पटना. सबसे पहले कोरोना मरीजों के इलाज में लगे स्वास्थ्य वॉरियर्स (राज्यकर्मियों ) को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक माह के मूल वेतन राशि प्रोत्साहन के रूप में देने का वादा किया था. भोजन-नास्ता भत्ता देने की बात कहीं गयी. इसके बाद भारत सरकार के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 50 लाख रूपये बीमा का लाभ देने की घोषणा की गयी. अब प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे डॉक्टरों और कोविड मरीजों का उपचार कर रहे अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को भी मिलेगा. प्लाज्मा दान करने वाले दाता (डोनर) को राज्य सरकार पांच हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने पर विचार कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया है.
असामयिक मृत्यु कोविड मरीजों के उपचार के दौरान
बिहार के निजी अस्पताल के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को भी राज्य सरकार 50 लाख का बीमा देगी. इस बड़ी खबर की जानकारी देते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि भारत सरकार के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत 50 लाख रूपये बीमा का लाभ प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे डॉक्टरों और कोविड मरीजों का उपचार कर रहे अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को भी मिलेगा.योजना का लाभ उन प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों, नर्सों, पैरा मेडिकल स्टाफ एवं उन कर्मियों को मिलेगा, जिनकी असामयिक मृत्यु कोविड मरीजों के उपचार के दौरान होगी.कोरोना के बढ़ते मामले के बाद राज्य सरकार द्वारा कई निजी अस्पतालों को भी कोरोना मरीजों को इलाज करने का आदेश दिया गया था. जिसके बाद राजधानी पटना समेत राज्य के कई प्राइवेट अस्पतालों में भी कोरोना वार्ड बनाया गया है. जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है.
कोरोना संक्रमितों के इलाज को लेकर प्लाज्मा दान करने वाले दाता (डोनर) को पांच हजार
कोरोना संक्रमितों के इलाज को लेकर प्लाज्मा दान करने वाले दाता (डोनर) को राज्य सरकार पांच हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने पर विचार कर रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया है. यह राशि वैसे प्लाज्मा डोनरों को दी जाएगी, जो स्वेच्छा से अपना प्लाज्मा लोकहित में कोरोना पीड़ित को दान करने के लिए सामने आएंगे. दरअसल, प्लाज्मा थेरेपी अति गंभीर कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए की जाती है. इस थेरेपी के तहत पूर्व में संक्रमित होकर स्वस्थ हो चुके मरीज द्वारा दिये गए रक्त से प्लाज्मा को अति गंभीर मरीजों के शरीर में चढ़ाया जाता है. इससे मरीज के शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण होता है, जो कोरोना संक्रमण समाप्त करने में सहायक होता है.
पटना एम्स में प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से इलाज की मंजूरी
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर), नई दिल्ली ने प्रदान की है. इसके बाद प्लाज्मा दाताओं का निबंधन कर उनके सहयोग से संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है.प्लाज्मा थेरेपी के लिए प्लाज्मा दाताओं द्वारा रुचि नहीं लेने से उन्हें प्रोत्साहित करने की योजना बनायी जा रही है. इससे वैसे प्लाज्मा दाता जो कि आर्थिक रूप से कमजोर हैं और वे प्लाज्मा दान करना चाहते हैं उनकी रुचि लोकहित में मानवता की दृष्टि से जागेगी.110 प्लाज्मा डोनरों ने अब तक पटना एम्स में प्लाज्मा दान किया है. इससे 58 अति गंभीर संक्रमित कोरोना मरीज का इलाज किया गया है. प्लाज्मा थेरेपी के इलाज से अब तक 34 अति गंभीर मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.रक्त से सिर्फ प्लाज्मा निकाल कर शेष रक्त प्लाज्मा डोनर के शरीर में वापस कर दिया जाता है. रक्त से डब्ल्यूबीसी और आरबीसी नहीं लिया जाता है. इससे प्लाज्मा डोनर को किसी तरह की परेशानी नहीं होती और न ही कमजोरी होती है.
और तो और वेतन से महरूम हैं कोरोना वॉरियर्स
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के कोरोना वॉरियर्स को मार्च माह से वेतनादि नहीं मिल रहा है।वेतनभोगी कोरोना वॉरियर्स को पांच माह से वेतन नहीं मिल रहा है.उधार मांगकर इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाकर कोरोना को पराजित कर रहे हैं.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा घोषित एक माह के मूल वेतन प्रोत्साहन के रूप में देने का वादा पूरा नहीं किया गया.और तो और दैनिक भोजन व नास्ता का भत्ता का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है.जानकार लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा घोषित प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने का आदेश पत्र जारी कर दिया है.फिर भी वेतन के साथ उक्त राशि का भुगतान राज्यकर्मियों को नहीं किया जा रहा है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें