पटना. अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शकील अहमद साहब का निलंबन रद्द कर दिया गया है.इसके पूर्व बेनीपट्टी विधानसभा से वर्तमान में विधायक भावना झा का भी निलंबन रद्द कर दिया गया था. पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद को कांग्रेस पार्टी ने 6 साल के लिए निलंबित कर दिया था. इनके साथ मधुबनी जिला के बेनीपट्टी विधानसभा से वर्तमान में विधायक भावना झा को भी 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उनको 6 साल के लिए निलंबित कर दिया गया था. भावना झा के निलंबन मुक्त की सूचना कांग्रेस पार्टी के महासचिव मोतीलाल वोरा ने पत्र लिखकर बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को भी दे दी थी.आधिकारिक तौर कांग्रेस में वापस हुई हैं.कागजी तौर पर भले ही आज उनकी वापसी हुई है पर सच तो यही है कि इनका वैचारिक और राजनीतिक जुड़ाव कांग्रेस के साथ अटूट बना रहा.कांग्रेस में थी,कांग्रेस में हूं और कांग्रेस में ही रहूंगी..यह वक्तव्य है बेनीपट्टी विधायक भावना झा जी का. विदित है कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर के राज्य में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है. अब जबकि यह स्पष्ट हो गया कि विधानसभा चुनाव अपने तय समय पर ही होगा तो ऐसा में सभी राजनीतिक दल अपने अपने तरीके से चुनावी रणनीति बनाने में जुट गई है. चुनाव नजदीक आते ही जहां एक तरफ दलबदल की राजनीति शुरू हो गई तो वहीं दूसरी तरफ पार्टियों के द्वारा बागियों को मनाने की कवायद भी तेज हो गई है. अब इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी ने अपने निलंबित विधायक भावना झा का निलंबन वापस ले लिया है. भावना मधुबनी जिला के बेनीपट्टी विधानसभा से वर्तमान में विधायक है और 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उनको 6 साल के लिए निलंबित कर दिया गया था. भावना झा के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद को भी कांग्रेस पार्टी ने 6 साल के लिए निलंबित कर दिया था.
अब दोनों की आधिकारिक वापसी स्वागतयोग्य है.कांग्रेस पार्टी की विचारधारा के पर्याय के रूप में पहचाने जाने बाले डॉ शकील अहमद साहब को बहुत बहुत बधाई और इस सर्वोत्तम फैसले के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व का आभार.कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बिहार से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ नेता शकील अहमद (Shakeel Ahmad) का निलंबन रद्द कर दिया है. पार्टी महासचिव मोतीलाल वोरा की ओर से जारी एक बयान में, इसकी जानकारी दी गई है.पिछले साल लोकसभा चुनाव (Loksabha Chunav 2019) में शकील अहमद ने बिहार में महागठबंधन (Mahagathbandhan) के उम्मीदवार के खिलाफ मधुबनी सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था. इसके बाद उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने पिछले साल सितंबर में सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. इसके बाद से ही उनकी वापसी के कयास लगाए जा रहे थे. बता दें कि, शकील अहमद की पहचान कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के रूप में होती है. वह, तीन बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं. इसके साथ ही, शकील अहमद बिहार में राबड़ी देवी (Rabri Devi) और केंद्र में मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. शकील अहमद कई राज्यों के प्रभारी के साथ पार्टी के महासचिव भी रह चुके हैं.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें