रायगढ़ ,आर्यावर्त डेस्क, कहते हैं कि सृजन कभी साधन की मोहताज नहीं होती। अगर दिल में ख़्वाहिश हो और चाहत भरपूर हो तो मुफ़लिसी में भी व्यक्ति अपनी हसरत पूरी कर लेता है। खुश रहने का यह भी एक बेहतरीन तरीका है। रचनात्मकता का एक नायब उदाहरण आज छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में देखने को मिला जहाँ आज सुबह सड़क पर सामान्य जांच के सिलसिले में पुलिस ने एक युवक को रोका। हालाँकि युवक एक 'साईकिल' पर था लेकिन पूरी तरह से उपान्तरित साइकिल को देख पुलिस वाले भी भौंचक रह गए। साइकिल के हैंडल की जगह ट्रक की स्टीयरिंग थी ,साइकिल सीट की जगह बुलेट मोटरसाइकिल की सीट , मोटरसाइकिल का साइलेंसर , लेग गार्ड ,लाइट आदि रूप भेदित रूप देखकर पुलिस वाले भी यह नहीं समझ पा रहे थे कि इसे साइकिल समझे या अन्य वाहन ? स्वयं रायगढ़ के पुलिस कप्तान संतोष सिंह ने ट्वीट कर पूछा कि "पकड़ तो लिया है ,उल्लंघन भी कई चीजों का है पर अब ये नहीं समझ आ रहा कि चालान किसका काटे- ट्रक का, बाइक का या साईकिल का या इनको इस आविष्कार के लिए बधाई दें ? श्री सिंह के प्रश्न पर तमाम लोगों ने रचनाकारी युवक को पुरस्कृत करने की बात कही। पुलिस अधिकारियों ने भी इस सृजनात्मकता की तारीफ की है। आरक्षी अधीक्षक संतोष सिंह ने 'आर्यावर्त' से कहा कि "अच्छा इन्नोवेशन है। "
मंगलवार, 13 अक्तूबर 2020
दुनिया रंग बिरंगी : सृजन साधन की मोहताज नहीं
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