नयी दिल्ली, नौ सितंबर, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि प्रकृति संरक्षण को जनांदोलन बनाने की जरूरत है और इसमें सभी नागरिकों, खासकर युवाओं को सक्रिय भूमिका निभाना चाहिए। ‘हिमालय दिवस’ के मौके पर आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम में नायडू ने यह भी कहा कि विकास के संदर्भ में इस तरह पुनर्विचार करने की जरूरत है कि मानव और प्रकृति सह-अस्तित्व में रहें और साथ आगे बढ़ें। उन्होंने आह्वान किया कि व्यापक हिमालयी विकास की रणनीति बने जो क्षेत्र के संसाधनों, संस्कृति और पांरपरिक ज्ञान पर आधारित हो।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में विकास पर्यावरण की कीमत पर नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में बार-बार प्राकृतिक आपदाओं का आना प्रकृति को लेकर बेपरवाह होने का परिणाम है। इस मौके पर नायडू ने ‘संसद में हिमालय’ नामक पुस्तक शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को डिजिटल तौर पर भेंट की।
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