गया, 28 अगस्त। मुख्यमंत्री बिहार श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से पंचायती राज विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित ‘हर घर नल का जल’ निश्चय एवं ‘हर घर तक पक्की गली-नालियां’ निश्चय अंतर्गत विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन एवं लोकार्पण किया। ‘हर घर नल का जल’ निश्चय योजना अंतर्गत बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा 11,501.86 करोड़ रूपये की लागत से 31,833 ग्रामीण वार्डों में 50,93,000 घरों में जलापूर्ति तथा पंचायती राज विभाग द्वारा 8,700 करोड़ रूपये की लागत से 55,003 ग्रामीण वार्डो में 88 लाख घरों में जलापूर्ति तथा बिहार के शहरी क्षेत्रों में नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा 228.87 करोड़ रूपये की लागत से 687 शहरी वार्डों में 2,01,791 घरों में जलापूर्ति के कार्य का उद्घाटन एवं लोकार्पण किया गया। वहीं ‘घर तक पक्की -गली नालियां’ निश्चय के अंतर्गत बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग द्वारा 12,700 करोड़ रूपये की लागत से 1,13,902 ग्रामीण वार्डों में, बिहार के शहरी क्षेत्रों में नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा 585.78 करोड़ रूपये की लागत से 1898 शहरी वार्डों में योजनाओं का भी उद्घाटन एवं लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित ‘हर घर नल का जल’ निश्चय एवं ‘हर घर तक पक्की गली-नालियां’ निश्चय अंतर्गत विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन एवं लोकार्पण कार्यक्रम के लिए धन्यवाद देता हूं। यह कार्यक्रम 7 निश्चय योजना के अंतर्गत दो प्रमुख निश्चय हर घर नल का जल एवं हर घर तक पक्की गली-नालियों का निर्माण कर उसका क्रियान्वयन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2010 में यात्रा के दौरान मुंगेर जिले के अंतर्गत खैरा ग्राम जाने का मौका मिला था। वहां के लोगों ने फ्लोराइड के कारण हो रही परेशानी के बारे में जानकारी दी। भोजपुर जिले के बड़हरा पंचायत में भी जाने का मौका मिला था जो कि आर्सेनिक प्रभावित इलाका है। उसके पहले 2009 में विकास यात्रा के दौरान खगडि़या में आयरन प्रभावित पानी होने की जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि इसका अध्ययन कराया गया और उसके बाद लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने काम करना शुरु किया लेकिन फरेस्ट विभाग से अनुमति नहीं लिए जाने के कारण थोड़ी विलंब हुई और वर्ष 2017 में खड़गपुर झील से पीने का पानी को शुद्ध कर पेयजल के रुप में लोगों तक पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 14 जिलों के 5085 वार्ड आर्सेनिक प्रभावित हैं, 11 जिले 3814 वार्ड फ्लोराइड प्रभावित हैं और 12 जिले 21,598 वार्ड आयरन प्रभावित हैं। कुल मिलाकर 31 जिलों के 30 हजार 419 वार्ड आर्सेनिक, फ्लोराइड एवं आयरन से प्रभावित हैं। इन सभी वार्डों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए निंरतर काम किया जा रहा है। पहले लोगों को पेयजल कुआं और चापाकल से मिलता था लेकिन हमलोगों ने निश्चय किया कि अब हर घर तक शुद्ध पेयजल नल के माध्यम से पहुंचाएंगे और गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल हर हाल में मिलेगा। इस काम को विकेंद्रीत तरीके से किया गया। जिसमें मुखिया जी को भी अधिकार दिया गया। वार्ड के द्वारा वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के माध्यम से इस काम को तेजी से किया गया। गुणवत्ता प्रभावित वार्डों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को दी गई। इस काम को पूरा करने में काफी परेशानी हुई, बावजूद इसके काम को पूर्ण किया गया और जो बचे हुए काम हैं उसे भी अक्टूबर, 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। हमलोगों ने काम पूर्ण किया है लेकिन इसके मेंटेनेंस और देखभाल भी निरंतर करनी होगी। नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा कुल 3,370 वार्डों में से 1,421 वार्डों में कार्य पूरा कर लिया गया है। शेष बचे हुए काम को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा 