पटना : देश के वंचितों की आवाज तथा केंद्र में मंत्री रहते हुए मनरेगा को गांव-गांव पहुँचाने वाले नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का आज दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया। उनके निधन से पूरा देश मर्माहित है। सभी लोग अपनी भावनाओं को प्रकट करते हुए रघुवंश प्रसाद सिंह (ब्रह्म बाबा) के निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं। ब्रह्म बाबा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार के दिग्गज नेता श्रीमान रघुवंश प्रसाद सिंह हमारे बीच नहीं रहे हैं। मैं उनको नमन करता हूं। रघुवंश बाबू के जाने से बिहार और देश की राजनीति में शून्य पैदा हुआ है। रघुवंश जी जिन आदर्श को लेकर चले थे, जिनके साथ चले थे, उनके साथ चलना उनके लिए संभव नहीं रहा था। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री जी को अपनी एक विकास के कामों की सूची भेज दी। बिहार के लोगों की, बिहार के विकास की चिंता उस चिट्ठी में प्रकट होती है। मैं नीतीश जी से आग्रह करूंगा कि रघुवंश प्रसाद जी ने अपनी आखिरी चिट्ठी में जो भावना प्रकट की है उसको परिपूर्ण करने के लिए आप और हम मिलकर पूरा प्रयास करें।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखते हुए उन्होंने कहा था कि मनरेगा कानून में सरकारी और एससी, एसटी की जमीन में काम होगा का प्रबंध है। उस खंड में आम किसानों की जमीन में भी काम होगा, जोड़ दिया जाये। इस आशय का अध्यादेश तुरंत लागू कर आनेवाले आचार संहिता से बचा जाये। इससे किसानों को मजदूर गारंटी और मजदूरी सब्सीडी, गड़बड़ी में आयेगी और सरकार पर से खर्च का बोझ घटेगा। जैसे मुखिया से मजदूर काम मांगता है और किसान भी मुखिया से मजदूर मांगेंगे। किसानों की जमीन के रकबा के आधार पर मजदूरों की संख्या को लिमिट रखा जाये। मजदूरी में आधी सरकार और आधी मजदूरी किसान भी दे। यह काम छूट गया था। इसे करा दें, आपकी बड़ी होगी। इसके अलावा उन्होंने नीतीश कुमार से यह अनुरोध किया कि वैशाली जनतंत्र की जननी है। सरकार से मेरा आग्रह है कि आगामी 26 जनवरी से मुख्यमंत्री वैशाली में और राज्यपाल पटना में झंडा फहराएं। तीसरी मांग करते हुए रघुवंश बाबू ने कहा था कि भगवान बुद्ध का पवित्र भिक्षापात्र अफगानिस्तान के कंधार से वैशाली लाया जाय। अब पीएम मोदी ने नीतीश कुमार के साथ मिलकर इन सभी कामों को पूरा करने का संकल्प लिया है।
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