जीएमसीएच की व्यवस्थाएं अच्छी, कोरोना पाॅजिटिव व्यक्तियों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो, इसका खास ध्यान रखने का निर्देश।सभी व्यक्ति 02 गज दूरी का पालन करते हुए मास्क का अनिवार्य रूप से करें उपयोग....बेतिया,सितम्बर । जब स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत पत्रकार की भूमिका निभाने लगे। बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आईसालेशन केन्द्र में भर्ती हैं कोरोना पाॅजिटिव। वहां पहुंच कर सवाल करने लगे। आप कितने दिनों से यहां भर्ती हैं? जी यहां पर 07 दिनों से भर्ती हूं।क्या-क्या सुविधाएं अस्पताल प्रबंधन द्वारा दी जा रही है? जी अस्पताल की सारी व्यवस्थाएं ठीक है।समय-समय पर खाना-पानी, दवाई मिलता है। साफ-सफाई भी दिनभर में दो-तीन बार होता है।आपको किसी भी तरह की परेशानी या फिर अस्पताल प्रबंधन द्वारा के विरूद्ध कोई शिकायत हो तो बेहिचक मुझे बतायें? मुझे यहां पर किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। डाॅक्टर और नर्स लोग बराबर चेक करने के लिए आते हैं। मैं अब यहां ठीक महसूस कर रहा हूं। डाॅक्टर लोग बोले हैं कि एक बार और जांच होगा उसमें नेगेटिव आने पर घर भेज दिया जायेगा। प्रधान सचिव ने अन्य मरीजों से भी बारी-बारी से अस्पताल प्रबंधन द्वारा दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की गयी।
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव का निरीक्षण को लेकर कॉलेज प्रशासन एवं अस्पताल प्रशासन सहित सभी चिकित्सक एवं विभागाध्यक्ष तथा सभी कर्मचारी अपनी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए अस्पताल में भर्ती रोगियों को रहने, नाश्ता तथा भोजन का पूर्ण व्यवस्था के साथ सभी बेड पर सतरंगीचादरों की जगह अस्पताल में रखी एक रंगी चादरों से दुल्हन की तरह सजा दिया गया था। केवल स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के आगमन को लेकर सारी व्यवस्थाये धरातल पर नजर आई, स्वास्थ्य विभाग के किसी उच्चाधिकारियों के आगमन की सूचना मिलती है तो ऐसा किया जाता है। समूचे कॉलेज से लेकर सदर अस्पताल के सभी वार्ड को साफ-सफाई कर दुल्हन की तरह सजा दिया गया और पदाधिकारियों के जाते सभी व्यवस्था जैसे रोगियों को दी जाने वाली सारी सुविधाएं आकाश कुसुम बन जाती है। वहीं प्रधान सचिव ने आइसोलेशन वार्ड का गहन निरीक्षण किया तथा कालेज के प्राचार्य विनोद प्रसाद, अस्पताल अधीक्षक प्रमोद कुमार तिवारी सहित सभी चिकित्सक उपस्थित रहे। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने कहा कि आईसोलेशन केन्द्र में मरीजों को दी जा रही सभी सुविधाएं संतोषजनक है। फिर भी इस बात का हमेशा ध्यान रखा जाय कि कोराना पाॅजिटिव मरीजों की देखरेख में किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहें। उन्हें सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही सभी सुविधाएं ससमय मुहैया करायी जाय। उपस्थित सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया कि 50 वर्ष से ऊपर के सभी व्यक्ति जो भी कोरोना पाॅजिटिव हैं उनका विशेष तौर पर ख्याल रखा जाय। उनका नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच होना चाहिए। वहीं 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज तथा गर्भवती महिलाओं का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए आवश्यकतानुसार बेहतर तरीके से चिकित्सा व्यवस्था मुहैया करायी जाय।
मीडिया प्रतिनिधियों के सवाल के जवाब में प्रधान सचिव महोदय ने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल काॅलेज अस्पतालों का निरीक्षण किया जा रहा है। कोविड-19 से संबंधित जो व्यवस्थाएं हैं, उसका अवलोकन किया जा रहा है। यहां जो व्यवस्थाएं देखी गयी है वह सराहनीय है। जिला प्रशासन एवं अस्पताल प्रबंधन द्वारा सभी व्यवस्थाएं चुस्त-दुरूस्त रखी गयी है। कुछ आवश्यक सुझाव अस्पताल प्रबंधन को दिये गये हैं। प्रधान सचिव महोदय ने जिलेवासियों से अनुरोध किया कि कोविड-19 महामारी समाप्त नहीं हुई है। लोगों को हमेशा सजग रहना है। 02 गज की दूरी का पालन करते हुए अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करना है। उन्होंने कहा कि जबतक कोविड-19 से बचाव हेतु वैक्सीन नहीं आ जाता है तबतक यह हम सभी के लिए एक गंभीर चुनौती है। कोरोना से डरना नहीं है, इसका डटकर मुकाबला करना है। सरकार के निर्देश के आलोक में जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है। नियमित रूप से इसकी समीक्षा भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राज्यस्तर पर कोविड-19 की रोकथाम हेतु सभी तैयारियां कर ली गयी है। अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में डेथ रेट कम है। रिकवरी रेट काफी अच्छा है। लगातार कोशिश की जा रही है कि कोरोना पाॅजिटिव व्यक्तियों को किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा हेतु संजीवन एप लाॅंच किया गया है। यह एप अत्यंत ही उपयोगी है। अभी मैने रास्ते में भी विभिन्न जगहों पर इसका फ्लेक्स देखा हूं। कोई भी व्यक्ति आसानी से इसे अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं। कोविड-19 से संबंधित सभी तरह की जानकारियां इस एप के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा डाॅक्टर्स की कमी बतायी गयी है। डाॅक्टरों की प्रतिनियुक्ति हेतु तत्परतापूर्वक कार्य किया जायेगा तथा शीघ्र ही डाॅक्टरों की प्रतिनियुक्ति कर दी जायेगी।
सचिव, स्वास्थ्य विभाग, बिहार, श्री लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि आयुष मंत्रालय द्वारा होम आईसोलेशन में रहने वाले कोरोना पाॅजिटिव मरीजों हेतु विषेष प्रकार का काढ़ा तैयार किया गया है। इस काढ़ा को होम आईसोलेशन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय। होम आईसोलेशन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का डाॅक्टरों की टीम द्वारा नियमित तौर पर स्वास्थ्य जांच करायी जाय। जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा प्रधान सचिव महोदय को बताया गया कि अत्यंत ही कम समय में लॉकडाउन के दौरान जीएमसीएच में सारी व्यवस्थाएं अपडेट कर फंक्शनल कर दिया गया। जीएमसीएच में संचालित आईसोलेशन केन्द्र में सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार सभी तरह की सुविधाएं कोरोना पाॅजिटिव व्यक्तियों को मुहैया करायी जा रही है। खाना, पेयजल, साफ-सुथरा शौचालय, मेडिसिन किट्स, दवाईयां आदि सभी कोरोना पाॅजिटिव व्यक्तियों को दी जा रही है। कन्ट्रोल रूम के माध्यम से भर्ती मरीजों को तुरंत राहत दी जाती है। पूरे जीएमसीएच में सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से अधिकारी निगरानी कर रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा नियमित रूप से अस्पताल प्रबंधन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की जाती है। निरीक्षण के क्रम में निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, श्री प्रदीप कुमार, सिविल सर्जन, डाॅ0 अरूण कुमार सिन्हा सहित अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी, डाॅक्टर्स आदि उपस्थित रहे।
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