- जाति सूचक गाली का विरोध करने का परिणाम, महादलित उत्पीड़न में मामला हो दर्ज
वारसलीगंज,15 अगस्त . पूर्व मुख्यमंत्री लालू-राबड़ी के शासनकाल को जंगल राज और कुशासक कहने वालों को शर्म आनी चाहिए.आजादी के 74 साल के बाद जाति सूचक गाली देने से बाज नहीं आ रहे हैं.मछली मारने वाले दो रविदास के पास दो सवर्ण आए और दोनों महादलितों को गाली बकने लगे.जब दोनों ने गाली नहीं देने का आग्रह किये तो दोनों निहत्थों पर दनादन गोली चलाने लगे.सीएम नीतीश कुमार के कुशासन ने एक और रविदास की जान ले ली.ऐसा प्रतीक हो रहा है कि सरकार महादलितों को मारने का टेंडर सवर्णों को दे रखा है.
यह घटना नवादा जिला के वारसलीगंज प्रखंड के अंतर्गत मसनखामा गाँव और वार्ड नम्बर 11का है.महादलितों के 500 मीटर की दूरी पर कुटली नहर है. महादलित मोटी राशि देकर नहर का टेंडर लिये हैं.जब महादलित (रविदास) मछली मारने जाते हैं तो कोई न कोई सवर्ण आकर दादाजी करने लगते हैं.कुछ तो परिस्थिति बताने और लागत लगने की बात सुनकर व मानकर चले जाते हैं.इस बार जो दो सवर्ण आये थे. जाति सूचक गाली बकने लगे.गाली न बकने आग्रह करने वाली बोली सुनने के बदले गोली चलाने पर विश्वास करने लगा. दोनों ने दोनों पर गोली चलाने लगे. एक ने रंजीत कुमार को बुरी तरह से भून दिया. उसे 5 गोली मारी गयी.वह दर पर ही दम तोड़ दिया. मृतक के पांच बच्चे हैं. थाना में एफ.आई.आर. हुआ है.पोस्टमार्टम के बाद शव को जला दिया गया.मृतक की पत्नी का हाल बेहाल है.वहीं दूसरा उमेश रविदास घायल है. बुरी तरह से घायल होकर जीवन और मौत के बीच में नवादा सदर अस्पताल के बेड पर संघर्ष कर रहा है.उसे पेट में गोली मारी गयी. इस घटना को लेकर मसनखामा गाँव के लोगों में काफी आक्रोश है.इन लोगों का कहना है कि हमलोग नीतीश कुमार को बता देना चाहते है कि आप चिंता मत करो अबकी चुनाव में आपकी औकात दिखा देगें अगर इंसाफ नही मिला तो पूरे बिहार के कौना कौना बंद कर देंगे.
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