पटना : राजनीति को भी सिद्धांतों के साथ जीने वाले रघुवंश बाबू अब इस दुनिया में नहीं रहे। गांव-गांव में पक्की सड़कों की नींव रखने वाले, समाजवादी विचारधारा के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह नहीं रहे। बात अगर सामाजिक न्याय की करें तो पार्टी के विचारधारा से ऊपर उठकर सोचने वाले रघुवंश बाबू के लिए अच्छी नीति वही थी, जिससे समाज का भला हो, पार्टी का नहीं। ऐसे रघुवंश बाबू पंचतत्व में विलीन हो गए। रघुवंश बाबू तो दुनिया से चले गए, लेकिन नेताओं के दिमाग से वे अभी भी यहीं हैं। रघुवंश प्रसाद सिंह के नाम पर बिहार में राजनीति तेज हो गई है। रघुवंश बाबू के निधन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने लालू परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि रघुवंश बाबू को मानसिक पीड़ा देने वाले आज घड़ियाली आंसू बहा रहें हैं। रघुवंश बाबू का भले ही आकस्मिक निधन हुआ है पर मैं मानता हूँ कि लालू परिवार ने साज़िशन उनको प्रताड़ित कर उनकी हत्या की है। खैर इनके निधन के बाद बिहार में चिठ्ठियों को लेकर राजनीति काफी गर्म हो गई है। रघुवंश बाबू द्वारा लिखी चिठ्ठी को लेकर कांग्रेस, राजद, भाजपा, जदयू और हम अपन-अपने तरीके से राजनीति शुरू कर दी है। बता दें कि सिंह के निधन की जानकारी मिलते ही लालू ने ट्वीट कर कहा था कि ”प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया? मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है. लेकिन आप इतनी दूर चले गए. नि:शब्द हूं. दुःखी हूं. बहुत याद आएंगे.”
सोमवार, 14 सितंबर 2020
बिहार : लालू परिवार ने रघुवंश बाबू की हत्या की : मांझी
Tags
# बिहार
# बिहार चुनाव
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार चुनाव
Labels:
बिहार,
बिहार चुनाव
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें