मुजफ्फरपुर,11 सितम्बर। आखिरकार पुलिस कामयाब हो गयी। दीघरा थाना इलाके में डकैतों ने एक कारोबारी के घर में डाका डाला। इस दौरान घर से रुपये-जेवरात तो लूटे ही गए, जाते-जाते डकैतों कारोबारी की 15 साल की नाबालिग बच्ची को भी हाथ-पैर बांधकर अगवा कर लिया।बीते 3 सितंबर को डकैती के दौरान अपहृत छात्रा 7 दिन के बाद बरामद हो गई है। छात्रा पुलिस को हरियाणा के गुरुग्राम में मिली है। इसके साथ ही पुलिस ने दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस निजी वाहन से छात्रा और दोनों आरोपियों को लेकर गुरुवार देर शाम तक मुजफ्फरपुर पहुंचेगी। छात्रा पुलिस को हरियाणा के गुरुग्राम में मिली है। इसके साथ ही पुलिस ने दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस निजी वाहन से छात्रा और दोनों आरोपियों को लेकर गुरुवार को देर शाम तक मुजफ्फरपुर पहुंचेगी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक छात्रा को मोबाइल लोकेशन के आधार पर दिल्ली और हरियाणा के आसपास ट्रैक किया गया था। मोबाइल लोकेशन के आधार पर ही मुजफ्फरपुर पुलिस 3 दिनों से दिल्ली और आसपास के इलाके में कैंप कर रही थी।
एसएसपी जयंतकांत ने कहा है की डकैती की कोई घटना नहीं हुई थी, हालांकि उन्होंने छात्रा के अगवा होने की भी बात से इनकार नही किया है। उन्होंने बताया है कि मुजफ्फरपुर से भी दो लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है, उनकी निशानदेही पर छात्रा की बरामदगी में मदद मिली है। दीघरा में कारोबारी शंभू पांडेय की बेटी के अपहरण कांड ने 8 साल पुराने नवरुणा कांड की भयानक यादें ताजा कर दी हैं। 2012 में सितंबर के महीने में ही नवरुणा भी गायब हुई थी और फिर उसका कंकाल ही मिला। अंतर सिर्फ इतना है कि नवरुणा का अपहरण तो तब किया गया जब घर में सब लोग सोए हुए थे। लेकिन दीघरा के कारोबारी की बेटी का अपहरण तो परिवार की आंखों के सामने ही कर लिया गया था। पुलिस सूत्रों की मानें तो वैज्ञानिक जांच के दौरान छात्रा का लोकेशन दिल्ली व इसके आसपास के एनसीआर इलाके मिला। इसके आधार पर एसएसपी ने एक टीम को दिल्ली भेजा। इस टीम में केस के आईओ को भी शामिल किया गया था। सदर पुलिस हरियाणा व दिल्ली की पुलिस की मदद से लोकेशन के आधार पर छापेमारी शुरू की। मंगलवार को अपहर्ता का मोबाइल लगातार ऑफ व ऑन हो रहा था। इससे टीम को परेशानी हुई। लेकिन बुधवार को टीम ने फिर से लोकेशन के आधार पर छापेमारी की। इस दौरान अपहर्ता पुलिस टीम को चकमा नहीं दे सके। पुलिस सूत्रों की मानें तो अपहर्ता के पास से मोबाइल व सिम भी बरामद किये गये हैं।
इधर, इस कांड को लेकर बुधवार को भी दिन भर शहर में सरगर्मी बनी रही। कांड की जांच में आयी राज्य महिला आयोग की टीम के समक्ष सर्किट हाउस में केस की अद्यतन प्रगति की जानकारी देते एसएसपी जयंतकांत ने कई खुलासे किये। आयोग को बताया कि पीड़ित व्यवसायी के घर डकैती नहीं हुई थी। बेटी के अपहरण होने की जानकारी परिजन ने 24 घंटे के बाद दी। आयोग के समक्ष एसएसपी के अलावा सिटी एसपी नीरज कुमार सिंह और नगर डीएसपी रामनरेश पासवान भी उपस्थित हुए। दोनों ने भी अपनी जांच रिपोर्ट के संबंध में आयोग को अवगत कराया। इससे पहले आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा व सदस्य नीलम सहनी ने दोपहर में पीड़ित परिवार से घर जाकर मुलाकात की। बंद कमरे में करीब 20 मिनट तक जानकारी ली। बाद में आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने कहा कि पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है। रिपोर्ट से साफ है कि पीड़ित के घर डकैती नहीं हुई है। डकैती के संबंध में पुलिस को गलत जानकारी दी गई, लेकिन छात्रा गायब है। उसे जल्द बरामद कर लिया जाएगा।
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