भाजपा केवल नारीयल फोडने का काम करती हे - कांतिलाल भुरिया
धमोई से पारा जल योजना कांग्रेस कि देनपारा । झाबुआ विधाये कांतिलाल भुरिया ने कहा कि भाजपा ओर उसके कार्यकर्ता केवल नारीयल फोडने व उदघाटन करने का काम करते हे। विकास कि योजना बनाने का नही। विकास करने काम तो कांग्रेस पार्टी ही करती हे। उक्त बात आज ब्लाॅक कांग्रेस कार्यालय पारा मे अपने विधानसभा क्षेत्र बोरी मे जाते वक्त कही। श्री भुरिया कुछ समय यहा पर रुके व कार्यकर्ताओ से मुलाकत की। विधायक श्री भुरिया ने यहा एक वार्ता के दोरान प्रदेश कि भाजपा सरकार को आडे हाथो लेते हुवे कहा कि धमोई से पारा कि नलजल योजना कांग्रेस सरकार कि देन हे । श्री भुरिया ने कांग्रेस कि कमलनाथ सरकार द्वारा जारी कि गई योजना कि मंजुरी का अदेश पत्र दिखाते हुए बताया ने उक्त योजना व स्टिमेट कि मंजुरी 4 जनवारी 2020 को ही देदी थी। उक्त योजना के लिए हमारे काय र्किकर्ता राकेश कटारा लगातार कई वर्षो सेे प्रयास कर रहे थै। कमलनाथ कि सरकार बेठते ही राकेश कटारा सलेल पठान निलेश कटारा ने भोपाल पहुच कर विधायक वालसिह मेडा के सहयोग से इसको मंजुर करवाई। कांग्रेस पार्टी विकास के लिए प्रतिबद्ध हे। भाजपा कि करनी व कथनी मे अंतर हे। श्री भुरिया ने कहा कि ध्मोई तालाब भी कांग्रेस कि देन हें जिसको हमारे पुर्व स्वर्गीय मंत्री बापुसिह डामोर ने बनाया था। पारा क्षेत्र मे अभी तक जितना भी विकास हुआ चाहे सडक हो या तालाब स्कुल हो या अस्पताल सब कांग्रेस कि देन हे। भाजपा कि सरकार ने कुछ नही किया हे। ये लोग तो जहा बनी बनाई योजना होती हे वहा नारीयल फोडने पहुच जाते हे। इस तरह आनलाईन बटन दबाकर कोई पुजन उदघाटन नही होता हे। आंगनवाडी व सरकारी कर्मचारी व कुछ लोगो को इक्टठा करने से कुछ नही होता हे। भाजपा कि सरकार सब को उल्लु बना रही हे। ज्ञात हे कि कल 14 अक्टुबर को मुख्यमंत्री शिवराजसिह चोहान ने धमोई से पारा नलजल योजना का वर्चुअल भुमी पुजन किया था। जिससे क्षेत्र कि राजनिति गरमा गई हैं। भाजपा व कांग्रेस दोनो पार्टी इस योजना का श्रेय लेने मे जुटी है। जब कि इस योजना का असली हकदार कोन है। ये पब्लीक को पता हे। इस अवसर पर श्रीमित विणा कुुवर, रुपसिह डामोर, केमता डामोर, सलेल पठान, राकेश कटारा, जोगडिया निनामा, दिलीप खराडी गोपाल ,खराडी , तोलसिह सहीत कांग्रेस के कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।
भारतीय जैन संघटना दे रहा सभी समाज की बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनने का सुनहरा अवसर, आॅनलाईन प्रषिक्षण कार्यक्रम में झाबुआ एवं आसपास के क्षेत्रों की 151 बालिकाएं प्रतिदिन कर रहीं सहभागिता
