जल संसाधन मंत्री ने सरकार की हकीकत बयां करने वाला बयान देकर नीतीश सरकार की कोरोना काल में की गई लापरवाही की खोली पोल ,
मधुबनी, 28 अक्टूबर, बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने कोरोना आपदा से त्राहिमाम हुए अप्रवासी बिहारी, गरीब, मजदूर के रोजी रोटी शिक्षा स्वास्थ्य की समस्याओं का मखौल उड़ाते हुए कहा है कि "कोरोना कभी बिहार के लिए मुद्दा नहीं रहा", यह बेहद शर्मनाक और बिहार के गरीब आवाम का मज़ाक उड़ाना है. कोरोना आपदा में बिना पूर्व तैयारी के भाजपा सरकार ने पुरे देश को लॉक डाउन कर दिया और बंद हो गया गरीब, मजदूर, दिहाड़ी मजदूर के साथ मध्यमवर्ग के जीवनयापन माध्यम. रोजगार की ऎसी बंदी कि बिहार से हज़ारो मिल दूर रहने वाले अप्रवासी घर वापिस आने को बाध्य होने लगे तब न तो उनके पास पैसे थे ना ही वाहन। ट्रेन बस सभी बंद तो अप्रवासी पैदल ही अपने गाँव की और निकल पड़े. ऎसी आपदा में पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी आगे आये थे और बिहार सरकार से आग्रह किया था कि सरकार अनुमति दे तो राजद बसों की व्यवस्था करेगी और बिहार के सभी लोगों को वापिस लाएगी लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी के आग्रह को अनसुना कर बिहारियों को सड़क पर भूख प्यास से तिल तिल मरने को छोड़ दिया गया. लोग पैदल घर भी आये तो उनके लिए रहने खाने दवाई स्वास्थ्य की व्यवस्था के नाम पर "लूट का क्वारेंटाइन सेंटर" किया गया. विश्व स्वास्थ्य संगठन कि कोरोना का आपदा वापिस आ सकता है के बावजूद मंत्री संजय झा के कोरोना को लेकर दिए बयान सूबे और जिले की आवाम के साथ खिलवाड़ है. सरकार अपनी असफलता को छुपाने के लिए इस तरह के बयानबाजी से पुरे बिहार के जनता के जान को खतरे में डाल रही है. राजद प्रवक्ता और मधुबनी से महागठबंधन प्रत्याशी ने कहा कि राजद की सरकार बनने पर कोरोना आपदा के नाम पर हुए अनियमितता की जांच कराई जायेगी, दोषियों पर सख्त करवाई होगी।
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