यूनिसेफ और फिआ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में प्रगति ग्रामीण विकास समिति एवं इजाद नामक संस्थाओं के माध्यम से ग्लोबल हैंड वाश डे पखवाड़ा मनाया जा रहा है. बांका और गया ज़िले में हाथ धुलाई कार्यक्रम का आयोजित किया गया.इसमें मुखिया, आंगनवाड़ी सेविका, आशा, सरपंच, वार्ड सदस्य भी शामिल होकर हाथ धोने के प्रति लोगों से व्यवहार में बदलाव लाने के लिए अपील की है....पटना. राष्ट्रीय सेवा योजना और यूनिसेफ 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंड वाश डे के अवसर पर हाथ धोने की जागरूकता का अभियान चलाने का निर्णय लिया था. यूनिसेफ और फिआ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में प्रगति ग्रामीण विकास समिति एवं इजाद नामक संस्थाओं के माध्यम से ग्लोबल हैंड वाश डे पखवाड़ा मनाया जा रहा है. बांका और गया ज़िले में हाथ धुलाई कार्यक्रम का आयोजित किया गया.इसमें मुखिया, आंगनवाड़ी सेविका, आशा, सरपंच, वार्ड सदस्य भी शामिल होकर हाथ धोने के प्रति लोगों से व्यवहार में बदलाव लाने के लिए अपील की है. बताते चले कि यूनिसेफ व्यावसायिक व्यवहारों को बेहतर बनाने के लिये काम करता है, उन्हें अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत दायित्वों के अनुरूप लाता है और यह सुनिश्चित करता है कि वे बाज़ार, कार्यस्थल और समुदाय के दायरे में बच्चों के अधिकारों का सम्मान करें.वर्ष 2012 में यूनिसेफ ने बच्चों के अधिकारों और व्यावसायिक सिद्धांतों को विकसित करने के लिये ‘सेव द चिल्ड्रेन’ एवं ‘द यूनाइटेड नेशंस ग्लोबल कॉम्पेक्ट’ के साथ काम किया तथा कार्य बिंदु साझा किये और अब यूनिसेफ की यही सलाह इन्हीं कंपनियों के लिये दिशा-निर्देश बना दी गई हैं. यूनिसेफ एक उचित परिश्रम प्रक्रिया के माध्यम से अपनी सामाजिक स्थिरता में सुधार करने की कोशिश करने वाली कंपनियों के साथ काम करता है, जहाँ उनकी आपूर्ति श्रृंखला में बाल श्रम जैसे मुद्दों की पहचान की जा सकती है और इस संबंध में कार्रवाई की जा सकती है. यूनिसेफ और फिआ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में प्रगति ग्रामीण विकास समिति एवं इजाद नामक संस्थाओं के द्वारा विश्व हाथ धुलाई दिवस पखवाड़ा मनाया जा रहा है. बांका व गया ज़िले में हाथ धुलाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर जिला समन्वयक रंजीत कुमार ने हाथ धोने के सही तरीके, हाथ धोने के फायदे एवं कब-कब हाथ धोना चाहिए बताया.उन्होंने कहा कि साफ़ दिखने वाला हाथ हमेशा साफ नहीं रहता है.सिर्फ पानी से हाथ धोने पर हाथ कितना साफ़ होता है और साबुन से हाथ धोने के बाद हाथ कितना होता है. उक्त कार्यक्रम का आयोजन ग्रामीण स्तर पर किया जा रहा है. प्रगति ग्रामीण विकास समिति के जिला समन्वयक रंजीत कुमार ने कहा कि इस साल का ग्लोबल हैंड वाश डे यानी विश्व हाथ धुलाई दिवस बहुत ही महत्वपूर्ण रहा.वैश्विक कोरोना काल में दो गंज की दूरी, मास्क पहना और हाथ धोना ही महामारी से बचाव है. इस लिए हम लोग इस दिन को अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण बनाने के लिए (1) हाथ धोने के फायदे को बता रहे हैं.