बीजेेएस के राष्ट्रीय एवं प्रादेषिक पदाधिकारी मास्टर ट्रेनर के रूप में दे रहे प्रषिक्षण और मार्गदर्षनझाबुआ। आज संपूर्ण भारत सहित विष्व में बालिकाओं एवं किषोरियों के साथ तरह-तरह के अपराध हो रहे है तथा किषोर और युवा अवस्था में लड़कियां अक्सर मानसिक तनाव से अधिक जूझती है। आधुनिक समय के साथ बच्चों में संस्कार और परंपराएं भी विलुप्त सी होती जा रहीं है। ऐसे में भारतीय जैन संघटना प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी बालिकाओं और किषोरियों को एक स्वर्णिम अवसर देते हुए, ताकि वह आत्मनिर्भर बनकर किस तरह अपना जीवन अच्छे एवं सुव्यवस्थित तरीके से यापन कर सके, इसके गुर और तौर7तरीकेे बीजेएस के राष्ट्रीय एवं प्रादेेषिक पदाधिकारी मास्टर ट्रेनर के रूप में इन्हें सीखा रहे है। हंसी-मजाक और मनोरंजन के बीच बालिकाएं यह अनूठा प्रषिक्षण प्राप्त कर रहीं हैै। जानकारी देते हुुए भारतीय जैैन संघटना के जिलाध्यक्ष सुनिल संघवी एवं जिला महामंत्री राजेन्द्र आर भंडारी ने बताया कि बीजेएस द्वारा प्र्रतिवर्ष ‘‘स्मार्ट गर्लस’’ केे नाम से कार्यक्रम का संचालन किया जाता है। पिछले वर्ष उक्त कार्यक्रम का संपूूर्ण देष, मप्र्र सहित झाबुआ जिले मंे भी भव्य रूप से आयोजन हुआ था, लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी (कोविड-19) के प्रकोप के चलते बालिकाओं और किषाोरियांे को स्मार्ट गर्लस्् बनाने के लिए आॅनलाईन प्रषिक्षण का संचालन किया जा रहा है। जिसमें करीब 12 से 21 वर्ष तक की विभिन्न शासकीय एवं अषासकीय स्कूूलों में पढ़ने वाली लड़कियां अपने घर बैठे ही प्रतिदिन मास्टर ट्रेनरांे से स्मार्ट बनने और अवेयरनेस के अनेेकों तौर-तरीके सीख रहीं है। यह आॅनलाईन प्र्रषिक्षण जूम एप के माध्यम से मोबाईल पर आॅनलाईन दिया जा रहा है। झाबुुआ जिले में यह आॅनलाईन आयोजन बीजेएस के वरिष्ठ सरंक्षक एवं वरिष्ठ समाजेसवी यषवंत भंडारी के मार्गदर्षन में हो रहा है।
ये पदाधिकारी दे रहे प्रषिक्षण एवं मार्गदर्षन
संघटना के जिलाध्यक्ष सुुनिल संघवी एवं जिला महामंत्री राजेन्द्र आर भंडारी ने आगे बताया कि यह आॅनलाईन प्रषिक्षण कार्यक्रम गत 12 अक्टूबर से आरंभ हुआ है, जो 17 अक्टूबर तक चलेगा। जिसमें प्रतिदिन दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक बालिकाएं अपने घर पर ही 2 घंटे निःषुल्क क्लासेस ज्वाईन कर अनूठे तरीके से बिल्कुल शांत मन एवं एकाग्रचित होकर मास्टर ट्रेनरांे से प्र्िरषक्षण तथा मार्गदर्षन ले रहीं है।ं प्रतिदिन अलग-अलग विषयों पर लड़कियों को ज्ञानार्जन करवाया जा रहा है। जिसमें हिस्सा लेने वाली बालिकाएं मुक्त कंठ से उक्त कार्यक्रम की प्रसंषा कर रहीं है एवं उत्साहपूर्वक इसमंे हिस्सा ले रहीं है।
झाबुआ जिले से 151 बालिकाओं की सहभागिता
बीजेएस के पदाधिकारी एवं आयोजन के विषेष सहयोगी डाॅ. संतोष प्रधान नेे जानकारी दी कि आॅनलाई्रन प्रषिक्षण मंें पूरेे मप्र से 1 हजार बेटियों का सम्मिलित होने का लक्ष्य था, जिसमें झाबुआ जिले से 151 बालिकाएं, जिसमें करीब 100 बालिकाएं एसटी-एससी वर्ग, 30 बालिकाएं सामान्य वर्ग एवं 21 बेेटिया सकल जैन समाज की होकर बखूबी एवं रूचि लेकर प्रषिक्षण लेे रहीं है। उन्हें मार्गदर्षन बीजेएस की मप्र स्टेट प्रभारी अमिता जैन इंदौर, बीजेएस मप्र अध्यक्ष दिलीप डोषी इंदौर, मप्र सचिव विरेन्द्र नाहर एवं विपिनजी जैन दिल्ली आदिे द्वारा विषेष मार्गदर्षन एवं ट्रेनिंग दी जा रहीं है।
