नयी दिल्ली 19 सितंबर, चिकित्सकों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार को गैर जमानती अपराध बनाने तथा स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढ़ांचे के नुकसान की भरपाई की व्यवस्था करने वाले महामारी (संशोधन) विधेयक 2020 को शनिवार को राज्यसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। यह विधेयक इस संबंध में जारी किये गये अध्यादेश का स्थान लेगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने सदन में इस विधेयक पर चली एक घंटे की बहस का उत्तर देते हुए कहा कि सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति तैयार कर रही है और इस संबंध में राज्यों के साथ विचार विमर्श किया जा रहा है। अभी तक 14 राज्यों के सुझाव मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही नीति तैयार होगी तो इसे सदन के समक्ष लाया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि इस विधेयक में चिकित्सक समुदाय को सुरक्षा देने के पर्याप्त प्रावधान किये गये हैं। इनके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार को गैर जमानती बनाया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवाओं के उपकरणों और बुनियादी ढ़ांचे को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति से बाजार से दाेगुनी कीमत वसूलने की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना महामारी के समय में चिकित्सक समुदाय, स्वास्थ्य कर्मियों और सफाई कर्मियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। इसीलिए ये प्रावधान किये गये हैं। डा. हर्षवर्धन ने कहा कि चिकित्सक समुदाय की सुरक्षा के लिए भारतीय दंड संहिता और आपराधिक दंड संहिता में प्रावधान हैं। इसके अलावा सरकार चिकित्सक समुदाय की आर्थिक सामाजिक सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
शनिवार, 19 सितंबर 2020
स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा देने वाला विधेयक राज्यसभा में पारित
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