विश्व शांति दिवस के अवसर पर एकता परिषद के द्वारा एक दिवसीय उपवास एवं परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित की गयी। परिचर्चा का विषय- शांति-क्यों और कैसे? ....
कुढ़नी, 21 सितंबर। आज विश्व शांति दिवस है। इस अवसर पर केवल पढ़े-लिखे विद्वत् समाज के ही लोग नहीं, खालिस ग्रामीण महिला-पुरुष मजदूरों एवं कामगारों ने भी मिलकर एकता परिषद् के बैनर तले 'विश्व शांति दिवस' मनाया । जन संगठन एकता परिषद बिहार की शाखा उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी प्रखंड में है। इस संगठन के सकरी-सरैया स्थित कार्यालय पर विश्व शांति दिवस मनाया गया। मौके पर लगभग 100 महिला-पुरुषों ने उपवास रखा । इस अवसर पर एक परिचर्चा का आयोजना किया गया था।विषय था-शांति-क्यों और कैसे? परिचर्चा का संचालन एवं विषय प्रवेश विजय गौरैया ने किया । इस परिचर्चा को एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी जी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से संबोधित किया।
अध्यक्ष शिवनाथ पासवान, संयोजक राम लखेंद्र, उप संयोजक रामबाबू सहनी, उपाध्यक्ष विद्यानंद जी,कोषाध्यक्ष रामशिला जी इत्यादि ने अपने विचार रखें। उपवास पर बैठे संगठन के मजदूर एवं कामगार साथियों ने भी चर्चा में बड़-चढ़ कर भाग लिया। सभी साथी इस बात से सहमत थे कि गांव-टोला या फिर देश में अशांति का बड़ा कारण गरीबी, बेरोजगारी, भूमिहीनता,पानी की समस्या इत्यादि है। इसके निराकरण के बाद ही समाज में वास्तविक शांति संभव है । सभी साथियों ने गांधी जी की तस्वीर के समक्ष संकल्प लिया कि शांति के लिए आवश्यक संघर्ष को हम एकजुटता के साथ आगे बढ़ाएंगे। प्रेरक एवं क्रांति गीत रामशिला जी,रामबाबू साहनी,राम लखेंद्र , योगी देवी इत्यादि ने प्रस्तुत की। उपवास एवं परिचर्चा मे भाग लेने वाले अन्य प्रमुख साथी थे। शांति देवी अरुण जी उषा देवी मोहन कुमार मनीष कुमार प्रमिला देवी गीता देवी रितू देवी इत्यादि ।शाम में नींबू शर्बत पीकर साथियों ने उपवास तोड़ा।
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