मधुबनी : जिले में लाखों-करोड़ों की लागत से झंझारपुर में लगी मखाना प्रोसेसिंग यूनिट 12 साल से धूल फांक रही है। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते मशीनों में जंग लग गया है। मखाना और उसके अन्य उत्पाद से अच्छी आमदनी का सपना टूट चुका है। मधुबनी जिले में व्यापक स्तर पर मखाना की खेती व उत्पादन होता है। इसके किसानों की आमदनी बढ़े, इसके लिये झंझारपुर के कन्हौली में सहकारिता विभाग की दो एकड़ जमीन पर मखाना प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना हुई थी। इस पर तकरीबन 32 लाख रुपये खर्च हुए थे।
इसका उद्घाटन दिसंबर 2008 में तत्कालीन सहकारिता मंत्री गिरिराज सिंह, तत्कालीन आपदा प्रबंधन मंत्री नीतीश मिश्रा ने किया था। इसके संचालन की जिम्मेदारी व्यापार मंडल सहयोग समिति लिमिटेड और सहकारिता विभाग के अधिकारियों के जिम्मे थी। इसमें मखाने से लावा तैयार करने के अलावा चिप्स, खीर का पाउडर सहित अन्य पैकेट बंद खाद्य वस्तुओं का निर्माण करना था। इसकी सप्लाई स्थानीय बाजार से लेकर महानगरों तक करने की योजना थी। करीब छह महीने तक यहां उत्पादन होने के बाद काम ठप पड़ गया। तब से यहां मशीनें बंद पड़ी हैं। इतना ही नहीं इस यूनिट को नियमित बिजली आपूर्ति के लिए गैसीफायर यूनिट भी लगाई गई थी, यह भी बंद है।
मखाना किसान झड़ी लाल सहनी, लाल बहादुर सहनी, चंद्र मोहन सहनी, सुबध मुखिया, चंद्रशेखर मुखिया, मंगल सहनी, किशन सहनी, सुधीर सहनी और लक्ष्मण सहनी ने बताया कि इस यूनिट के शुरू होने से बड़ी उम्मीद जगी थी। फसल का उचित दाम मिलता, लेकिन यह सब सपना रह गया। व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजाराम यादव ने बताया कि यूनिट चलाने में प्रखंड सहकारिता विभाग की उदासीनता सामने आती रही। इसके संयंत्रों की गड़बड़ी दूरकर इसे फिर से चालू किया जा सकता है। लेकिन, प्रशासन को पहल करनी होगी। झंझारपुर के सहकारिता पदाधिकारी अनीश कुमार दुबे ने बताया कि उपकरण की गड़बड़ी से यूनिट का संचालन नहीं हो रहा। इससे विभाग को शीघ्र ही अवगत कराया जाएगा। चालू कराने का प्रयास होगा।
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