पटना 21 सितंबर, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने संसद से जबरन पारित किए गए किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ आगामी 25 सितंबर को किसान संगठनों के आह्वान पर आयोजित अखिल भारतीय विरोध दिवस का समर्थन किया है और पार्टी की निचली इकाइयों को निर्देश दिया है कि इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें. उन्होंने कहा कि ये काले कानून छोटे किसानों से खेती छीन लेने वाले हैं और अब देश में ठेका आधारित खेती की शुरूआत करेंगे. किसानों को महंगी लागत वाले सामान खरीदने तथा अपनी अपनी फसल पूर्व निर्धारित दाम पर बेचने के लिए मजबूर कर दिया जाएगा.
दुनिया भर में सरकारें कंपनियों से किसानों की रक्षा करती हैं. लेकिन हमारे देश में उलटा हो रहा है. कहीं भी बेचने की आजादी के नाम पर किसानों की आंखों में धूल झोंका जा रहा है. दरअसल, यह कारपोरेटों को दी जाने वाली अथाह छूट का कानून है, जिसमें वे किसानों को निचोड़ देंगी. यह कंपनी राज की तरह है. हमारी मांग है कि केंद्र सरकार इन कानूनों को रद्द करे और किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा सभी फसलों की सरकारी खरीद का कानून संसद से पारित करवाए. यह भी कहा कि राज्य सभा में जिस प्रकार से जबरन बिल पास करवाया गया, वह लोकतांत्रिक व्यवस्था की दिनदहाड़े हत्या है. भाजपा के साथ-साथ जदयू भी इस महाअपराध में शामिल है.
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