*साबुन से हाथ धोने से की बीमारियों से बचाव हो सकता है.
*दस्त रोग यानी उल्टी पैखाना होना 30% से 40% नहीं होने की संभावना होती है.
*साबुन से हाथ धोने से कोरोना वायरस के संक्रमण होना 36% नहीं होने की संभावना होती है.
* गम्भीर श्वसन संक्रमण होना 20% नहीं होने की संभावना होती है.
* साबुन से हाथ धोने से हैजा, इबोला, कोरोना, हेपेटाइटिस ई, SARS जैसे प्रकोप से संबंधित रोगों को फैलने से रोकने में काफी कारगर होता है.
* साबुन से हाथ धोने से रोगाणुओं को फैलने से रोकने में सहायक होता है.
( 2 ) हाथ धोने के 6 सही तरीके को बताये
* स्टेप 1 में दोनों हथेलियों को रगड़े.
* स्टेप 2 में हथेलियों को पलट कर रगड़े.
* स्टेप 3 में उंगलियों के बीच में रगड़े.
*स्टेप 4 में उंगलियों की सतह के पीछे साफ करें.
*स्टेप 5 में अंगूठा के सतह को रगड़ें.
* स्टेप 6 में नाखूनों को साफ करें. उसके बाद हाथ को पानी से साफ करें
( 3 ) में हाथ कब-कब धोयेगें?
* घर के सफाई करने के बाद,
* शौचालय से आने के बाद,
* बच्चे के मल-मूत्र साफ करने के बाद,
* खाना बनाने के पहले,
* खाना परोसने के पहले,
* खाना- खाने से पहले,
* किसी भी बाहर से लाए वस्तु को छूने के बाद 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोना है.
( 4 ) साबुन से हाथ धोने का आंकड़ा
*क्या आप जानते हैं दुनिया की 40% अाबादी को हाथ धोने की सुविधा प्राप्त नहीं है.
* दुनिया भर में 90 करोड़ बच्चों को स्कूल में हाथ धोने की सुविधा प्राप्त नहीं है.
*5 में से 2 स्वास्थ्य केन्द्र पर हाथ धोने की सुविधा उपलब्ध नहीं है.
*नाज़ुक और संघर्षरत क्षेत्रों में 5 वर्षों से कम उम्र के बच्चों को में डायरिया से मृत्यु की संभावना हिंसा से 20 गुणा अधिक है.
( 5 ) साबुन से हाथ धोने की प्रक्रिया को हमेशा अपनी आदत डालनी चाहिए और कोरोना वायरस को खत्म होने के बाद भी साबुन से हाथ धोने की आदत को लगातार जारी रखना है.
यह बताने का प्रयास किया जाता है कि आपको जो आज हाथ धोने की फायदे, तरीका, और कब-कब धोना है उसकी जानकारी व समझ विकसित होने पर इच वन व टीच वन की पद्धति पर चलकर इसे अपने परिवार में भी पालन करें. हाथ धुलाई दिवस पखवाड़े के तहत बांका प्रखंड के छत्रपाल मध्य विद्यालय प्रांगण में जिला समन्वयक रंजीत कुमार के नेतृत्व में हाथ धुलाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रखंड समन्वयक राज किशोर शर्मा ने बताया कि यूनिसेफ एवं फिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में पीजीभीएस के द्वारा कार्यक्रम का आयोजित किया गया. मौके पर हाथ धुलाई के विभिन्न तरीकों तथा इससे होने वाले फायदे के बारे में जानकारी दी गई. कार्यक्रम में विद्यालय प्रभारी संतोष कुमार सिंह सहित रीता सोलंकी, राकेश कुमार, मुख्तार आलम, मनोज कुमार के अलावा इंटरनेट साथी संगीता कुमारी एवं छात्र-छात्राएं शामिल हुए.
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