जयनगर से नेपाल के जनकपुर होते हुए बर्दिवास तक जायेगी। रेलवे के कुछ अधिकारी भी ट्रेन में हुए सवार।
मधुबनी/जयनगर: मधुबनी जिले के जयनगर भारत-नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के लिए लाइफलाइन माने जाने वाली नवनिर्मित जयनगर जनकपुर नेपाल रेल मार्ग पर शुक्रवार की पहली ट्रेन के दौड़ते ही इलाके के लोगो में खुशी छा गयी। काफी समय से लंबित योजना को आज उस समय थोड़ी सी राहत मिली, जब जयनगर स्टेशन से नेपाल के लिए बनी नयी नवेली रेलवे पटरी पर पाँच बोगियों वाला डीएमयू गुजरा। कई वर्षों के इंतेजार के बाद जयनगर से बर्दिवास रेल परियोजना की शुरुआत होने का आसाढ़ नजर आ रहे हैं। विगत कुछ महीने के दौरान भारत नेपाल सीमा पर तनाव के बिच यह राहत की बड़ी खबर है। शुक्रवार की दोपहर 11:30 बजे कोकण रेलवे के अभियंताओं की टीम यहाँ जैसे ही ट्रेन लेकर जनकपुर के लिए रवाना हुए मौके पर मौजूद लोगों ने ताली बजाकर स्वागत किया। रास्ते में भी ट्रेन को देखने के लिए काफी संख्या में लोग घंटों इंतजार करते दिखे। इस मार्ग पर बड़ी रेलवे लाइन की पहली ट्रेन का गुजरना एक सपने जैसा है। इससे पहले गुरुवार को नेपाल जाने के लिए कोकन से चलकर जैसे ही ट्रेन जयनगर रेलवे स्टेशन पहुंची जयनगर के स्थानीय लोगों में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई। इस ट्रेन को देखने के लिए हजारों की संख्या में रात में लोग पहुँच गए।नेपाल सरकार को ट्रेन हैंड ओवर करने पहुंचे कोकण रेलवे के मुख्य अभियंता दीपक त्रिपाठी तथा मुख्य अभियंता जीबी नागेंद्र ने बताया कि अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित स्क्रीन एक ऐसी कोच, दो सेकंड क्लास कोच, 1 पावर कार, व्हाइट डीडीसी कोच सहित कुल पाँच बोगी है। एक जोड़ी ट्रेन यानी दो ट्रेन इसे नेपाल को सौंपने के लिए कोकण रेलवे के डिप्टी चीफ मैकेनिकल इंजीनियर बीपी राजन एवं शुभम पांडे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ट्रेन कब से और कितने बजे से चलेगी ये समय सीमा नेपाली अधिकारी, राजनेता और भारतीय अधिकारी मिलकर तय करेंगे। मौके पर निर्माण एजेंसी इरकॉन के प्रोजेक्ट मैनेजर बीके सहाय, निगम डिप्टी मैनेजर अरुण कुमार प्रभाकर ओवैस आलम डीके त्रिपाठी स्टेशन अधीक्षक राजेश मोहन मलिक उप स्टेशन अधीक्षक मंगल यादव आरपीएफ प्रभारी नागेंद्र सिंह समेत अन्य रेलकर्मी व आम लोग उपस्थित थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवरात्री से ट्रेन का परिचालन होने की संभावना है।
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