अंंितम दिन अभिभावकों से की जाएगी चर्चा
अंतिम दिन 17 अक्टूबर को स्मार्ट गर्लस् के अभिभावक (माता-पिता) सेे मास्टर ट्रेनरों द्वारा चर्चा की जाएगी। झाबुआ से इस प्रषिक्षण में हिस्सा लेे रहीं श्रेया जैन, परि जैन एवं विनीता डामोर निवासी झाबुआ ने चर्चा में बताया कि उन्हें प्रषिक्षण कार्यक्रम में काफी आनंद की अनुुभूति हो रहीं है। वरिष्ठ मार्गदर्षकों द्वारा बहुुत ही अच्छे तरीके से हमे आत्मनिर्भर बबनने, मानसिक तनाव दूर करने तथ्ािा दैनिक जीवन के बारे में बताया जा रहा है। बीजेएस का यह आयोजन काफी सराहनीय है।
श्री सत्यनारायण मंदिर राजवाड़ा झाबुआ के युवा ज्योतिषाचार्य पं. जैमिनी शुक्ला से जाने शारदेेय नवरात्रि के नौ दिनों का विषेष महत्व, इन दिनों में क्या खास करे, किन नियमांे का पालन करे !
तिथिया, घट स्थापना के मुुर्हुत और दषहरा मुर्हुत सभीझाबुआ। हम सब नवरात्रि में अलग-अलग 9 दिनों में माताजी के प्रत्येक 9 स्वरूपों की पूजा करते हैं शास्त्रों में माताजी के सभी स्वरूपों का उल्लेख मिलता है। जिसमें बताया गया है -ः प्रथम शैलपुत्री, द्वितीय ब्रह्मचारिणी, तृतीय चंद्रघंटेती, चतुर्थ कुष्मांडती, पंचम् स्कंद माता, षष्टम कात्यायनी, सप्तम् कालरात्रि, अष्टम महागौरी, नवम सिद्धिदात्री, स तरह से माताजी के नौ स्वरूपों का वर्णन मिलता है। जानकारी देते हुए श्री सत्यानारायण मंदिर राजवाड़ा झाबुआ ज्योतिष कार्यालय के युवा आचार्य पं. जैमिनी शुक्ला ने बताया कि पहले दिन मां दुर्गा की शैलपुत्री के नाम से पूजा अर्चना की जाती है।। इन देवी का वाहन वृषभ है, अतः देवी व्रसारूड़ा के नाम से भी जानी जाती है। माता ने बाएं हाथ में त्रिशूल धारण कर रखा है और दाएं हाथ में कमल सुशोभित है। शास्त्रों के अनुसार इन माताजी का पूजन पूरे विधि विधान से तथाा ई्रमानदारी और निष्ठा से करनी चाहिए। दुर्गा सप्तशती का पाठ नवचंडी के रूप में मां भगवती को सुनाना चाहिए या किसी विद्वान ब्राम्हण को बुलाकर सुनवाना चाहिए, जिससे भक्तोंेें की मनवांछित इच्छाएं पूर्ण होती है। इस दिन माता को गाय के घी से बने नैवेद्य का भोग लगाना चाहिए। जिससे कि आरोग्यता की प्राप्ति होती है हरड नाम की औषधि को ग्रहण करना चाहिए।
मन बलवान होने के साथ आत्म बल की होती है प्राप्ति
नवरात्रि पर्व के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इस दिन साधक अपने मन को मां के चरणों में समर्पित कर पूजा-अर्चना करके सभी सिद्धियों को प्राप्त कर सकता है। हमारा मन बलवान होती है और साथ ही आत्म बल की प्राप्ति होती है। दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी देवी को शक्कर का भोग लगाना चाहिए और ब्राम्ही नामक औषधि को ग्रहण करना चाहिए, जिससे साधक एवं परिवार के सभी सदस्यों में आयु और बुद्धि का संचरण होता है और रक्त विकार दूर होता है।
