलिए उनके भविष्य को लेकर जो भी निर्णय लिया जाता है तो यह आवश्यक है कि इसमें उनकी सहमति हो।” श्री राहुल गांधी ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि सरकार को छात्रों की बात सुननी चाहिए क्योंकि वे बुद्धिमान हैं और उनके दिलों में इस देश का हित बसता है इसलिए इन परीक्षाओं के संबंध में कोई भी निर्णय उनसे बातचीत और उनकी सहमति के आधार पर ही लिया जाना चाहिए।” इससे पहले सुबह उन्होंने सरकार पर यह परीक्षा आयेाजित कर छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया और कहा “लाखों परेशान छात्रों के साथ अपनी आवाज़ जोड़िए। स्पीकअप फ़ॉर स्टूडेंट सेफ्टी आज 10 बजे से। आइए, सरकार से छात्रों की बात सुनने की माँग करें।” श्रीमती वाड्रा ने कहा “सरकार जेईई और नीट परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों और उनके माता-पिता की आवाज़ की अनदेखी नहीं कर सकती। वे हमारे देश का भविष्य हैं।महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उन्हें इस तरह से संक्रमण की तरफ धकेलना क्या उचित है। क्या वे हमारे बच्चे भी नहीं हैं।” कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा “राष्ट्रीय छात्र संगठन-एनएसयूआई के यहां शास्त्री भवन में चल रहे विरोध-प्रदर्शन में अपनी एकजुटता दिखाने के लिए पहुंचे। भाजपा सरकार को कोविड के दौरान सुरक्षा और परिवहन को लेकर चिंतित छात्रों की आवाज जरूर सुननी चाहिए। सरकार को जेईई और नीट परीक्षा पर निर्णय लेने से पहले छात्रों की बात सुननी चाहिए।”
शुक्रवार, 28 अगस्त 2020
जेईई-नीट परीक्षा पर छात्रों की बात सुने सरकार : सोनिया गाँधी
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