बिहार मेें बढ़ते कोरोना के कहर और बीती रात गंडक की तीसरी हिट के बीच के कारण उत्तर बिहार के कई जिलों में त्राहिमाम की स्थिति पुनः बन गई है। आज वाल्मीकिनगर बराज से पुनः 3 लाख 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, गोपालगंज सहित कई जिलों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। इसी कोरोना और बाढ़ के बीच चुनाव आयोग की टीम बिहार में कल दस्तक दे देगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने खुद इसकी घोषणा कर दी है। बिहार पहला राज्य है जहां प्राकृतिक संकटों के बीच जनरल असेम्बली चुनाव की घोषणा नवम्बर में प्रस्तावित है। हालांकि भाजपा-जद-यू छोड़ कर कई पार्टियां कई पार्टियों ने इस समय में चुनाव के प्रस्ताव को खारिज करते हुए चुनाव तिथि बढ़ाने की मांग पर अड़ीं हैं। एनडीए का घटक लोजपा खुद चुनाव के विरोध में आ गई है। चुनाव आयोग के पुनः धमकने से राजनीतिक गलियारे में कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। इन्हीं कयासों में यह भी है कि कई जिलों की रिपोर्ट कोरोना और बाढ़ के कारण आयोग तक पहुंची नहीं है। जबकि बाढ़ ने दुबारा हिट कर दिया है। नेपाल में लगातार हो रही वर्षा से जलग्रहण क्षेत्र में जल प्लावन होने की आशंका है। इसको देखते हुए जल संसाधन विभाग ने नदियों के किनारे गश्त तेज करने का निर्देश जारी किया है। टीम बाजाप्ता गश्त के लिए रवाना भी हो गई है।
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