गृह कलेष दूर होता है
नवरात्रि पर्व के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जानी चाहिए। देवी की आराधना से साधक में वीरता और निर्भयता के साथ ही सौम्यता और विनम्रता का विकास होता है। इन माता की आराधना करने से हमारे सारे कष्ट दूर होते है। गृह,, कलेश दूर होता है। इस दिन माता को दूध से बनी वस्तुओं का भोग लगाना चाहिए।
रोग-षोेक नष्ट होते है
नवरात्रि पर्व के चैथे दिन माता कुष्मांडा की पूजा की पूजा होती है। इन देवी की 8 भुजाएं ह।ं अलग-अलग भुजाओं में अलग-अलग प्रकार के अस्त्र-शस्त्र है। देवी का वाहन सिंह है। पवित्र मन से इन देवी की पूजा आराधना करने से भक्तों के रोग और शोक का नाश होता है। भक्तों का आयु, यश बल और आरोग्य की प्राप्ति होती है। माता को मालपुआ का भोग लगाना चाहिए।
ज्ञान में होती है वृद्धि
नवरात्र पर्व के पांचवे दिन देवी स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए। मोक्ष के द्वार खुलने वाली माता परम सुखदाई है।ं मां अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती है। इन माता की चार भुजाएं है। माता की पूजा अर्चना करने से मूर्ख से मूर्ख प्राणी भी ज्ञानी हो जाता है। कमल के आसन पर माता विराजमान रहती है अतः इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है। माता को केले का भोग लगाना चाहिए।
अच्छे वर की होती है प्राप्ति
नवरात्रि पर्व के छटवें दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है।। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों फलो की प्राप्ति होती है। समस्त पाप भी नष्ट हो जाते है। मां कात्यायनी अमोघ फलदायी है। भगवान श्री कृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा की थी। इसीलिए देवी ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी के रूप में प्रतिष्ठित है। इन माता की चार भुजाएं है।। मां की उपासना और आराधना से देवी के परम पद की प्राप्ति होती है। माता को शहद का भोग लगाना चाहिए।
आत्मविष्वास और आत्मबल में होती है अभूतपूर्व वृद्धि
नवरात्रि पर्व के सातवे दिन मां दुर्गा की कालरात्रि के नाम से पूजा की जाती है। इन देवी का स्वरूप भयंकर है, मगर माता सभी भक्तों का कल्याण करने वाली हैं सब भक्तों की रक्षा करने वाली है। आत्मविश्वास और आत्मबल को देने वाली है माता की आराधना करने से अग्नि, जल, जंतु शत्रु और रात्रि के भी भय दूर हो जाते हैं। माता की कृपा से भक्त हर तरह के भय से मुक्त हो जाता है।
शांत स्वरूपा है महागौरीजी
नवरात्रि पर्व के आठवें दिन मां दुर्गा को महागौरी के रूप में पूजा जाता हंै। इन माता का रूप गौर वर्ण का है। माता के सभी आभूषण और वस्त्र सफेद है। माता की चार भुजाएं है। वाहन वृषभ है। माता का रूप और मुद्रा बड़ी शांत है। इस दिन माता को नारियल का भोग लगाना चाहिए। जिससे मनुष्य की सभी इच्छाएं पूर्ण होती है।
अपार सुख और शांंित की होती है प्राप्ति
