रंजन यादव कहते हैं कि हम लोग को ऐसा लगता है अगर लालू यादव के नाम नहीं होता तो आप एक बार मेंबर सदस्य भीनहीं बन पाते सुशील मोदी जी शर्म आती है आपकी गंदी सोच पर कभी अपना भी तो पराक्रम दिखाइए। कबतक लालू भगवान का नाम जपते जपते वैतरणी पार लगाइएगा!.......
पटना, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी हैं। उनका गुड र्मोनिंग लालू-राबड़ी सरकार से शुरू होती है, औरसोशल मीडिया फेसबुक पर आलोचना पढ़कर गुड नाइट होती है। उन्होंने आज ट्वीट किया है लालू- राबड़ी राज मेंसरकारी स्कूलों का बुरा हाल था। वर्षों से टीचर भर्ती नहीं हुई थी और जो नियुक्त थे, उन्हें मुश्किल से वेतन मिलता था।एनडीए सरकार आने पर जब नियुक्तियां शुरू हुई थीं, तब चरवाहा विद्यालय खोलवाने वाले लालू प्रसाद ने शिक्षकअभ्यर्थियों की योग्यता पर सवाल उठाये थे। उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी कहते हैं कि 15 साल में इन शिक्षकों की सेवाशर्तों में काफी सुधार हुआ। वेतन 5 हजार से बढ़कर 25 हजार तक हो गया। जनता ने फिर सेवा का मौका दिया, तो शिक्षकों की बाकी अपेक्षाएँ भी एनडीए सरकार हीपूरी करेगी। बिहार की पहली एनडीए सरकार ने स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात को ठीक करने के लिए निश्चित वेतन परशिक्षकों की नियुक्तियां कीं और दो चरणों में 3 लाख से ज्यादा शिक्षित बेरोजगार युवाओं को टीचर बनने का अवसर दियाथा। उन्होंने कहा कि आज लालू- राबड़ी राज की पार्टी उन्हीं नियोजित शिक्षकों के एक वर्ग को सरकार के विरुद्ध उकसा करचुनाव जीतना चाहती है, लेकिन शिक्षक अपने हित-अहित को समझने में गलती नहीं करेंगे। लालू- राबड़ी राज में सरकारीस्कूलों का बुरा हाल था। वर्षों से टीचर भर्ती नहीं हुई थी और जो नियुक्त थे, उन्हें मुश्किल से वेतन मिलता था। एनडीएसरकार आने पर जब नियुक्तियां शुरू हुई थीं, तब चरवाहा विद्यालय खोलवाने वाले लालू प्रसाद ने शिक्षक अभ्यर्थियों कीयोग्यता पर सवाल उठाये थे। उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी को विकास कुमार कहते हैं कि शायद आपकी दिमागी हालत ठीक नहीं हैं, इसलिए शिक्षकों केशोषण को अपनी उपलब्धि बता रहे हैं। इस बार आपकी दाल नहीं गलेगी, शिक्षक आप जैसे चापलूस के चक्कर में नहींपड़ेंगे।15 वर्षो के अपमान का बदला इस चुनाव में लेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा को बर्बाद करके अपना वाहवाही करना हीआपको सत्ता से बाहर करने का मार्ग प्रर्दस्त करेगा।बिहार के जागरूक जनता से अपील हैं, शिक्षा व्यवस्था को रसातल मेंभेजने वाली निक्कमी सरकार को सत्ता से बाहर कर शिक्षा को बचाने का काम करे।
रवि कुमार मिश्रा जो लोग समझते है कि सरकार बदलने से नया वेतनमान,उद्योग क्रांति,शिक्षा स्वास्थ्य का विस्तार औरबाकी सुविधाएं संभव हो पाएंगी तो यह समस्याएं 15साल पहले से चली आ रही थी और आज भी बिहार की विपक्षीपार्टियों के पास कोई खास अगले पांच सालो का विकास संबंधी प्लान जनता के बीच नहीं है। आयुष झा कहते हैं कि बिहार में फटाफट सिपाही का भर्ती हो जाता है और बांकी सब परीक्षा दांत बिचका देता है। औरजब पुराना बीएसएससी का कैंडिडेट और अन्य परीक्षार्थी जब अपना 6 साल से पेंडिंग पड़े परीक्षा को करवाने के लियेरोड पर उतरता है तो वही सिपाही, कैंडिडेट को रोड पर पटक पटक के मारता है। यही नीति है। रंजन यादव कहते हैं कि हम लोग को ऐसा लगता है अगर लालू यादव के नाम नहीं होता तो आप एक बार मेंबर सदस्य भीनहीं बन पाते सुशील मोदी जी शर्म आती है आपकी गंदी सोच पर कभी अपना भी तो पराक्रम दिखाइए। कबतक लालूभगवान का नाम जपते जपते वैतरणी पार लगाइएगा! अमित गुप्ता ने कहा कि वितरित शिक्षक को कितने सालो में ससमतल के नाम पे अनुदान दी जाती है वो भी इतना ही जैसेऊँट के मुह जीरा के बराबर... ऐसा कब तक चलेगा... कब तक??? उन वितरित कॉलेज के शिक्षक को अच्छे से जीने काहक है वो सारे एनडीए को पूर्ण बहुमत से विजय बनाती है लेकिन हर वार वादा कर छोर देते हो ऐसा! आखिरकार कब तक! राकेश यादव ने कहा कि उनके राज में तो स्कूलों का ही बुरा हाल था.....आपके राज में तो पूरी जनता का बुरा हाल है...झूठ का गोला फेकना बंद करिए....क्योकि इस बार लालटेन सरकार....कभी शिक्षक अभ्यर्थी का दर्द आके देखिये समझ आ जायेगा सब कुछ...।
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