चुनाव का समय नजदीक आ रहा है देखना ये हैं, क्या स्थानीय नेता लोग किसानों व आम जनता को हो रही इस परेशानियों से निजात दिला पाते हैं या जुमलेबाज़ी कर फिर टाल देते हैं..
मझौलिया। एक बार फिर काले जहरीले धुऎँ के खिलाफ किसान व स्थानीय लोग सड़क पर उतरकर मझौलिया नवनिर्मित एथेनॉल प्लांट को बंद कराने की मांग करने लगे। सनद रहे कि पटना से सामाजिक कार्यकर्ता विकास चन्द्र उर्फ गुड्डू बाबा जहरीले धुँए और चीनी मील से निकलने वाले रासायनिक पानी को बंद कराने के समर्थन में किसान व स्थानीय लोगों के साथ धरना प्रदर्शन में शामिल हुए थे। बीडीओ के हस्तक्षेप करने से आंदोलन का सिलसिला बंद हुआ। आपको बता दे पिछले कुछ महीनों से इस चीनी मील के इस गन्दे रवैये के खिलाफ लगातार किसान आवाज बुलंद करते हैं।उनके खेतों में प्लांट के द्वारा छोड़े गए रासायनिक पानी से किसानों के खेत बंजर बनते चला जा रहा है।आस पास के किसानों व स्थानीय लोगों द्वारा एक बड़ा प्रदर्शन भी किया गया। आवाज़े उठ रही हैं पर इसका असर बिल्कुल शून्य दिखायी दे रहा है।
आज मझौलिया मिल गेट के पास बैठनिया भानाचक मझौलिया के किसान इकट्ठा होकर मझौलिया चीनी मिल और मझौलिया एथेनॉल प्लांट के द्वारा फैलाए जा रहे प्रदूषण के खिलाफ सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। लोगों की मांग है कि मिल जो प्रदूषित पानी जिसमें अलग-अलग रसायनिक पदार्थ और तेजाब अत्यधिक मात्रा में रहता है वह आसपास के खेतों में छोड़ देता है जिससे खेतों के फसल को भारी मात्रा में नुकसान होता है। आसपास का पानी प्रदूषित हो गया है जिसे पीकर मझौलिया मिल के 15 किलोमीटर की परिधि में रहने वाले लोग अक्सर बीमार होते हैं। स्थानीय लोगों ने युवा नेता मनीष कश्यप को बुलाकर अपनी समस्याओं को बताया। मनीष कश्यप ने कहा कि मिल को 20 तारीख तक का समय देते हैं किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान करें और मिल से निकलने वाला रसायनिक प्रदूषित पानी को रोके। वरना 21 तारीख से मिल गेट में ताला लगाकर अनिश्चितकालीन तक धरने पर बैठेंगे। सुगौली के समाजसेवी सुजीत रमन ने कहा कि सरकार किसानों का आय दोगुना करने की बात कर रही है और यहां स्थानीय नेता और मिल की मिलीभगत के कारण किसान मर रहे हैं। आज के सांकेतिक विरोध में मझौलिया के आसपास के गांव के किसान,महिलाएं और स्थानीय ग्रामीण नेता शामिल हुए और सबने एक सुर में कहा "मिल हम गरीब किसानों को चैन से जीने दो"।इसके बाद युवा नेता मनीष कश्यप और सुजीत रमन के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया।गगनभेदी नारों के माध्यम से मांगों को मझौलिया एथेनॉल प्लांट के प्रबंधकों तक पहुंचाया।इस सांकेतिक विरोध प्रदर्शन में राजन कुमार, निपुन पाण्डेय, गोविंद बैठा, शत्रुधन बैठा, शम्भू यादव, बिशेषर बैठा, भिखारी यादव, देवानंद पासवान, भिखारी गिरी, राजू गिरी, रमेश कुशवाहा, महिंद्र पटेल, सतन गिरी आदि अनेकों ग्रामीण शामिल हुए।
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