817 वार्डों में अमृत योजना के तहत लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा, जिसकी राशि मिल गई है और उस पर काम शुरु हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा जानकारी दी गई है कि 89 लाख घरों में नल का जल पहुंचाने के लक्ष्य के तहत 51 लाख 88 हजार घरों में नल का जल पहुंचा दिया गया है। शेष बचे हुए काम अक्टूबर तक पूर्ण हो जाएंगे। कोरोना संक्रमण के कारण योजनाओं की प्रगति थोड़ी धीमी रही। बाढ़ के कारण भी प्रभावित क्षेत्रों में कार्य अवरुद्ध हुआ है लेकिन उम्मीद है कि बचे हुए कार्य जल्द पूर्ण हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में लोगों को शुद्ध पेयजल की सुविधा वर्ष 2020 के अंत तक मिल जाएगी। जैसा कि बताया गया है कि पूरे देश में वर्ष 2024 तक तथा विश्व भर में 2030 तक इसका लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। लोग इसका सदुपयोग करें, पानी का दुरुपयोग ना करें। कुछ लोग इस जल को पटवन एवं जानवरों के लिए भी उपयोग में लाते हैं, यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए भी कार्य किये जा रहे हैं। भू-जल के स्तर को मेंटेन रखने के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत 7 अवयव जल संरक्षण के लिए निर्धारित किए गए हैं, जिसके अंतर्गत तालाब, आहर, पईन, पोखर सार्वजनिक कुओं का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने हेतु हर घर नल का जल योजना के साथ-साथ कुओं एवं चापाकल को भी मेंटेन रखेंगे। उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए बिजली आपूर्ति पर काम किया जा रहा है। हर घर शौचालय का भी काम पूरा किया जा रहा है। लोग शौचालय का उपयोग करें, खुले में शौच न जाएं। अगर खुले में शौच से मुक्ति मिल जाए और पीने के लिए स्वच्छ पानी उपलब्ध हो तो आज होने वाली 90 प्रतिशत बीमारियों से मुक्ति मिल जाएगी। शराब पीने से जो बीमारी फैलती थी, उसके लिए महिलाओं की मांग पर हमने शराबबंदी लागू किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए लोगों के हित में काम करते हैं। समाज सुधार के साथ-साथ सभी क्षेत्रों में विकास के कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हम केंद्र में मंत्री थे तब भी पैदल घूमते थे और लोगों की समस्याओं की जानकारी लेते थे। ज्यादा लोगों की मांग सड़कों के निर्माण और गली-नाली के निर्माण की होती थी। ग्रामीण इलाकों में गर्मी के दिनों में भी कीचड़ भरा रहता था, जिससे लोगों को आवागमन में काफी कठिनाई होती थी। हमलोगों ने पूरे राज्य में बेहतर सड़क का निर्माण कराया और सभी को पक्की सड़कों से जोड़ा। हमलोगों ने निश्चय किया कि जब गांव सड़क से जुड़ गये तो गांव के अंदर भी पक्की गली नाली का निर्माण कराएंगे, जिससे जब लोग घर से निकलेंगे तो सड़क तक जाने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। पंचायती राज विभाग ने जानकारी दी है कि कुल 8386 ग्राम पंचायतों के 1 लाख 14 हजार 691 वार्डों में 1 लाख 15 हजार 902 वार्डों में पक्की नाली गली का निर्माण पूर्ण हो गया है। इस पर 12 हजार 700 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। पक्की गली नाली के निर्माण में पेवर ब्लक्स का भी उपयोग किया जा रहा है इससे वर्षा के दौरान पानी जमीन के अंदर जाने से भू-जल का स्तर हमेशा बना रहेगा। अगर फिर से कुछ निर्माण कार्य किया जाना है तो उसको आसानी से उखाड़ा जा सकता है और कार्यों को किया जा सकता है।
माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हर घर नल का जल’ निश्चय एवं ‘हर घर तक पक्की गली-नाली’ का निर्माण कार्य तेजी से पूर्ण होने की वजह कार्यों को विकेंद्रीकरण तरीके से कराया जाना है। इसमें मुखिया जी के साथ-साथ वार्ड सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006-07 में शिक्षा समिति के माध्यम से स्कूलों का निर्माण कराया गया है। 