मुख्यमंत्री ने किया धमोई तालाब से पारा जल प्रदाय योजना का वर्चुअल भुमी पुजन, 8 करोड 33 लाख 17 हजार से पांच पंचायतो को मिलेगा पानी
पारा । अनिल श्रीवासतव। आज बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिह चैहान ने धमोई तालाब से पारा समुह जल योजना का वर्चुअल भुमी पुजन किया। 8 करोड 33 लाख 17 हजार कि इस जल योजना से पारा सहीत क्षेत्र के ग्राम धमोई पिथनपुर, झुमका बांकी रातीमाली गांव के साढे 12 हजार से ज्यादा लोगो को पानी मिलेगा। भुमी पुजन का कार्यक्रम ग्राम पंचायत पारा के मांगलिक भवन मे रखा गया था। जहा पर कोविड 19 के नियमो का पालन करते हुए सिमित संख्या मे आम जनो को अमंत्रीत करते हुवे सोश्यल डिस्टंेसिग पालन किया गया समुह जल योजना का भुमी पुजन करते हुए मुख्यमंत्री श्री चोहान ने वर्चुअल संबोधित करते हुए पारा कि सरपंच इन्दुबाला डामोर व धमोई तलाब जल प्रदाय समिति कि अध्यक्ष चम्पा बाई निनामा से विडिया कान्फ्रेंस के द्वारा बात कि। बाद मे श्री चोहान ने उपस्थित नागरीको को संबोधित करते हुवे कहा कि गांवों मे बिजली सडक वा पीने के लिए शुद्ध पानी देना सरकार कि प्राथमिकता हे। कोरोना काल मे सरकार का खजना खाली हें। फिर भी सरकार ने कर्ज लेकर 8 हजार करोड कि समुह नलजल योजना बनाई । हम जनता को कष्ट नही होने देगे। जरुरत पडी तो ओर कर्ज लेगे। तीन साल मे हम प्रदेश के हर गांव को नलजल योजना से जोडागे। समुह नलजल योजना का संचालन गाव कि समितिया ही करेगी। गंाव मे बिजली रहेगी तो लघु उद्योग लगेगे। कच्चा माल भी उठेगा। जिससे गांव के लोगो को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री से क्षेत्रिय सांसद गुमानसिह डामोर ने विडियो कांफ्रेंस से बात करते हुवे धमोई के पास के ही दो गांव जसोदा हिरजी व खुमजी कि भी जल समस्या रखी व कहा कि वहा पर फलोराईड कि मात्रा ज्यादा हे इन गांव को भी समुह जल योजना मे शामील किया जावे व धमोई तालाब को पर्यटन स्थल बनाने कि मांग की। बाद मे धमोई से जल प्रदाय योजना का सांसद डामोर ने भुमी पुजन के शिलालेख विधिवत अनावरण किया। इस अवसर पर झाबुआ कलेक्टर रोहित सिह, पीएचई के मुख्य अभियंता दिपक रत्नावत, अधिक्षण यंत्री अजय श्रीवास्तव , एसडीएम एमएल मालीवीय जिला पचायत सीईओ सिद्धार्थ जेन पीएचई मुख्य कार्यपालन यंत्री एन एस भिन्डे, सहायक यंत्री राहुल सुर्यवंशी जनपद रामा सीईओ एम एल टांक तहसीलदार प्रविण अहोरीया जिला पंचायत अध्यक्ष शांति डामोर पुर्व भाजपा जिला ओम शर्मा जनपद रामा अध्यक्ष राधुसिह भुरिया, ओकारसिह डामोर, सोमसिह सोलंकी, प्रकाश छाजेड अमृत राठोड, शेलेन्द्र राठोर शुभम सोनी, सरपंच बच्चु निनामा , खेमसिह जमरा,अनिल वसुनिया, श्रीमति रेशम खराडी सरदार सिह डावर, सेकु रावत, पलाश कोठारी, वेस्ता बामनीया, दिलीप डावर सहीत क्षेत्र के कई जन प्रतिनिधि व गणमान्य नागरीक उपस्थित थे।बालाजी धाम के प्रवेष द्वार पर देेर शाम एवं रात्रि में लगा रहता है असमाजिक तत्वों का अड््डा, सड़क कच्ची होनेे के साथ रात्रि में अंधेरे के कारण भक्तों को आवागमन में होती है परेषानी
सौंदर्यीकरण की दृष्टि से तालाब की भी नहीं होती है समय-समय पर सफाईे
