जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की तबीयत अचानक काफी बिगड़ गई है।उन्हें उनके घर में ही वेंटिलेटर पर रखा गया है।डॉक्टरों के द्वारा विशेष देखरेख व उनके घर में वेंटिलेटर पर रखकर उनका इलाज किया जा रहा है...
नयी दिल्ली,21 सितम्बर। वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव (Sharad Yadav) की तबीयत बिगड़ गई है।जानकारी के अनुसार, शरद यादव इस समय अपने घर पर इलाजरत हैं।सूत्रों के अनुसार, शरद यादव अपने घर पर ही वेंटिलेटर पर हैं और डॉक्टरों की देखरेख में उनका इलाज घर पर ही चल रहा है। बिहार के कद्दावर नेताओं में शुमार शरद यादव लंबे समय से बीमार चल रहे थे।बीमारी के दौरान जेडीयू (JDU) चीफ और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी शरद यादव का फोन पर हालचाल लिया था।इस दौरान, यह भी कयाए लगने शुरू हो गए थे कि शरद यादव की दोबारा जेडीयू में वापसी हो सकती है। इसको लेकर शरद यादव से जुड़े एक करीबी नेता ने कहा था कि राजनीति में कुछ भी संभव है।
गौरतलब है कि शरद यादव सात बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा के लिए चुने जा चुके हैं और वह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मालूम हो कि कुछ दिन पूर्व भी शरद यादव की तबीयत बिगड़ी थी।जिस कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।उस समय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी उनका हालचाल जाना था।जिसके बाद उनके जदयू में पुनःवापसी की कयासें लगनी आरंभ हो गई थी।हालांकि इलाज के उपरांत शरद यादव अपने घर वापस आ गए थे।मगर अब फिर उनकी तबीयत बिगड़ गई हैजिस कारण उन्हें उनके घर पर ही वेंटिलेटर पर रखा गया है।जानकार सूत्रों के मुताबिक जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव की तबीयत फिलहाल गंभीर बताई जा रही है।विशेष चिकित्सकों के टीम के द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि शरद यादव केंद्र की राजनीति के धुरंधर नेताओं में से एक रहे हैं। वाजपेयी सरकार में खाद्य तथा उपभोक्ता मंत्रालय एवं नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मंत्री रह चुके हैं। बिहार में सत्ताधारी जदयू के लंबे समय तक राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।मगर बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद वे हट गए।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजद- कांग्रेस से गठबंधन तोड़ कर पुनः भाजपा के साथ जाने के सवाल को लेकर उनका मतभेद हो गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने राजद के टिकट पर मधेपुरा से चुनाव लड़ा था मगर हार गए थे।अपने पूरी राजनीतिक जीवन में शरद यादव सात बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा के लिए चुने जा चुके हैं। इधर मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री तथा लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान भी दिल्ली में ही आईसीयू में एडमिट है।उनकी तबीयत भी खराब बताई जा रही है। विदित हो कि एक सप्ताह पूर्व बिहार के महान समाजवादी नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह का नई दिल्ली के एम्स में इलाज के दौरान मृत्यु हुई थी।
गौरतलब है कि शरद यादव सात बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा के लिए चुने जा चुके हैं और वह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मालूम हो कि कुछ दिन पूर्व भी शरद यादव की तबीयत बिगड़ी थी।जिस कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।उस समय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी उनका हालचाल जाना था।जिसके बाद उनके जदयू में पुनःवापसी की कयासें लगनी आरंभ हो गई थी।हालांकि इलाज के उपरांत शरद यादव अपने घर वापस आ गए थे।मगर अब फिर उनकी तबीयत बिगड़ गई हैजिस कारण उन्हें उनके घर पर ही वेंटिलेटर पर रखा गया है।जानकार सूत्रों के मुताबिक जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव की तबीयत फिलहाल गंभीर बताई जा रही है।विशेष चिकित्सकों के टीम के द्वारा उनका इलाज किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि शरद यादव केंद्र की राजनीति के धुरंधर नेताओं में से एक रहे हैं। वाजपेयी सरकार में खाद्य तथा उपभोक्ता मंत्रालय एवं नागरिक उड्डयन मंत्रालय के मंत्री रह चुके हैं। बिहार में सत्ताधारी जदयू के लंबे समय तक राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।मगर बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद वे हट गए।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजद- कांग्रेस से गठबंधन तोड़ कर पुनः भाजपा के साथ जाने के सवाल को लेकर उनका मतभेद हो गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने राजद के टिकट पर मधेपुरा से चुनाव लड़ा था मगर हार गए थे।अपने पूरी राजनीतिक जीवन में शरद यादव सात बार लोकसभा और तीन बार राज्यसभा के लिए चुने जा चुके हैं। इधर मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्री तथा लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान भी दिल्ली में ही आईसीयू में एडमिट है।उनकी तबीयत भी खराब बताई जा रही है। विदित हो कि एक सप्ताह पूर्व बिहार के महान समाजवादी नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह का नई दिल्ली के एम्स में इलाज के दौरान मृत्यु हुई थी।
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