पटना : पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने तीसरे मोर्चे के गठन करते हुए उसका नाम यूनाइटेड डेमोक्रेटिक एलायंस दिया है। सिन्हा ने बदलो बिहार-बनाओ बेहतर बिहार के नारे से क्रांति का बिगुल फूंक दिया है। यूडीए के राष्ट्रीय संयोजक सह पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि बिहार में सत्ता पाने की होड़ में 15 साल बनाम 15 साल की बेमानी बहस छीड़ गई है। कोई पहले के 15 साल को जंगल राज तो कोई अब के 15 को राक्षस राज बता रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे एलांयस में किसी अपराधिक छवि वाले की कोई जगह नहीं है।
यूडिए का केवल चुनाव लड़ना उद्देश्य नहीं है। हमारा लक्ष्य बिहार को सही दिशा में ले जाना और रोजगार, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था एवं अपराधमुक्त विकसित बिहार बनाना है। बिहार की जनता विकल्प खोज रही हम वो विकल्प देंगे। रघुवंश प्रसाद सिंह के बारे में तेजप्रताप यादव ने बयान दिया था कि समुद्र से एक लोटा पानी निकल ही जाएगा तो क्या होगा। रघुवंश सिंह के बारे में यशवंत सिन्हा ने कहा कि उनके साथ जो हो रहा वो दुर्भाग्यपूर्ण है। रघुवंश सिंह की छवि ईमानदार नेता की रही है। इसलिए फैसला रघुवंश को करना है। वहीं जीतन राम मांझी के साथ संपर्क के सवाल पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि समय आने पर सबकुछ बताया जाएगा। जानकारी के मुताबिक यह कहा जा रहा है कि यशवंत सिन्हा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को तीसरे मोर्चे में शामिल करना चाह रहे हैं। सूत्रों की मानें तो काफी दिनों से यशवंत सिन्हा इस प्रयास में लगे हुए हैं कि महागठबंधन में हाशिये पर चलने के बाद महागठबंधन को गुडबाय कर चुके जीतन राम मांझी व राजद में हाशिये पर चल रहे रघुवंश प्रसाद सिंह तीसरे मोर्चे में शामिल होकर समाजवाद की राजनीति व बिहार को नए विकल्प देने में अहम भूमिका निभाएं।
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