झाबुआ। शहर के राजगढ़ नाका पर कृषि विभाग के पीछे स्थित बालाजी धाम, जहां पर प्र्िरसद्ध हनुुमान मंंिदर के साथ मातंगी मंदिर, षिव मंदिर एवं मप्र की दूसरी नक्षत्र वाटिका भी है, जिसका प्रवेष मार्ग पीछे लंबे समय से खस्ताहाल होने के साथ रात्रि में स्ट्रीट लाईट भी पर्याप्त नहीं होने से अंधेरा व्याप्त रहता है। साथ ही मार्ग के दोनो ओर झा़िड़या भी है। जिस कारण यहां प्रतिदिन देर शाम के बाद असामाजिक तत्वों का डेरा लग जाता है। इन सभी विपरित परिस्थितियों के चलते बालाजी धाम में आने-जाने वाले भक्तजनों को काफी परेषानियों का सामना करना पड़ता है। बालाजी धाम मंदिर समिति के प्रमुख ट्रस्टी राकेष त्रिवेदी ने बताया कि बालाजी धाम मंदिर के सौंदर्यीकरण एवं यहां अनेक कार्यों के लिए समिति तथा ट्रस्ट पूरी तरह से कृत-संकल्पित हैै। इसी क्रम में ट्रस्ट द्वारा मंदिर के प्रवेष मार्ग, जिसमें राजगढ़ नाकेे से कृषि विभाग के अंदर प्रवेष करने पर मंदिर जाने वाला करीब 300-400 मीटर रास्ता पूरी तरह से जीर्ण-षीर्ण होकर कच्चा होने से भक्तों कोे यूं आए दिन दर्षन के साथ विषेष रूप से त्यौहारों के दौरान जब अधिक संख्या मंें भक्तजन उक्त धाम पर दर्षन-पूजन के लिए आते है तथा यहां नित्य अभिषेक, पूजन एवं धार्मिक कार्यक्रमों के लिए मंदिर के पूजारी सहित ट्रस्ट एवं समिति के पदाधिकारी-सदस्यों का भी आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में कच्ची एवं जर्जर सड़क के कारण काफी दिक्कते आती है। पैदल चलने पर कच्ची सड़क से गिट्टी-पत्थर पैरांे में चुभते है तो दो, तीन एवं चार पहिया वाहन चालकांे को भी आवागमन में काफी दिक्कते आती है।
रात्रि मंे रहता है अंधेरा
समिति के राकेष त्रिवेदी ने आगे बताया कि रात्रि में उक्त कच्चे मार्ग पर स्ट्रीट पोल भी पर्याप्त नहीं होने से अंधेेरा व्याप्त रहता है। कटिली झाड़ियां एवं खराब मार्ग के कारण दुर्घटना का भय बना रहता है। बालाजी धाम के समीप ही निर्मित तालाब की भी समय-समय पर संबंधित विभाग द्वारा सफाई कार्य नहीं करवाए जाने से तालाब में गंदगी एवं फूल-पत्तियांे का कचरा पसरा होने से बदबू के कारण भक्तांे को परेषानी आती है। संबंधित विभाग को चाहिए कि वह बालाजी धाम के पास जहां सुंदर नक्षत्र वाटिका भी होने से दिनभर मंे अनेकों भक्तों का आवागमन रहता हैे, तालाब की समय-समय पर सफाई से सौंदर्यीकरण बना रहने के साथ ही बदबू भी नहंी आएगी।
असामाजिक तत्व डालते है ढ़ेरा
वहीं देर शाम होतेेे ही अंधेरा होने से यह मंदिर मार्ग सूना हो जाने पर असामाजिक तत्व यहां ढेरा डाल देते है और मंदिर के प्रवेष मार्ग के आसपास तालाब किनारे और इर्द्र-गिर्द बैठकर शराब का सेवन करना, जुआं-सट्टा खेलना तथा अन्य नषीलेे पदार्थों का भी यहां बैठकर सेवन किया जाता है। मंदिर के पास बैठकर इस तरह की गतिविधियां संचालित करना जहां गलत है वहीं इन नषेडियांे और असाजाजिक तत्वों से मंदिर में आने वाले भक्तजनों, विषेषकर महिला श्रद्धालुओं के साथ कोई भी घटना घटित हो सकती है, इससे पूर्व पुलिस प्रषासन एवं स्थानीय प्रषासन को यहां ध्यान दिया जाना अत्यंत आवष्यक है।
समिति एवं ट्रस्ट की यह है मांग
जिसे देखते हुए श्री बालाजी धाम समिति एवं ट्रस्ट की मांग है कि यह मंदिर जो शहर हीं अपितु संपूर्ण जिले के लोगों के लिए एक अच्छे धार्मिक स्थल के रूप मंे प्रसिद्ध है, जहां हनुमान मंदिर,, मातंगी मंदिर, षिव मंदिर के साथ सुंदर नक्षत्र वाटिका कोे देखने केे लिए प्रतिदिदन अनेको भक्तजनन आते है, उनकी सुविधाआंें को देखते हुए मंदिर के प्रवेष मार्ग पर सीसी या डामरीकरण रोड़ निर्माण के साथ रात्रि में पर्याप्त बिजली सुविधा के लिए 2-3 स्ट्रीट लेंप ओर लगाए जाने तथा यहां मार्ग के दोनो ओर कटिली झाड़ियों और पौधों की कटाई-छटाई के अतिरिक्त मुख्य रूप से देर शाम एवं ंरात्रि में असामाजिक तत्वों के जमावड़े को रोकने के लिए यहां पुलिस पाईंट बनाकर दो आरक्षकों की तैनाती की जाए, ताकि भक्तजन अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सके और उन्हें किसी प्रकार की कोई परेषानी ना हो।
