नयी दिल्ली, 14 अगस्त, राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने देश में हाल ही में लागू नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को दूरदर्शी और दूरगामी परिणाम वाली नीति करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे नये भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। श्री कोविंद ने 74वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर राष्ट्र के नाम अपने सम्बोधन में कहा कि देश के नौनिहालों और युवाओं को भविष्य की जरूरतों के अनुसार शिक्षा प्रदान करने की दृष्टि से केंद्र सरकार ने हाल ही में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ लागू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नयी शिक्षा नीति से गुणवत्ता युक्त एक नयी शिक्षा व्यवस्था विकसित होगी जो भविष्य में आने वाली चुनौतियों को अवसर में बदलकर नये भारत का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने कहा, “हमारे युवाओं को अपनी रूचि और प्रतिभा के अनुसार अपने विषयों को चुनने की आजादी होगी। उन्हें अपनी क्षमताओं को विकसित करने का अवसर मिलेगा। हमारी भावी पीढ़ी, इन योग्यताओं के बल पर न केवल रोजगार पाने में समर्थ होगी, बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी।” राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक दूरदर्शी और दूरगामी परिणाम वाली नीति है। इससे शिक्षा में ‘समावेशन (इन्क्लूजन)’, ‘नवाचार (इनोवेशन)’ और ‘संस्था (इंस्टीट्यूशन)’ की संस्कृति को मजबूती मिलेगी। नयी शिक्षा नीति के तहत मातृभाषा में अध्ययन को महत्व दिया गया है, जिससे बालमन सहजता से पुष्पित-पल्लवित हो सकेगा। साथ ही इससे सभी भारतीय भाषाओं और भारत की एकता को आवश्यक बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र को सशक्त बनाने के लिए उसके युवाओं का सशक्तीकरण आवश्यक होता है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस दिशा में एक बड़ा कदम है।
शनिवार, 15 अगस्त 2020
नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति से प्रशस्त होगा नये भारत का मार्ग : कोविंद
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