पंडौल/मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) प्रखण्ड के सरिसब-पाही में एक उद्भट विद्वान महामहोपाध्याय पं. भवनाथ मिश्र प्रसिद्ध अयाची मिश्र का अवतरण हुआ था । अपने उपनाम 'अयाची' से ही वह विख्यात हुए थे । कारण था कि निर्धन होते हुए भी वह किसी से कुछ माँगते नहीं थे । साथ ही अपने शिष्यों को निःशुल्क शिक्षा देकर गुरुदक्षिणा में यह वचन लेते थे कि उनका छात्र भी दस छात्रों को निःशुल्क शिक्षा देगा । तपस्वी ऐसे थे कि साक्षात शिव उनके पुत्ररूप में जन्म लिए । विगत कुछ वर्षों से उनके डीह पर नौ सितम्बर को उनके सम्मान में अयाची महोत्सव मनाया जाता है । इस महोत्सव में विद्वानों का जमघट होता है और विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाती है ।
हर वर्ष के तरह इस वर्ष 2020 में सरिसब-पाही के उत्साही एवं समाजसेवी युवकों का संगठन "अयाची नगर युवा संगठन" ने अयाची मिश्र तथा चमाइन की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया । उपस्थित युवकों ने समाज के उत्थान में अयाची मिश्र के विचारों पर चर्चा की और उनके पदचिह्नों पर चलने की बात की । विदित हो कि अयाची नगर युवा संगठन सामान्य समय से लेकर प्राकृतिक आपदा के समय पीड़ितों के बीच कामकर काफी सुर्खियाँ बटोर चुका है । आज के इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे सरिसब-पाही अति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ कन्हैया कुमार । वहीं कार्यक्रम के नेतृत्व कृष्णकांत मंडल, धीरज लाभ , कर रहे थे । मौके पर अयाची नगर युवा संगठन के संस्थापक विक्की मंडल सक्रिय सदस्य भवेश झा,आदित्य कुमार,कौशल मैथिल मंडल , संजीव चौधरी,रंजन कुमार राय,रमन कुमार चौधरी, अनुज कुमार झा ,सोनू राय, अनिल राय,लक्ष्मण चौपाल, ग्रामीण रघुवीर साफी ,विमलेश मंडल, उपस्थित थे ।
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