क्या कहते है जिम्मेदार .... ?
- बालाजी धाम के प्रवेष मार्ग पर कच्ची सड़क और पोल के लिए पूर्व में भी यहां समिति द्वारा मांग की गई थी। सर्वे कर जानकारी प्राप्त करने पर पता चला कि निजी भूमि है, इस कारण संबंधित व्यक्ति या संबंधित विभाग की निर्माण कार्य के लिए अनुमति होना आवष्यक है। आपने मुझे अवगत करवाया है, मैं यहां रोड़, बिजली पोल औैर कटिली झाड़ियों संबंधी समस्या के लिए अधीनस्थ से चर्चा कर दिखवाता हूॅ। : एलएस डोडिया, सीएमओ, नगरपालिका झाबुआ।
- असामाजिक तत्वों पर लगाम के लिए मैं उक्त मार्ग पर पेट्रोलिंग और रात्रि गष्त बढ़ाए जाने के लिए थाना प्रभारी को निर्देषित करता हूॅ। : आशुतोष गुप्ता, पुलिस अधीक्षक झाबुआ।
जिला स्वास्थ्य विभाग एवं क्षय नियंत्रण विभाग जिला टीबी फोरम के साथ मिलकर करेगा कार्य
- राष्ट्रीय क्षय उन्नमूलन पखवाड़ा के तहत स्वास्थ्य एवं क्षय विभाग के साथ जिला टीबी फोरम की की महत्वपूर्ण बैठक हुई संपन्न
टीबी मुक्त जिला बनाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा
बैठक को संबोधित करते हुए सीएमएचओ डाॅ. ठाकुुर ने बताया कि देष के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी द्वारा 2025 तक देष से टीबी को जड़मूल से समाप्त करने का जो सपना देखा हैे, उसे साकार करने के लिए सभी की सहभागिता आवष्यक है। इसी के तहत राष्ट्रीय क्षत्र नियंत्रण कार्यक्रम के तहत यह पखवाड़ा झाबुआ जिले में भी संचालित किया जा रहा हैै, जिसमें स्वास्थ्य विभाग एवं क्षय विभाग जो मिलकर कार्य कर रहे हैे, उसमें टीबी के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था जिला टीबी फोरम की सहभागिता भी अत्यंत आवष्यक है। हम सभी मिलकर कार्य करेंगे, तो निष्चित रूप से भविष्य में यह जिला टीबी मुक्त हो सकेगा।
पखवाड़े के भीतर स्वास्थ्य केंपांे से मिले 123 टीबी मरीज
जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी डाॅ. जितेन्द्र बामनिया ने बताया कि विभाग द्वारा जब ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य षिविर लगाए जा रहे है एवं जागरूक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे है, तोे उसमें अधिकाधिक ग्र्रामीण सहभागिता कर टीबी के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के साथ ही सर्दी-खांसी होने पर उनके स्पूटम भी जांच के लिए जा रहे है। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से ही 20 सितंबर से लेकर अब तक जिले में भी 123 मरीजों में टीबी की पुष्टि भी हुई है, जिन्हें सरकारी स्तर पर ही निःषुल्क दवाईयों की सुविधा उपलब्ध करवाने के साथ इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी जा रहीं है। वर्तमान में कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण ग्रामीण गांवों में रहने के दौरान ही मास्क, गमछे, रूमाल आदि का उपयोग करने लगे है, जिससे टीबी होने पर भी यह संक्रमण दूूसरे मंें फैलने से बचाव हो रहा है। डाॅ. बामनिया ने आगे बताया कि क्षय नियंत्रण पखवाड़़ेे के तहत ही मुख्य रूप से टीबी मरीजों की खोेज के लिए एनाउंसमेंट करने, दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंप लगाने, एएनएम, आषा कार्यकर्ता, दाईयों को गांवों में जागरूकता फैलाने के बैठकों के माध्यम से निर्देष देने के अतिरिक्त शेष 6 दिनों में भी अनेक गतिविधियां संचालित की जाएगी।