1 लाख से अधिक कमरों का निर्माण कराया गया है। पंचायतों में पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जा रहा है। इसे छह हिस्सों में बांटा गया है, इसका एक हिस्सा पूरा हो गया है। बाकी पंचायत सरकार भवनों के निर्माण के लिए मुखिया जी को अधीकृत किया गया है, जिन्हें राशि आवंटित की जाएगी और निर्माण कार्य की जिम्मेवारी भी उन्हीं की होगी। पंचायत भी सरकार है और इसीलिए इसे पंचायत सरकार भवन नाम दिया गया। पंचायत सरकार भवन को ऊंचा बनाया जा रहा है, जिससे आपदा के समय इसका उपयोग किया जा सकेगा। मुखिया जी आप भी सरकार हैं। विकेंद्रीत तरीके से काम किया गया तो पंचायत से लेकर नगर निकाय तक काम बेहतर तरीके से हो पाया। अब हर वार्ड पार्षद, मुखिया जी सभी की कदर बढ़ गई। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने पंचायत सरकार भवन के निर्माण के लिए 15 वें वित्त आयोग से एडिशनल राशि आवंटन की मांग की है। 14वें वित्त आयोग द्वारा सिर्फ पंचायतों के लिए राशि आवंटित कि गई थी इसमें प्रखंडों एवं जिला परिषद के लिए कोई राशि का प्रावधान नहीं किया गया था लेकिन हमलोगों ने इसकी मांग की, जिसका प्रावधान 15वें वित्त आयोग में किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों द्वारा कार्यान्वित एवं अनुरक्षित योजनाओं के लिए वार्षिक अनुरक्षण अनुदान 12 हजार रुपए से बढ़ाकर 24 हजार रुपए कर दिया गया है। अब वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों को दिया जाने वाला अनुरक्षण अनुदान 1 हजार से बढ़ाकर 2 हजार रुपए प्रतिमाह हो गया। सभी उपभोक्ताओं को 30 रुपए का निर्धारित शुल्क भी देना चाहिए। पेयजल के अनुरक्षण कार्य में संबद्ध अनुरक्षकों को 500 रुपए प्रतिमाह की दर से दिए जाने वाले रिटेनर शुल्क को बढ़ाकर 1 हजार रूपये कर दिया गया है। ग्राम पंचायत, पेयजल निश्चय योजना के संचालन, रख रखाव एवं अनुरक्षण का कार्य ठीक ढंग से करते रहें।
कार्यक्रम के दौरान हर घर तक नल का जल, हर घर पक्की गली-नाली के निर्माण पर आधारित एक-एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। हर घर तक नल का जल योजना के लाभार्थियों से भी मुख्यमंत्री ने संवाद किया। शिवहर जिला के बसहिया पंचायत के वार्ड नंबर 16 की श्रीमती सबिता सिंह, मथुरापुर पंचायत के वार्ड नंबर-16 के श्री अजय कुमार सिंह, रोहतास के नासरीगंज नगर पंचायत की श्रीमती निर्मला देवी, श्री महेश प्रसाद गुप्ता, कटिहार जिले की जीविका दीदी, मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर पंचायत के फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्र की लाभार्थी श्रीमती चंदा देवी, भागलपुर के सबौर के आर्सेनिक प्रभावित श्री लखन लाल मंडल एवं श्रीमती ललिता देवी ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया एवं इन योजनाओं के लिए धन्यवाद दिया। सभी लोगों ने कहा कि पीने के लिए शुद्ध पेयजल मिल रहा है। खाना बनाने में भी सुविधा हो रही है। आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने शुद्ध पेयजल की उपलब्धता होने को लेकर खुशी जाहिर की है और कहा कि इससे सेहत पर अच्छा प्रभाव पड़ रहा है। कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री विनोद नारायण झा, नगर विकास एवं आवास मंत्री श्री सुरेश कुमार शर्मा, पंचायती राज मंत्री श्री कपिल देव कामत, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज एवं पथ निर्माण श्री अमृत लाल मीणा, सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग श्री आनंद किशोर, सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग श्री जितेंद्र श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, योजना एवं विकास विभाग के सचिव उपस्थित थे। जिला पदाधिकारी गया श्री अभिषेक सिंह द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बताया गया कि गया जिला में हर घर नल का जल के तहत लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण द्वारा 1506 वार्ड तथा पंचायती राज विभाग द्वारा 464 वार्ड को आच्छादित किया गया है। कुल 144 ग्राम पंचायतों में लक्षित वार्डों की संख्या 1970 तथा 1449 वार्डो में हर घर नल का जल का कार्य पूर्ण हो चुके हैं। 521 वार्ड में कार्य प्रारंभ है। कुल लाभुकों (घरों) 262269 की संख्या है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें