भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सोरेन परिवार पर निशाना साधा है और कहा है कि संताल परगना को छोड़ सोरेन परिवार कहीं से भी चुनाव नहीं जीत सकता है. संताल परगना को यह परिवार सुरक्षित मानता है और यह जानता है कि यहां उन्हें झूठ बोलकर भी वोट मिल सकता है. यहां के रिजर्व सीटों को छोड़कर यह परिवार कहीं भी चुनाव नहीं जीत सकता. तमाड़ में तो एक मामूली व्यक्ति से झामुमो चुनाव हार गया था. श्री मरांडी दुमका उपचुनाव में प्रत्याशी डॉ लुइस मरांडी के नोमिनेशन के दौरान आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे. श्री मरांडी ने कहा कि संताल परगना प्रमंडल में सात रिजर्व सीट हैं, जिनमें से एक में हेमंत सोरेन, दूसरे पर उनकी भाभी सीता सोरेन और अब तीसरे पर बसंत सोरेन को बैठाने की तैयारी है, तो आखिर यहां के आदिवासियों को उनका हक कब मिलेगा।आने वाले समय में हेमंत-बसंत की पत्नी भी इसी क्षेत्र के रिजर्व सीट से चुनाव लड़ेंगी और सोरेन परिवार के बड़े हो चुके पोते-पोती भी, क्योंकि इन्हें कोई आदिवासी भाई-बहन चुनाव लड़ाने के लिए नहीं मिल रहा है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर झारखंड को बचाना है तो सोरेन परिवार को राजनीति से उखाड़ फेंकना जरूरी है.मंगलवार को भाजपा कार्यालय में बाबूलाल मरांडी ने ये बातें कहीं.मरांडी ने कहा कि अपना बूथ सबसे मजबूत होना चाहिए.हेमंत सरकार के नौ माह के कार्यकाल में झारखंड में लूट मची है और इसमें सीधे तौर पर सोरेन परिवार शामिल है। उन्होंने कहा कि दुमका में भाजपा की जीत से राज्य की राजनीतिक तस्वीर बदल जाएगी. डाॅ. लुइस मरांडी ने नामांकन दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी.नौ माह की हेमंत सरकार ने राज्य की दुर्गति करके रख दी है और अब जनता भी इसे देख व समझ रही है। कहा कि दुमका सीट किसी की रजिस्टर्ड नहीं है. वे झामुमो को चुनाव में परास्त कर उसका भ्रम तोड़ चुकी हैं.
दुमका. दुमका विधानसभा उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी डॉ लुइस मरांडी ने मंगलवार को निर्वाची पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय में नामांकन पत्र दाखिल किया. इससे पूर्व डॉ लुइस ने विभिन्न मंदिरों में पहुंच कर दर्शन किया और पार्टी कार्यालय में आयोजित एक सभा में शामिल होने के बाद प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद शर्मा के साथ नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंची. डॉ लुइस मरांडी ने एक सेट में नामांकन पत्र दाखिल किया है. डॉ लुइस दुमका से पहले 2009, 2014 एवं 2019 का चुनाव लड़ चुकी हैं. 2009 में अपने पहले चुनाव में डॉ लुइस को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन दूसरी बार 2014 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पराजित कर उन्होंने बड़ी जीत दर्ज की थी और रघुवर सरकार में कैबिनेट मंत्री बनीं थीं.वहीं, दस महीने पहले हुए 2019 के चुनाव में उन्हें हेमंत सोरेन से पराजय का सामना करना पड़ा. इस सीट को छोड़ देने की वजह से इस बार पार्टी ने उनपर फिर भरोसा जताया है. उनके सामने झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के छोटे बेटे व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन झामुमो प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं, जिन्होंने सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. डॉ लुइस मरांडी ने अपने जीत का दावा करते हुए कहा कि यह चुनाव वे दुमका की बहन-बेटी के तौर पर लड़ रही हैं, जबकि झामुमो के प्रत्याशी स्थानीय नहीं, बाहर के हैं. इस मुद्दे को लेकर भी जानते हैं. जनता के पास हमारे पांच साल के कार्यकाल का अनुभव भी है. उन्होंने अबकी सरकार के दस महीने का भी कार्यकाल देखा है. डॉ लुइस ने कहा कि परंपरागत सीट पर जीत का दावा करने वाले झामुमो के लिए दुमका कोई रजिस्टर्ड नहीं है. 2014 के विधानसभा चुनाव की तरह इस क्षेत्र की जनता परिणाम को दुहरायेगी. भाजपा की जीत होगी. चुनाव मैदान में भाजपा के कार्यकर्ता डटे हुए हैं.
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