जिला टीबी फोरम करेगा पूरा सहयोग
जिला टीबी फोरम अध्यक्ष डाॅ. राठौर ने अपने उद्बोधन में कहा कि फोरम स्वास्थ्य विभाग एवं क्षय विभाग को हमेषा ही जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए जो सहयोग की आवष्यकता होती है, वह करता आया है। वहीं पखवाड़े में भी पूरा सहयोग करेगा। भविष्य में जिला टीबी फोरम की योजना है कि वर्तमान में अधिक टीबी संक्रमित गांवों को चिन्हीत कर वहां फोरम की ओर से स्वास्थ्य षिविर लगाए जाएंगे, ताकि ऐसे मरीजों के संपर्क मंे आने वाले अन्य मरीजों का भी स्वास्थ्य परीक्षण एवं जांच आदि कर उनमें भी जानलेवा टीबी रोग का पता लगाया जा सकेगा।
पोषण आहार कार्यक्रम पुनः शुरू किए जाएंगे
बैठक का संचालन करते जिला टीबी फोरम सचिव रामप्रसाद वर्मा ने बताया कि फोरम द्वारा पूर्व में जो टीबी मरीजों को पोषण आहार के रूप में गुड़-थुल्ली उपलब्ध करवाई जाती थी। उक्त कार्यक्रम कोरोनाकाल में लाॅकडाउन के कारण बंद कर दिए गए थे, अब इन्हें शहर के वरिष्ठ समाजसेवियों एवं दानदाताओं के सहयोग से पुनः संचालित किए जाएंगे। टीबी रोग के दौरान समय-समय पर दवाईयां लेने के साथ न्यूट्रीषियन की भी बहुत जरूरी है। इसके साथ ही श्री वर्मा ने बताया कि वर्तमान में जिलेे में विभिन्न जगहों पर बने टीबी जांच केंद्रों पर जो कर्मचारियों की कर्मी है, उसकी पूर्ति के लिए फोरम द्वारा पूर्व में इस संबंध में प्रदेष के मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य संचालनालय भोपाल को रिक्त पदों की पूर्ति के लिए पत्र लिखे जा चुुके है। टीबी जांच केंद्रों पर कर्मचारियों की नियुक्ति होने सेे गांवंा में ही ग्रामीणांे को समस्त सुविधाएं मिल सकेगी।
करीब 2 घंटे तक चली बैठक
यह बैठक करीब 2 घंटे तक चली। इस अवसर पर जिला टीबी फोरम के सदस्यों में साकिर खान, ओमप्रकाष मेड़ा, श्रीमती मंजु वर्मा, गीता मेड़ा सहित आरएनटीसीपी का स्टाॅफ उपस्थित था। अंत में आभार फोरम सदस्य कमता मेड़ा ने माना।
महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्रों का जिले में हुआ शुभारंभ
झाबुआ। जिला कलेक्टर श्री रोहित सिंह के निर्देशन तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री सिद्धार्थ जैन के मार्गदर्शन में बुधवार को जिले की कुल 137 चयनित ग्राम पंचायतों में से 74 ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्रों का शुभारंभ किया गया। इस दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधिगण भी मौजूद थे। इस दौरान जिला सहायक परियोजना अधिकारी श्री भूरंिसह रावत, जिला महात्मा गंाधी ग्राम सेवा केंद्र जिला प्रभारी राहुल वाघेला, जनपद स्तर पर थांदला से ब्लाॅक समन्वयक राजेश डाबी, मेघनगर से ब्लाॅक समन्वयक प्रकाश पंडा एवं पेटलावद से ब्लाॅक समन्वयक पवन वर्मा, सरपंच एवं ग्राम पंचायत सचिव तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। प्रत्येक पंचायत में डिजिटल इंडिया के माध्यम से नागरिकों को पंचायत में ही समस्त डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध हो सके और ग्राम के नागरिकों को शहरी क्षेत्र से निर्भरता कम करने के उद्देश्य से शासन द्वारा