गुरुवार को आई पीड़िता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
हाथरस कांड की पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Postmortem Report) सामने आ गई है. सफ़दरजंग हॉस्पिटल (Safdarjung Hospital) के डॉक्टरों के पैनल द्वारा किए गए पोस्टमार्टम में कहा गया है कि युवती की मौत गले की हड्डी टूटने से हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि बार-बार गला दबाने से हड्डी टूटी थी. गले पर चोट के निशान भी मिले हैं. हालांकि, रिपोर्ट में रेप की बात नहीं कही गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि गला दबाने से सर्वाइकल स्पाइन टूट गई थी, जो मौत की मुख्य वजह बनी. इससे पहले अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट में भी गले की हड्डी टूटने की बात कही गई थी. मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया था कि गला दबाने की वजह से सर्वाइकल स्पाइन का लिगामेंट टूट गया था. मेडिकल रिपोर्ट में भी रेप की बात से इनकार किया गया था.
अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन( ऐपवा) की राज्य अध्यक्ष सरोज चौबे एवं राज्य सचिव शशि यादव ने बयान जारी कर हाथरस में गैंगरेप की शिकार पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए घटना की कड़ी निंदा की है.साथ ही उत्तर प्रदेश में बढ़ रही बलात्कार की घटनाओं की भी कड़ी निंदा की. आगे उन्होंने कहा कि मौजूदा घटना में पीड़िता न सिर्फ बलात्कारियों के जघन्य कृत्य का शिकार हुई अपितु प्रशासन ने भी उसके साथ घोर अन्याय किया. 7 दिन तक बलात्कार का एफआईआर नहीं दर्ज हुआ और बलात्कारी भी उस समय गिरफ्तार किए गए जब घटना के खिलाफ आंदोलन तेज होने लगा.पीड़िता के साथ न सिर्फ गैंगरेप किया गया बल्कि उसका गला दबाया गया. गला दबाने के क्रम में उसकी जीभ कट गई .उसकी पिटाई की गई जिसकी वजह से उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई.अति तो तब हो गई जब सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत के बाद उसकी लाश को परिजनों को न सौंपकर रात के अंधेरे में प्रशासन ने दाह संस्कार कर दिया.ऐपवा मामले को रफा-दफा करने की इस कार्रवाई का घोर विरोध करता है.यही नहीं दाह संस्कार के समय उसके मां-बाप को कमरे में बंद कर दिया गया था.इसीलिए हम मांग करते हैं कि फास्ट ट्रैक कोर्ट चला कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए , प्रशासनिक अधिकारियों एवं बलात्कारियों पर एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए, पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दें .
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