अब बिहार में कोमोरबिलिटी की खोज की जारी है। वैसे मरीज जिन्हें पहले से ही गंभीर रोग है। कोमोरबिलिटी वाले कोरोना संक्रमित मरीजों और 50 से अधिक उम्र वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को चिन्हित करने का निर्देश जिलाधिकारी और सिविल सर्जनों को दिया गया है।वे अपने अपने ज़िलें में दोनों स्तर के लोगों को स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल पहुंचाएं....
पटना,23 सितम्बर। बिहार में 1609 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई। इसके साथ ही राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,71,465 हो गयी। राज्य के चार ज़िलों में सौ से अधिक संक्रमित मरीज मिले। पटना में सर्वाधिक 204, मुजफ्फरपुर में 110, पूर्णिया में 118 और रोहतास में 135 नए संक्रमितों की पहचान की गई। वहीं, अररिया में 76, अरवल में 9, औरंगाबाद में 25, बाँका में 28, बेगूसराय में 51, भागलपुर में 26, भोजपुर में 17, बक्सर में 31, दरभंगा में 49, पूर्वी चंपारण में 31, गया में 28, गोपालगंज में 42, जमूई में 31, जहानाबाद में 22, कैमूर में 17, कटिहार में 42, खगड़िया में 9, किशनगंज में 29, लखीसराय में 22, मधेपुरा में 49, मधुबनी में 44, मुंगेर में 33, नालन्दा में 59, नवादा में 22, सहरसा में 13, समस्तीपुर में 19, सारण में 38, शेखपुरा में 21, शिवहर में 10, सीतामढ़ी में 8, सीवान में 27, सुपौल में 51, वैशाली में 21 और पश्चिमी चंपारण में 42 नए संक्रमितों की पहचान की गई। बिहार में कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर देश में सर्वाधिक 91.60 फीसदी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अब गंभीर रोगों से ग्रस्त कोरोना संक्रमित मरीजों और 50 वर्ष से अधिक उम्र के कोरोना संक्रमितों तलाश शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोमोरबिलिटी (जिन्हें पहले से ही गंभीर रोग है) वाले कोरोना संक्रमितों और 50 वर्ष से अधिक उम्र के कोरोना संक्रमित मरीजों को चिन्हित किया जा रहा है ताकि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सके। प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारी और सिविल सर्जनों को निर्देश दिया है कि वे अपने अपने ज़िलें मे कोमोरबिलिटी वाले कोरोना संक्रमित मरीजों और 50 से अधिक उम्र वाले कोरोना संक्रमित मरीजों को चिन्हित करें। ताकि उनके स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल की जा सके।
जानकारी के अनुसार ऐसे कोरोना संक्रमितों को घर पर रहने की जगह कोविड केयर सेंटर में रहने के लिए कहा जायेगा ताकि उनकी देखभाल की जा सके। साथ ही संक्रमण के लक्षण मिलने पर कोविड केयर अस्पताल में रखने और ज्यादा तबियत खराब होने पर उन्हें तत्काल कोरोना के इलाज के लिए डेडिकेटेड अस्पताल में रखा जाएगा। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए सौ-सौ बेड के वार्ड की अलग से व्यवस्था की गई है। यहां ऑक्सीजन, दवा इत्यादि की व्यवस्था है। डॉक्टरों की प्रतिदिन ड्यूटी लगाई जा रही है। इसके अतिरिक्त एम्स, नालन्दा मेडिकल कॉलेज अस्पताल, बिहटा और मुजफ्फरपुर में 500-500बेड के कोरोना अस्पतालों में अधिकांश बेड खाली हैं। पटना में इन दिनों कोरोना संक्रमण में तेजी से कमी आ रही है। जिले में स्वस्थ होने की दर 92 फीसदी तक पहुंच गयी है। चिकित्सकों और स्वाथ्य महकमा ने इससे राहत की सांस ली है। हालांकि विशेषज्ञ आने वाले पर्व-त्यौहारों और चुनाव