प्रत्येक पंचायत में महात्मा गंाधी ग्राम सेवा केन्द्र खोले जा रहे है। महात्मा गांधी ग्राम सेवा केन्द्र में ळ2ब् सेवाएं ग्राम पंचायत द्वारा जन सुविधा केन्द्र के माध्यम से जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, मूलनिवासी प्रमाण पत्र, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, खसरा नक्शा इत्यादि सेवाएं दी जाएगी। ळ2ठ सेवाएं में ग्राम पंचायत शासन से वाणिज्य के लिए दी जाने वाली सेवाएं जैसे कि कोर बैंकिंग, डाक सेवाएं, केबल मनोरंजन सेवाएं, रेल, बस, हवाई जहाज यात्रा टिकट बुंिकंग, परीक्षा परिणाम, हितग्राहियों को भुगतान इत्यादि सेवाएं शासन पंचायत द्वारा निर्धारित शुल्क में दी जावेगी। ळ2ळ सेवाएं ग्राम पंचायत द्वारा केंद्र एवं राज्य शासन से संबंधित समस्त जानकारियां उपलब्ध कराई जावेगी। पंचायतीराज द्वारा विकसित साॅफ्टवेयर की जानकारी प्रविष्टि करना, मनरेगा के डप्ैए आॅडिट साॅफ्टवेयर में जानकारी प्रविष्टि करना तथा इन सेवाओं के माध्यम से समय-समय पर शासन द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्ध करना है।जिले में आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत 1 लाख 55 हजार 460 हितग्राहियों के कार्ड बने
झाबुआ। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत जिले में अब तक 1 लाख 55 हजार 460 हितग्राहियों के कार्ड बनाऐ जा चुके है। कलेक्टर श्री रोहित सिंह के प्रयास है कि जिले के गरीब तबके के लोगो को शासन की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत कार्ड बनाने का कार्य किया जा रहा है। आयुष्मान कार्ड जिला चिकित्सालय झाबुआ तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पेटलावद में भर्ती मरीजों के निषुल्क तथा जिले के समस्त काॅमन सर्विस सेंटर पर 30 रूपए चार्ज लेकर बनाए जा रहे है। जिले में करीब 6 लाख कार्ड बनाए जाना शेष है। ज्ञात हो कि कलेक्टर श्री सिंह द्वारा स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कार्ड बनाए जाने के निर्देष दिए गए थे। आयुष्मान जिला समन्वयक श्री जयदीप वाघेला ने अवगत कराया कि जिले में सभी विकासखंडों में आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया सतत जारी है। इस योजना के तहत पात्र हितग्राही को बिमारी के लिए सम्मिलित सभी शासकीय/ निजी अस्पतालों में 5 लाख रूपए तक मुफ्त ईलाज की सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
कलेक्टर श्री सिंह द्वारा पंजीयन विभाग की समीक्षा
झाबुआ। पंजीयन विभाग की समीक्षा बैठक सोमवार को यहाॅं कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर श्री रोहित सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिला पंजीयक श्री प्रभात वाजपेई ने विभागीय कार्यकलापों की जानकारी दी। कलेक्टर श्री सिंह ने पंजीयन अधिकारियों को षासन के राजस्व हित में काम करने के निर्देष दिए। साथ ही जिले की बकाया राषि राजस्व अधिकारियों की मदद से वसूल करने का आष्वासन दिया। कलेक्टर ने सभी पंजीयन अधिकारियों को निर्देष दिए है कि वे अपना काम पूरी मुस्तैदी से करे और जिले के वार्षिक आय लक्ष्य को पूरा करने के लिए अभी से जुड़े जाएं। इस बैठक में जिला पंजीयक श्री वाजपेई, उप पंजीयक झाबुआ श्री उमाषंकर मिश्री, पेटलावद पंजीयक श्री प्रतापसिंह कलेष, मेघनगर उप पंजीयक श्रीमती अनुराधा राठौर मौजूद थी।
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