नयी दिल्ली, 24 सितम्बर, कांग्रेस ने कहा है कि कृषि संबंधी कानून बनाकर सरकार का मकसद न्यूनतम समर्थन मूल्य-एमएसपी खत्म कर किसानों की मेहनत पर पानी फेरते हुए शांताकुमार रिपोर्ट को लागू करना है और खेतीबाडी करने वाले लोगों से एक लाख करोड रुपए कमाना है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने गुरुवार को यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने शांता कुमार समिति की रिपोर्ट को सीधे लागू नहीं करके इस कानून के जरिए इस रिपोर्ट को एक षडयंत्रकारी तरीके से लागू करने का रास्ता निकाला है। सरकार किसान की मेहनत पर पानी फेरते हुए उसकी उसकी कमाई से एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा अर्जित करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि इस समय किसानों को सुरक्षा चक्र की ज्यादा आवश्यकता थी और सरकार को उन्हें सुरक्षा चक्र देना चाहिए था। उनके विवादों को निपटाने के लिए पहल करते हुए उन्होंने कहा कि न्यायाधिकरण बनाना जाना चाहिए था ताकि अपने विवादों का वे वहां पर आसानी से निपटान कर सकते। इसी तरह से किसानों के लिए राष्ट्रीय कृषि आयोग का गठन किया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा कोई कदम किसानों के हित में उठाने की बजाय उनके लिए लागू लाभकारी व्यवस्था पर ही कैंची चला दी गयी है। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने कानून को संघीय व्यवस्था के खिलाफ बताते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया और कहा कि यदि यह विधेयक कानून बन जाता है तो इसे न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। उनका कहना था कि किसानों के लिए इस तरह का केंद्रीय कानून नहीं हो सकता है। किसानों और उसकी फसल के बारे में राज्यों को ही फैसला लेना होता है और इस तरह से केंद्रीय कानून उन पर थोपा नहीं जा सकता है।
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