नवरात्रि पर्व के नौवे दिन मां दुर्गा को सिद्धिदात्री के रूप में पूजा जाता है। यह माता सभी सिद्धियों को देने वाली है। भक्त इस दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ माता जी की साधना करे। माता के हाथ में कमल का पुष्प है। इनका वाहन सिंह है। नवरात्रि में यह अंतिम देवी के रूप में ूपजी जाती है। ‘‘या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता नमस्तसय ,नमस्तसयै, नमस्तस्यै नमो नमः’’ इस मंत्र का माता के आगे जाप करना चाहिए।। मां के चरणों में शरणागत होकर हमें निरंतर नियम निष्ठावान रहकर माता की उपासना करनी चाहिए। विद्वान ब्राह्मण को बुलवाकर 9 दिनों तक नव चंडी का पाठ करवा के हवन करना चाहिए इस दिन माता को घर में बने हुए हलवा पूरी और खीर का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य को अपने जीवन में अपने घर में परिवार में सुख शांति प्राप्त होती है। हर तरह का क्लेश दूर होता है व्यापार और व्यवसाय तथा कार्यक्षेत्र में उन्नति होती हैै। माता की कृपा महालक्ष्मी के रूप में उसे प्राप्त होती है। नवार्ण मंत्र ‘‘ओम एम हीम् क्लीम् चामुंडायै विच्चे नमः’’ का जाप करना चाहिए।
17 अक्टूबर से शुरू होगा श््राारदेय नवरात्रि पर्व
युवा आचार्य प. जैमिनी शुक्ल ने आगे बताया कि सनातन संस्कृति का एक प्रमुख पर्व नवरात्रि देवी शक्ति मां दुर्गाजी की उपासना का उत्सव है। इस वर्ष 17 अक्टूबर शनिवार से शारदीय नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। संस्कृति शब्द नवरात्रि का अर्थ होता है, नव राते।। नवरात्रि के 9 दिनों में देवी के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। वैसे तो 1 साल में 4 बार नवरात्रि आती है, लेकिन इन सब में से चैत्र और अश्विन यानी शारदीय नवरात्रि को ही मुख्य माना जाता है। शारदेय नवरात्रि आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है।
नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व
नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा के पूजा का सबसे शुभ समय माना जाता ह। यह पूजन आज से नहीं बल्कि वैदिक युग के पहले से हो रही है। जिसका जिक्र हमें पुराणों में देखने को मिलता है। नवरात्रि में देवी के शक्ति पीठों और सिद्ध पीठों पर मेले आदि लगते है। मां दुर्गा के सभी शक्तिपीठों का अलग अलग महत्व है, लेकिन माता का स्वरूप एक ही है कहीं पर लोग माता को वैष्णो देवी के रूप में पूजते हैं तो कहीं पर चामुंडा के रूप में इनकी पूजा की जाती है। नवरात्र पर्व कको पूरे भारत के लोग बड़ी धूम-धाम से मनाते है। गुजरात में इस त्यौहार को बड़े पैमाने पर मनाया जाता ह्रै। अब तो नवरात्रि के समय में हर जगह पर डांडिया और गरबो का आयोजन भी होता है।
पूजा के दौरान करे - इन खास नियमों का पालन
