बेतिया स्थित संत जेवियर बालिका शिक्षण संस्थान के निदेशक आनंद सिरिल सेराफिम के बड़े भाई थे मुकेश पीटर....
बेतिया,25 अगस्त। संत जेवियर कॉलेज,रांची में पढ़े थे मुकेश पीटर । इसके बाद उन्होंने एक्सआईएसएस, रांची से मैनेजमेंट किये थे। उच्चतम शिक्षा हासिल करने के बाद कारितास इंडिया में रीजनल आफिसर पद पर कार्यरत रहे। यहां से हटने के बाद अभी भी परिहार ग्रामीण सेवा समिति (पीजीएसएस) में कार्यरत थे। यह गोरखपुर धर्मप्रांत में है। अन्य धर्मप्रांतों में सेवा केन्द्र के नाम से जाना जाता है। बुधवार को मुकेश पीटर का निधन हो गया। गुरूवार 27 अगस्त को गोरखपुर में 2 बजे पार्थिव शरीर का दफन कर दिया जाएगा। बताते चले कि ईसाई समुदाय याजक और अयाजक वर्ग में विभक्त है।इसे इस तरह से आसानी से समझा जा सकता है। जो लोग धर्मसमाज में प्रवेश कर जाते हैं,उन्हें याजक और जो धर्मसमाज में प्रवेश नहीं करते हैं,उनको अयाजक कहा जाता है। याजक और अयाजक वर्गों का नेतृत्व करने वाले करने संत पापा से याजक वर्ग मिल सकते हैं। अयाजक वर्ग को मिलने में मुश्किल होती है। गोरखपुर निवासी मुकेश पीटर को अहोभाग्य रहा कि संत पापा जोन पौल द्वितीय से मिलकर आर्शीवाद ले सके।आज उनका निधन हो गया। वे 63 साल के थे।अपने पीछे पत्नी लुसी पीटर के साथ एक बेटा और एक बेटी छोड़ गये।
इस संदर्भ में बेतिया स्थित संत जेवियर बालिका शिक्षण संस्थान के निदेशक आनंद सिरिल सेराफिम का कहना हैं कि संत पापा जोन पौल द्वितीय से मिलकर आर्शीवाद लेने वाले मुकेश पीटर जी मेरे बड़े भाई थे। उन्होंने कहा कि आज सुबह आठ बजे दम तोड़ दिए।बड़े भाई गोरखपुर में रहते थे.उनको लो ब्लड शूगर से पीड़ित थे। बता दें कि ब्लड में शुगर लेवल 70 mg/dl या इससे कम हो जाने को लो ब्लड शुगर या हायपोग्लायसीमिया कहा जाता है।डायबिटीज के पेशेंट्स में ज्यादा दवा लेने, भूखा रहने, या ज्यादा एक्सरसाइज करने के कारण इन्सुलिन लेवल ज्यादा हो जाता है। इससे ब्लड में शुगर कम हो जाती है।इसके कारण कई सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती है। आनंद सिरिल सेराफिम ने कहा कि गोरखपुर में भाभी लुसी पीटर रहती हैं। एक लड़का रोहित और लड़की अंकिता हैं। दोनों अविवाहित हैं।दोनों इंजीनियर हैं। दोनों बैंगलोर में कार्यरत हैं।
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