• जिला पदाधिकारी डॉ नीलेश रामचंद्र देवरे की अध्यक्षता जिला अभिसरण समिति की बैठक का आयोजन समाहरणालय सभा कक्ष में हुआ।• स्वास्थ्य विभाग, महिला एवम् बाल विकास विभाग,ग्रामीण विकास विभाग समेत आधे दर्जन विभागों के अधिकारी थे मौजुद।• कुपोषण,एनीमिया एवम् बच्चो के जन्म के समय कम वजन आदि में कमी लाने पर विशेष जोर देने का निर्देश दिया गया।
मधुबनी 25 सितंबर, समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी डॉ.निलेश रामचंद्र देवरे की अध्यक्षता में पोषण अभियान के अंतर्गत जिला अभिसरण समिति की बैठक आयोजित की गयी। बैठक में पोषण अभियान का क्रियान्वयन को लेकर जिले में संचालित विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों का अनुश्रवण एवं समीक्षा की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि विभिन्न विभागों के समन्वय से निर्धारित सीमा के अंदर बच्चों में अल्पवजन, बौनापन एवं दुबलापन के दर में कमी लाया जाना है।
योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए विभिन्न विभागों- महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, पंचायती राज इत्यादि विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए बच्चों के कुपोषण दर में प्रतिवर्ष 2% एवं किशोरी व महिलाओं के एनीमिया दर में प्रतिवर्ष 3% की कमी लाने में संयुक्त प्रयास किया जाएगा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि पोषण अभियान के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य को ससमय हासिल करें। इसके लिए अंर्तविभागीय समन्वय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता है। इस दौरान राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला समन्वयक स्मित प्रतीक सिन्हा के द्वारा पीपीटी के माध्यम से प्राप्त लक्ष्य और माइक्रोप्लान के बारे में बताया गया। इस बैठक में आईसीडीएस के डीपीओ डॉ. रश्मि वर्मा, स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा, यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा,सभी सीडीपीओ, शिक्षा विभाग, पंचायती राज, विभाग के पदाधिकारी शामिल थे। यहां उल्लेखनीय है कि पोषण अभियान की शुरुआत मार्च 2018 में लागू किया गया था तथा इसके लक्ष्यों को अगले 3वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके प्रमुख लक्ष्य इस प्रकार है:-
योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए विभिन्न विभागों- महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, पंचायती राज इत्यादि विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए बच्चों के कुपोषण दर में प्रतिवर्ष 2% एवं किशोरी व महिलाओं के एनीमिया दर में प्रतिवर्ष 3% की कमी लाने में संयुक्त प्रयास किया जाएगा। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि पोषण अभियान के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य को ससमय हासिल करें। इसके लिए अंर्तविभागीय समन्वय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता है। इस दौरान राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला समन्वयक स्मित प्रतीक सिन्हा के द्वारा पीपीटी के माध्यम से प्राप्त लक्ष्य और माइक्रोप्लान के बारे में बताया गया। इस बैठक में आईसीडीएस के डीपीओ डॉ. रश्मि वर्मा, स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा, यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा,सभी सीडीपीओ, शिक्षा विभाग, पंचायती राज, विभाग के पदाधिकारी शामिल थे। यहां उल्लेखनीय है कि पोषण अभियान की शुरुआत मार्च 2018 में लागू किया गया था तथा इसके लक्ष्यों को अगले 3वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके प्रमुख लक्ष्य इस प्रकार है:-
इस योजना के तहत 0 से 6 वर्ष के बच्चों में ठीकने पन को कम करना
• 0 से 6 वर्ष के बच्चों में कुपोषण के कारण वजन की कमी की समस्या में कमी लाना
• 5 से 59 महीनों वालों छोटे बच्चों में रक्ताल्पता की कमी की समस्या में कमी लाना
• इस योजना के तहत 15 से 49 आयु वर्ग की किशोरियों एवं महिलाओं में एनीमिया की समस्या में कमी लाना
• नवजात शिशु के जन्म के समय वजन में कमी की समस्या में कमी लाना
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