नयी दिल्ली ,13 सितंबर, कोविड-19 के कारण नये नियमों और पाबंदियों के बीच बदले हुये अंदाज में संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है जिसमें सामाजिक दूरी का पूरा पालन किया जायेगा, सदन के अंदर और बाहर विरोध-प्रदर्शनों की अनुमति नहीं होगी। देश के संसदीय इतिहास में पहली बार प्रश्नकाल नहीं होगा और एक ही सदन के सांसद दोनों सदन गृहों में तथा दर्शक दीर्घाओं में बैठेंगे। सत्रहवीं लोक सभा का चौथा और राज्य सभा का 252वाँ सत्र इस मायने में भी खास होगा कि लगभग पूरा कामकाज कागज रहित और डिजिटल होगा तो दूसरी तरफ मत विभाजन की स्थिति में डिजिटलीकरण छोड़कर पुराने दिनों की तरह पर्चियों से वोटिंग होगी। यह भी पहली बार होगा कि पूरे सत्र के दौरान सदन में कोई साप्ताहिक अवकाश भी नहीं होगा। दोनों सदनों की कार्यवाही का समय अलग-अलग होगा और दर्शकों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित होगा। एक अक्टूबर तक चलने वाले इस सत्र में 18 बैठकें होंगी जिनमें 45 विधेयक पेश/पारित करने के लिए रखे जायेंगे। इनमें 11 विधेयक ऐसे हैं जिनके लिए सरकार बजट सत्र के बाद अध्यादेश लागू कर चुकी है। इनमें अधिकतर अध्यादेश आत्मनिर्भर भारत पैकेज की दौरान की गई घोषणाओं से संबंधित हैं। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली अनुपूरक अनुदान माँगों और उनसे जुड़े विनियोग विधेयक पर भी सदन में चर्चा होगी। संसद में लंबित 17 विधेयकों को भी पारित कराये जाने की सरकार की योजना है जबकि ऐसे पाँच विधेयकों को सरकार वापस लेगी।
सोमवार, 14 सितंबर 2020
कोविड प्रोटोकॉल के साथ मानसून सत्र सोमवार से
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