युुवा ज्योतिषाचार्य के अनुसारर नवरात्रि में पूरे 9 दिनों तक माता का व्रत रखना चाहिए, अगर किसी कारणवश यह संभव न हो तो आठवें दिन व्रत अवश्य रखे। 9 दिनों तक साधक को मां दुर्गा के नाम से दीपक जलाना चाहिए। नवरात्रि के दिनों में पूजा स्थल पर महादुर्गा महालक्ष्मी और महासरस्वती के चित्रों की स्थापना करेे। फूलों से सजा कर उनकी पूजन करे। इन दिनों में दुर्गा सप्तशति का पाठ जरूर करे। साथ ही मां के मंत्र ‘’ओम एम् हीम् क्लीम् चामुंडायै’ विच्चे’’ का स्मरण जरूर करे। यह मंत्र काफी फलदायी एवं असरकारक होता है। पूजा में हमेशा लाल रंग के आसन का उपयोग करे।। साथ ही पूजा के समय लाल वस्त्र पहने और लाल रंग का तिलक भी लगाएं। नवरात्रि के पहले दिन की जाने वाली कलश स्थापना और घट स्थापना शुभ मुहूर्त में करें और कभी भी कलश को खुला न रखे।
शारदेय नवरात्रि 2020 की तिथियां एवं मुर्हुत\
प्रतिपदा 17 अक्टूबर (शनिवार) मां शैलपुत्री (घट-स्थापना), द्वितीया 18 अक्टूबर (रविवार) मां ब्रम्हचारिणी, तृतीया 19 अक्टूबर (सोमवार) मां चंद्रघंटा, चतुर्थी 20 अक्टूबर (मंगलवार) मां कुष्मांडा, पंचमी 21 अक्टूबर (बुधवार) मां स्कंदमाता, षष्ठी 22 अक्टूबर (गुरुवार) मां कात्यायनी, सप्तमी 23 अक्टूबर (शुक्रवार) मां कालरात्रि, अष्टमी 24 अक्टूबर (शनिवार) महागौरी (महा अष्टमी एवं महा नवमी पूजा), नवमी 25 अक्टूबर (रविवार) मां सिद्धिदात्री, दशमी 26 अक्टूबर (सोमवार) दुर्गा विसर्जन। इसस दिन दशहरा पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7ः15 से 9 बजे तक एवं दोपहर 11ः49 से 4ः32 बजे तक तथा शाम 5.58 से 7.30 बजे तक रहेगा। जय माताजी की।
ग्लोबल हैंडवाशिंग डे एजूकेट गर्ल्ज ने झाबुआ जिले के 500 गाँव में हाथ धोने के महत्व को समझाया
झाबुआ । ग्लोबल हैंडवाशिंग डे (वेश्विक हाथ धोने का दिवस) पर मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के शैक्षणिक रूप से पिछड़े जिलों में बालिका शिक्षआ के काम करने वाले गेर लाभकरी संस्था, एजुकेट गर्ल्स ने अपने कैम्प विद्या में बच्चों एवं माता पिता को हाथ धोना क्यूँ जरूरी है और उसके फायदे बारें में अवगत करवाया । कैम्प विद्या झाबुआ जिले के 500 गाँव में शासन के हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम के संबलन हेतु लगभग 6 हजार बच्चों को ब्व्टप्क्-19 के चलते शिक्षा से जोड़ने का संस्था का प्रयास है ।कैम्प विद्या के माध्यम से संस्था ने ओकटोबर 15 ग्लोबल हांडवाशिंग डे पर 6 हजार से अधिक बच्चों एवं उनके माता-पिता को हाथ धोने व साफ सफाई बनाए रखने को कहा। “करोनावाइरस महामारी में हाथ धोने व साफ सफाई रखने का बहुत महत्वपूर्ण । ऐसे में आज के दिन हम हम कैम्प विद्या के माध्यम से हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को समय समय पे हाथ धोने व शारीरिक साफ सफाई बनाए रखने के बरें में समझाना चाहते है। हमारे टीम व फील्ड कोऑर्डिनेटर द्वारा इसको काफी अच्छे स समाज के लोगों को कैम्प विद्या में समझाया गया।” क्रिशना कलानी, जिला प्रबंधक, एजूकेट गर्ल्ज झाबुआ ने बताया। वर्तमान में कोविड 19 के हालात के चलते विद्यालय बंद हैं द्य एक लम्बे समय तक बच्चों का स्कूल से दूर रहने के कारण पढ़ाई और स्कूल के प्रति उनकी रूचि कम हो रही हैं द्य एजुकेट गर्ल्स संस्था टीम बालिकाओं (स्वसेवक) के साथ गाँव में कैम्प विद्या के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट कर रही हैं द्य जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को पढ़ाना, स्कूल के प्रति तनाव कम करना और उन्हें स्कूल जाने के लिए प्रेरित करना हैं, ताकि जब भी स्कूल खूले तो बच्चें मानसिक रूप से स्कूल जाने के लिए तैयार हो द्य इस कैंप में संस्था के कार्मिक और टीम बालिका बच्चो को ज्ञान का पिटारा एवं क्पहपसमच द्वारा पढ़ाया जाएगा।एजुकेट गर्ल्स - 2007 में स्थापित संस्था, एजुकेट गर्ल्स का ध्यान सरकार के निवेश का लाभ उठाकर समुदाय को एकत्र करने और भारत में लड़कियों की शिक्षा में सुधार लाना है द्य संस्था राजस्थान और मध्यप्रदेश में शैक्षिक रूप से पिछड़े जिलों में स्कूली बालिकाओ की पहचान, नमांकन और ठहराव के लिए उनकी साक्षरता और संख्यात्मकता में सुधार लाने के लिए सरकार व समुदाय के साथ साझेदारी में काम करती है । एजुकेट गर्ल्स ष्समग्र शिक्षा अभियानष् के तहत और सरकार के विजन अनुसार बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने का कार्य करती है, विशेषकर किशोरी बालिकाओं तक शिक्षा की पहुँच को सुगम बनाती है द्य स्कूल में सरकार के मौजूदा निवेश का लाभ उठाकर एजुकेट गर्ल्स बड़ी संख्या में लाभार्थियों को एक अनुमानित परिणाम प्रदान करती है द्य संस्था राजस्थान और मध्यप्रदेश के लगभग 14 हजार गांवों में सरकार और ग्रामीण समुदायों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रही है । एजुकेट गर्ल्स ने अभी तक सरकारी स्कूलों में 5 लाख से अधिक लड़कियों को दाखिला दिलवाने में उनकी मदद की है, और नामांकन के बाद 94ः से अधिक लड़कियों के स्कूल में ठहराव को भी सुनिश्चित किया ।
आर्थिक सहायता स्वीकृत
झाबुआ। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मेघनगर श्री एल.एन.गर्ग ने मेघनगर तहसील के ग्राम ईटावा के कृषक मंगलिया पिता रसीया की 12 वर्षीय पुत्री सरिता की 6 सितम्बर को कुएं में डुबने से मृत्यु हो जाने पर 4 लाख रूपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है। यह आर्थिक सहायता राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) के प्रावधानों के तहत स्वीकृत की है। यह आर्थिक सहायता मृतक के पिता श्री मंगलिया को दी जावेगी।
दिव्यांगों के प्रमाण पत्र बनाने के लिए विकास खण्ड स्तर पर शिविरों के आयोजन के लिए तिथियां निर्धारित
