बिहार : नीतीश कुमार ने कार्यकर्ताओं से कहा , कस लें कमर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 23 सितंबर 2020

बिहार : नीतीश कुमार ने कार्यकर्ताओं से कहा , कस लें कमर

nitish-to-worker-ready-for-election
पटना : सीएम नीतीश कुमार अब इलेक्शन फार्म में आ गये हैं। पांच महीनों में आज पहली बार पार्टी ऑफिस पहुंच कर कार्यकर्ताओं से बातचीत की और चुनावी मूड का पता लगाया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से बूथें की स्थिति की जानकारी भी लेनी चाही और प्रबंधन को सुस्त रखने का निर्देश दिया। सीएम ने निर्देश दिया कि उन्हें जिलावार स्थितियों की सू़क्ष्म जानकारी चाहिए ताकि वे माईक्रो मैनेजमेंट कर सकें। सोशल इंजीनियरिंग के मास्टर माने जाने वाले नीतीश कुमार ने कुछ खास नेताओं से अलग-अलग बातें कीं। ऐसा माना जा रहा है कि कुछ प्रत्याशी विशेष की सीटों को वे बदलेंगे और जिन विधानसभा क्षेत्रों पर उनका प्रतिनिधित्व राजद गठबंधन में नहीं रहा है, वहां भी अपनी दावेदारी पेश करेंगे।



वैसे, सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक कोई निर्णायक वार्ता भाजपा से नहीं हुई है। पर, माना जा रहा है कि एक समझदारी के तहत दोनों पार्टियां एक-दूसरे के लिए दम लगा देंगी। कारण- दोनों के पास कोई दूसरा चारा महागठबंधन से मुकाबले के लिए है ही नहीं। मिली जानकारी के अनुसार, नीतीश कुमार ने अपने सीनियर नेताओं से यह भी कहा है कि किसी बहुत कमजोर समझने की भूल नहीं क रें। उनका इशारा राजद की ओर था, जिसका वोट बैंक अभी भी गांवों में मजबूत माना जाता है। खासकर, उन इलाकों में जहां यादव और मुस्लिम का कांबिनेशन मजबूत है। इस संबंध में बता दें कि तीन तलाक, सीएए तथा रामजन्म भूमि फैसले के बाद नीतीश की रहस्यम चुप्पी को भाजपा का समर्थन मानते हुए उनसे बिदक-सा गया है। इस बात को नीतीश भी बेहतर समझते हैं। यही कारण है कि अपनी पहली वर्चुअल मीटींग में उन्होंने भागलपुर दंगे को कुरेदते हुए कहा था कि लालू प्रसाद ने अल्पसंख्यकों को सिर्फ धोखा दिया। उनके जख्म पर मरहम सिर्फ जद-यू ने ही लगाया। सूत्रों ने बताया कि जद-यू बिहार के 47 वैसी सीटों को चुना है, जहां इसका प्रतिनिधित्व नहीं रहा है। इसकी जानकारी भाजपा को विधिवत तो नहीं दी गई है, पर संकेत दे दिया है। उन संकेतों पर भाजपा ने मुहर भी लगा दी है क्योंकि वहां उसका आधार वोट नहीं है। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि नीतीश कुमार उन सीटों पर अपना दांव खेलेंगे जहां, कुर्मी-यादव और मुस्लिम अधिक हैं। सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों कई मजबूत यादव और मुस्लिम नेताओं को राजद से तोड़ कर उन्होंने खुद में इसीलिए भी मिला लिया कि दोनों वर्गों का उन्हें साथ मिलता रहे। पर, कहना मुश्किल है कि धरातल पर क्या होगा।

कोई टिप्पणी नहीं: