अगर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अपना नेतृत्व बदल दे तो वे फिर महागठबंधन में आ सकते हैं। खास बात यह भी है कि इसक पहले आरएलएसपी ने महागठबंधन (Grand Alliance) के मुख्यमंत्री चेहरा (CM Face) के रूप में उपेंद्र कुशवाहा का नाम सामने रखा था, जिससे आरजेडी ने इनकार कर दिया था। आरएलएसपी सीटों के बंटवारे (Seat Sharing) के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं किए जाने से भी नाराज थी। अब माना जा रहा है कि कुशवाहा फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में लौटने का फैसला कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा है.....
पटना। राजधानी पटना के राजीव नगर स्थित एक कम्युनिटी हॉल में 11 बजे से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) की राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी की आपातकालीन संयुक्त बैठक की गयी। इस बैठक में प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को अधिकार दिया गया कि आप निर्णय ले कि महागठबंधन में रहने हैं कि महागठबंधन को टा-टा-बाई-बाई कर देना है। बिहार में अक्तूबर-नवंबर के महीने में विधानसभा चुनाव होने की संभावना हैं। ऐसे में भाजपा और जदयू गठबंधन को हराने के लिए बना महागठबंधन एकजुट नहीं हो पा रहा है। दरअसल, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व में बने महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का मुद्दा गरमा रहा है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) नाराज दिख रही है। गुरूवार को कार्यकारिणी की आपातकालीन संयुक्त बैठक में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत की गयी। पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने विशेष जानकारी दी। इसके बाद पार्टी की राय सामने आयी कि महागठबंधन का रूख रालोसपा के प्रति सकारात्मक नहीं है। बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का अभी एलान नहीं हुआ है। लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर बिहार में महागठबंधन और एनडीए दोनों खेमे के घटक दल में बेचैनी शुरू हो गई है।महागठबंधन की नैया पर सवार होकर विधानसभा चुनाव लड़ने निकले रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का अब महागठबंधन से मोहभंग हो रहा है।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेताओं की उपेंद्र कुशवाहा ने आज अहम बैठक बुलाई थी। इस बैठक में गठबंधन समेत विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई। उपेंद्र कुशवाहा ने रालोसपा नेताओं की बैठक में इस बात की चर्चा की है कि लोग आखिर आरजेडी के साथ जाने में क्यों हिचकते हैं। आरजेडी भय और भ्रम दोनों का शिकार है।लोगों के बीच आरजेडी को लेकर आज भी वही नाराजगी है, जो 15 साल पहले थी। उपेंद्र कुशवाहा ने आरजेडी के साथ गठबंधन को लेकर अपने विचार पार्टी नेताओं के सामने रखे। दूसरी ओर रालोसपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ उनकी पार्टी की कोई दुश्मनी नहीं है।उन्होंने ये भी कहा कि रालोसपा के साथ बीजेपी की भी कोई दुश्मनी नहीं है। रालोसपा की बैठक से यही बातें निकल कर सामने आ रही है कि बिहार के लोग आज भी आरजेडी के साथ जाने से हिचकते हैं।राजद भय और भ्रम दोनों का शिकार है। रालोसपा के अभियान समिति के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र नाथ ने कहा कि बिहार में अभी बहुत खेल होना बाकी है।मैं नहीं जानता क्या होगा ? किसकी सरकार बनेगी ? लेकिन सरकार उसी की बनेगी, जहां रालोसपा रहेगी।किसी को भ्रम में नहीं रहना चाहिए। पार्टी के नेताओं की राय है कि महागठबंधन में कुछ बचा नहीं है।महागठबंधन का मुंह देखते हुए बिहार की जनता को भुगतने नहीं दे सकते।उपेंद्र कुशवाहा को ताकत देनी है ताकि वे फैसला ले सकें।
रालोसपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए 35 सीटों की मांग की थी और इसके लिए उपेंद्र कुशवाहा ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव से दो बार और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से भी उनके कायार्लय में मुलाकात की थी. बताया जाता है कि राजद रालोसपा को 10-12 सीट से अधिक देने को तैयार नहीं है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) की राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी की आपातकालीन संयुक्त बैठक की गयी। इस बैठक में प्रस्ताव पारित कर पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि को अधिकार दिया गया कि आप निर्णय ले कि राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी की आपातकालीन संयुक्त बैठक में अधिकार दिया गया है।बहुत जल्द ही निर्णय लेकर आपलोगों को बता देंगे। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले विपक्षी महागठबंधन (Mahagathbandhan) का महाभारत थमने का नाम नहीं ले रहा है। जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) के हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के बाद अब उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) भी अलग राह पर पर चल पड़ी है। गुरुवार को आरएलएसपी की आपात बैठक में महागठबंधन (Grand Alliance) से आगे की राह पर विचार करने के लिए उपेंद्र कुशवाहा को अधिकृत कर दिया गया। कुशवाहा का कहना है कि अगर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अपना नेतृत्व बदल दे तो वे फिर महागठबंधन में आ सकते हैं। खास बात यह भी है कि इसक पहले आरएलएसपी ने महागठबंधन (Grand Alliance) के मुख्यमंत्री चेहरा (CM Face) के रूप में उपेंद्र कुशवाहा का नाम सामने रखा था, जिससे आरजेडी ने इनकार कर दिया था। आरएलएसपी सीटों के बंटवारे (Seat Sharing) के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं किए जाने से भी नाराज थी। अब माना जा रहा है कि कुशवाहा फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में लौटने का फैसला कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा है।
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