में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। विशेषज्ञ त्योहारी सीजन और चुनाव को देखते हुए उन लोगों ने संक्रमण बढ़ने की आशंका भी जताई है। डॉक्टरों का कहना है कि अब भी बाजार और सड़कों पर सैकड़ों लोग लापरवाही दिखा रहे हैं। ना तो मास्क पहन रहे हैं और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। ऐसे लोग अगर संक्रमित होते हैं तो उन से संक्रमण की दर फिर बढ़ सकती है। खासकर अगले कुछ महीनों में कई बड़े त्योहार के साथ-साथ राज्य में चुनाव भी होने वाला है। दशहरा, दीपावली, छठ महाव्रत और इसके बाद चुनाव में भीड़ जुटने की आशंका है।
17 अक्टूबर 2020 (शनिवार) - प्रतिपदा घटस्थापना 18 अक्टूबर 2020 (रविवार) - द्वितीया माँ ब्रह्मचारिणी पूजा 19 अक्टूबर 2020 (सोमवार) - तृतीय माँ चंद्रघंटा पूजा 20 अक्टूबर 2020 (मंगलवार) - चतुर्थी माँ कुष्मांडा पूजा 21 अक्टूबर 2020 (बुधवार) - पंचमी माँ स्कंदमाता पूजा 22 अक्टूबर 2020 (गुरुवार) - षष्ठी माँ कात्यायनी पूजा 23 अक्टूबर 2020 (शुक्रवार) - सप्तमी माँ कालरात्रि पूजा 24 अक्टूबर 2020 (शनिवार) - अष्टमी माँ महागौरी दुर्गा महा नवमी पूजा दुर्गा महा अष्टमी पूजा 25 अक्टूबर 2020 (रविवार) - नवमी माँ सिद्धिदात्री नवरात्रि पारणा विजय दशमी 26 अक्टूबर 2020 (सोमवार) - दुर्गा विसर्जन। त्योहारी सीजन में बाजार से लेकर सड़क तक भीड़ जमा हो जाती है। यही हाल चुनाव का है। चुनाव प्रचार से लेकर वोटिंग करने तक लोगों की भीड़ एक जगह जुटने की आशंका है। यही कारण है कि चिकित्सक और विशेषज्ञ कोरोना संक्रमण एक बार फिर फैलने को लेकर आशंकित हैं। उनका कहना है कि देश के कई राज्यों मे कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रेल, हवाई जहाज और बस सेवाएं शुरू हो गई हैं। लोगों का आवागमन भी तेजी से बढ़ा है। ऐसे में बाहरी लोगों के संपर्क में आने से संक्रमण बढ़ सकता है। एम्स में कोरोना के नोडल पदाधिकारी संजीव कुमार का कहना है कि यातायात के साधन खुलने से बाहर से बड़ी संख्या में लोग आ-जा रहे हैं। दूसरे दशहरा, दिवाली और छठ जैसे त्योहार में लोगों की भीड़ बढ़ती है। ऐसे में सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव होगा। मास्क से बड़ा रक्षक कोई नहीं है। जब भी बाहर निकले मास्क लगाकर ही निकलें। हाथों को साबुन से बार-बार धोएं और समाजिक दूरी का पालन जरूर करें। जब भीड़ में जाएं तो कम से कम 6 फुट की दूरी दूसरे व्यक्ति से जरूर बनाएं। एम्स में ही मेडिसिन विभाग के वरीय चिकित्सक डॉक्टर रविकीर्ति ने कहा कि बिहार में निश्चित ही संक्रमण की दर कम हुई है। पहले जहां 3000 से 3500 लोग रोज मिलते थे। अब घटकर 1500 के आसपास सिमट गया है। जांच की संख्या पहले से कई गुना तक बढ़ गई है। उन्होंने भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को से बचाव के लिए अनिवार्य बताया।
सभी को अपनी जिम्मेवारी समझनी होगी
पीएमसीएच में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. पीएन झा ने कहा कि दशहरा, छठ दोनों में आमतौर पर भीड़ ज्यादा रहती है। हालांकि प्रशासन की ओर से सतर्कता जरूर बरती जाएगी लेकिन लोगों को अपनी ओर से भी सावधानी बरतनी होगी। उन्हें अपनी जिम्मेवारी समझनी होगी। यह समझना होगा कि बचाव स्वयं उनके लिए फायदेमंद है। एक बार कोरोना हो जाने पर इसका असर शरीर पर लंबे समय तक बना रह रहा है। ऐसे में लोगों को सरकारी गाइडलाइन का निश्चित रूप से पालन करना चाहिए।
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