बिहार : भोला बाबू राजद से नाता तोड़कर जदयू में चले गये - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 12 सितंबर 2020

बिहार : भोला बाबू राजद से नाता तोड़कर जदयू में चले गये

अगर तू न मिली तो जोगी बन जाएंगे ..इसी तर्ज पर भोला बाबू चल पड़े।हालांकि भोला बाबू के समर्थक व कार्यकर्ताओं ने 22 जून को ही रोड शो कर दिये थे।उनका कहना था कि जीवनभर समर्पित रहे हैं भोला बाबू। यदि विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया गया, तो कार्यकर्ताओं में आक्रोश बढ़ेगा.....
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पटना,। राजद को एक और बड़ा झटका लगा है। राजद के वरिष्ठ नेता व बिहार सरकार के पूर्व मंत्री उदय नारायण राय उर्फ भोला बाबू ने बुधवार को अपने हाजीपुर निवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक कर पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। बैठक में राघोपुर व वैशाली क्षेत्र के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने उनके साथ राजद से अलग होने का निर्णय लिया। बैठक को संबोधित करते हुए भोला बाबू ने कहा कि मैंने पार्टी और लालू जी के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था, मगर अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ खड़ा हूं। उनका कार्यकर्ताओं के प्रति व्यवहार सही नहीं है। राघोपुर से जीतने के बाद उन्होंने राघोपुर के जनता के साथ छल किया है। कार्यकर्ताओं ने उनसे अपनी समस्याओं को लेकर कई बार मिलने की कोशिश की मगर तेजस्वी एक बार भी ना तो मिलने आये, न कभी क्षेत्र का दौरा किया। भोला बाबू ने कहा कि वो इस बार तेजस्वी के खिलाफ जाकर एनडीए को जिताने का काम करेंगे। बता दें कि उदय नारायण राय बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं और उन्होंने राघोपुर की सीट लालू परिवार के लिए छोड़ी थी। उदय नारायण तीन बार राघोपुर से विधायक रह चुके हैं और जनता पार्टी के टिकट पर वह 1980 से लेकर 1995 तक के तीन बार निर्वाचित हुए। 1995 में उन्होंने लालू यादव के लिए यह सीट छोड़ दी और लालू यादव यहां से दो बार विधायक रहे और उसके बाद राबड़ी देवी। हालांकि बाद में 2010 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर जदयू के सतीश कुमार यादव जीते थे और फिर 2015 में तेजस्वी यादव ने यहां से चुनाव लड़कर जीत हासिल की। इस अवसर पर राजद पूर्व जिलाध्यक्ष पंछी लाल राय, पूर्व प्रखंड अध्यक्ष देसरी हरिहर पासवान, राजद प्रदेश महासचिव सह मुखिया राजीव रंजन, नवल किशोर सिंह, रामनाथ राय, अनिल राय, अशर्फी सिंह, जयशंकर सिंह, सुशीला देवी, बिंदेश्वर चौधरी, उमेश चौधरी, रघुनाथ राय, विनोद दास, रामशोभित राय, शकुंतला देवी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।



बता दें कि 22 जून को राजधानी पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर राघोपुर के वरिष्ठ वयोवृद्ध राजद नेता एवं पूर्व मंत्री उदय नारायण राय उर्फ भोला राय के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। वहां मौजूद समर्थकों ने कहा कि पार्टी के लिए जीवनभर समर्पित रहे भोला बाबू को यदि विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया गया, तो कार्यकर्ताओं में आक्रोश बढ़ेगा। कार्यकर्ताओं ने बताया कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने राजद के कोटे के तीन सीटों में से भोला बाबू को विधान परिषद में एक सीट देने का आश्वासन दिया था। बाद में भोला बाबू की जगह अब किसी दूसरे को उम्मीदवार बनाए जाने के खबर पर राघोपुर के राजद कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैलने लगा है।  वहीं इस मामले को लेकर भोला बाबू ने बताया कि अब तक पार्टी नेतृत्व की ओर से सूचना नहीं दी गई है। इस पर कार्यकर्ताओं ने नेतृत्व के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। कुछ कार्यकर्ताओं ने यहां तक कहा कि यदि उम्मीदवार नहीं बनाए गया,तो पार्टी छोड़ने पर उतारू होंगे। हालांकि भोला बाबू ने कहा कि पार्टी में ऐसी नौबत नहीं आएगी। इसके आलोक में भोला बाबू राजद से नाता तोड़कर जदयू में चले गये। रघुवंश बाबू की तरह ही भोला बाबू भी लालू के नजदीकी में थे। यह एक और बड़ा झटका। लालटेन को छोड़कर तीर थाम लिये है भोला बाबू।  राघोपुर से RJD के टिकट पर तीन बार के विधायक रहे भोला राय आज JDU में शामिल हो गये. पार्टी में शामिल कराते हुए सांसद राजीव रंजन ने कहा कि आरजेडी परिवार में किसी भी बड़े नेता का सम्मान नहीं होता है।

पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव को घेरने के लिए नीतीश कुमार ने बड़ा सियासी दांव चला है। राघोपुर से RJD के टिकट पर तीन बार के विधायक रहे भोला राय आज JDU में शामिल हो गये।JDU कार्यालय में पार्टी में शामिल कराते हुए सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि आरजेडी परिवार में किसी भी बड़े नेता का सम्मान नहीं होता है।लालू परिवार के लिए अपनी सीटिंग सीट छोड़ने वाले भोला राय को पार्टी ने दरकिनार कर दिया।भोला राय वही शख्स हैं, जिन्होंने लालू-राबड़ी को जीत तो दिलाई ही साथ ही बेटे तेजस्वी को भी डिप्टी सीएम बनवाने में मदद की। इतना ही नहीं ललन सिंह ने आरजेडी के वरिष्ठ नेता रहे रघुवंश प्रसाद सिंह के बहाने भी लालू परिवार को निशाने पर लिया।उन्होंने कहा कि 32 साल तक लालू यादव के पीछे रहकर राजनीति करने वाले रघुवंश बाबू का RJD ने कोई सम्मान नहीं दिया। उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि रघुवंश बाबू का यह हश्र किसके लिए किया गया, ये सबलोग जानते हैं। इस दौरान JDU सांसद ने कहा कि आरजेडी परिवार में टिकट वितरण लेन-देन के आधार पर होता है. ललन सिंह ने रघुवंश प्रसाद सिंह का जेडीयू में स्वागत किया और कहा कि अगर वो हमारी पार्टी में शामिल होते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे. मौके पर आरजेडी के पूर्व विधायक भोला राय के अलावा कांग्रेस के अन्य दो विधायक गोविंदपुर से पूर्णिमा यादव और बरबीघा से सुदर्शन भी जेडीयू में शामिल हुए. सभी ने एक स्वर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विधानसभा चुनाव में जिताने का संकल्प लिया. बता दें कि फिलहाल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राघोपुर से ही विधायक हैं. आरजेडी से जेडीयू में शामिल हुए भोला राय इसी विधानसभा सीट से 1980 से 1995 तक तीन बार विधायक रहे हैं. उनके इस सीट को छोड़ने के बाद लालू यादव भी राघोपुर से जीत चुके हैं.

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