झाबुआ। कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति श्री रोहित सिंह के निर्देशानुसार जिले में दिव्यांगजनों के प्रमाण पत्र बनाने के लिए शिविर आयोजित किए जा रहें है। इसी श्रृखंला में 17 अक्टूबर को जनपद पंचायत पेटलावद, 19 अक्टूबर को जनपद पंचायत रामा, 21 अक्टूबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पारा, 22 अक्टूबर को जनपद पंचायत मेघनगर, 25 अक्टूबर को जनपद पंचायत रानापुर, 26 अक्टूबर को जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र रंगपुरा तथा 27 अक्टूबर जनपद पंचायत थांदला में शिविर रखा गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.जयपाल सिंह ठाकुर ने इन शिविरों को सफल बनाने के लिए विषय विशेषज्ञ के दलों की ड्यूटी लगाई है।
शासकीय आई.टी.आई. में नवीन सत्र में ओपन राउण्ड में प्रवेश के लिए आॅन लाईन नवीन रजिस्टेªशन एवं च्वाॅइस फिलिंग की अंतिम तिथि 16 अक्टूबर
झाबुआ। शासकीय आई.टी.आई. में नवीन सत्र 2020 में ओपन राउण्ड में प्रवेश के लिए आॅनलाईन नवीन रजिस्टेªशन एवं च्वाॅइस फिलिंग के लिए 14 अक्टूबर 2020 से 16 अक्टूबर 2020 की रात्रि 12 बजे तक पोर्टल खुला रहेगा। ऐसे आवेदक जिन्होंने पूर्व में च्वाॅइस फिलिंग कर रखी थी, अब वह स्वतः समाप्त हो जाएगी अर्थात् पूर्व में रजिस्टर्ड आवेदकों के लिए पुनः नवीन च्वाॅइस फिलिंग करना अनिवार्य होगा, अन्यथा च्वाॅइस फिलिंग नहीं करने की स्थिति में प्रवेश प्राप्त नहीं कर सकेंगे। कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए प्रवेश शुल्क दो किश्तों में जमा करने की सुविधा के तहत प्रवेश लेते समय प्रथम किश्त 2000 रूपये तथा 3 माह बाद शेष राशि 2380 रूपये जमा करना होंगे। एम.पी. आॅनलाईन द्वारा 17 अक्टूबर को मेरिट सूची प्रदर्शित की जावेगी। साथ ही एसएमएस के माध्यम से चयनित आवेदकांे को सूचित किया जावेगा। मेरिट सूची के चयनित आवेदकों को 18 अक्टूबर को सायं 5 बजे तक आईटीआई में उपस्थित होकर एमपी आॅनलाईन पोर्टल पर अपनी उपस्थिति मार्क कराना होगा। 18 अक्टूबर को सायं 5 बजे तक एमपी आॅनलाईन पोर्टल पर अपनी उपस्थिति मार्क कराने वाले आवेदकांे की व्यवसायवार मेरिट सूची चस्पा की जावेगी एवं मेरिट सूची के आधार पर 18 अक्टूबर की सायं 5 बजे से 19 अक्टूबर 2020 तक प्रवेश की प्रक्रिया पूर्ण की जावेगी। पूर्व में रजिस्टर्ड ऐसे आवेदक जिन्हें प्रवेश प्रक्रिया के किसी भी चरण में किसी भी आईटीआई में प्रवेश ना मिला हो अथवा ऐसे आवेदक जिन्होंने रजिस्टेªशन प्रक्रिया में भाग ही ना लिया हो (जिनके द्वारा एमपी आॅनलाईन पोर्टल पर रजिस्टेªशन नहीं करवाया गया हैं) वे भी 20 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक आईटीआई में उपस्थित होकर रजिस्टेªशन करवा सकते हैं तथा किसी भी शासकीय आईटीआई में उपस्थित होकर रिक्त सीट पर प्रवेश ले सकेंगे। शासकीय आईटीआई झाबुआ के प्राचार्य/नोडल अधिकारी श्री एम.एस.गरवाल ने बताया कि जिले में कुल 5 शासकीय आईटीआई झाबुआ,रामा,मेघनगर,थांदला एवं बामनिया में स्थित हैं, जिनमें रोजगार/स्वरोजगार के लिए उपयुक्त एक वर्षीय व दो वर्षीय इंजीनियरिंग/नाॅन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम संचालित हैं।
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