उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ बिगुल फूंका था. लेकिन आज उनके शिष्य कांग्रेस के साथ गले लगाकर राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को सही दृष्टि लेकर आगे बढना चाहिए. आज से पहले जाति, मजहब के आधार पर कांग्रेस पार्टी राजनीति करती थी. मोदी जी ने इस दौर को बदल दिया है. पिछले पांच सालों में किसानों, शिक्षा, स्किल डेवलपेंट और हेल्थ के क्षेत्र में बडे पैमाने पर काम हुआ है. जेपी नड्डा ने कहा कि जब बिहार का भविष्य हैं तो बिहार के युवाओं को भी सही फैसला लेना होगा. आज से पहले चुनाव होता था तो हर विधानसभा में जाति के आधार पर राजनीति होती थी, लेकिन पीएम मोदी ने चुनाव और देश की संस्कृति को बदल दी. पीएम मोदी कहते हैं कि चुनाव में जाएंगे तो जाति नहीं बल्कि अपनी कामों के रिपोर्ट कार्ड लेकर जाएंगे. जेपी नड्डा ने कहा कि पीएम मोदी ने देश के गरीबों को जन धन खाते खुला रहे थे तो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी उसका मजाक उडाते थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान इस खाते के माध्यम से ही बहनों के खाते में 500-500 रुपए तीन महीना तक भेजा गया. यह जन धन खाते के ही शक्ति ही है. लेकिन दोनों भाई बहनों को इसके बारे में कोई ज्ञान नहीं है. उन्होंने का कि उजाले की इज्जत तब तक होती है जब तक अंधेरे का अहसास न हो. लालू राज में कई कारोबारी बिहार छोडकर चले गए. डाकबंगला चौराहा पर शाम को खड़ा नहीं हो पाता था. डॉक्टर बाहर निकलते थे उनको यह डर होता था कि शाम को वह अपने परिजनों के साथ रात मे खाना खा पाएंगे की नहीं है. लेकिन अब बिहार बदल गया है. जेपी नड्डा आज सुबह करीब 10 बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचे. यहां से वह सीधे पटना जंक्शन से सटे हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना आए. इसके बाद उन्होंने जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर गया के लिए रवाना हो गए. इस दौरान उनके साथ बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी भी मौजूद थे. इस मौके पर मीडिया से संक्षिप्त बातचीत के दौरान नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के थोपे गए आपातकाल के दौरान जेपी को बहुत यातनाएं दी गईं, पर वह सच्चाई के मार्ग से नहीं हटे. कांग्रेस के भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, बेरोजगारी के खिलाफ उसकी नींव हिलाने का काम जेपी ने काम किया.
यहां बता दें कि बिहार में चुनावी सभा की आज से हुई शुरूआत के बाद अब अगले हफ्ते भाजपा के दूसरे बड़े नेता पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी बिहार में जनसभाएं करने वाले हैं. कोरोना वायरस महामारी के बीच चुनाव आयोग ने प्रचार अभियान को लेकर दिशानिर्देश जारी किए थे. महामारी के संक्रमण को देखते हुए पहले की तरह बडे स्तर चुनाव प्रचार और रैलियों की इजाजत नहीं दी गई है. लेकिन कुछ नियमों के साथ रैली, जनसभा और रोड शो किए जा सकते हैं. नड्डा के भाषण से साफ़ था कि जहां एक ओर भाजपा के नेता मोदी सरकार के कामों पर वोट मांगेंगे वहीं नीतीश कुमार की सरकार की भी तारीफ करेंगे और वोटर को यही याद दिलाएंगे कि कितना काम किया गया. कोविड के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामों के बारे में नड्डा ने कहा कि सभी लोगों की चिंता की गई. जो बाहर थे उनकी भी चिंता नीतीश जी ने की और उनके खाते में पैसा भेजा गया. जेपी नड्डा ने गया की इस सभा में लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का नाम लिए बिना कहा कि चुनाव दोस्ती यारी का नहीं होता, जात-बिरादरी का नहीं होता, बल्कि चुनाव इलाके के विकास से जुड़ा होता है. नड्डा ने कहा कि आगामी चुनाव में मतदान आपके भविष्य से जुड़ा है. इस सभा में जनता दल यूनाइटेड के प्रधान महासचिव आरसीपी सिंह भी उपस्थित थे. नड्डा के भाषण से साफ़ था कि जहां एक ओर भाजपा के नेता मोदी सरकार के कामों पर वोट मांगेंगे वहीं नीतीश कुमार की सरकार की भी तारीफ करेंगे और वोटर को यही याद दिलाएंगे कि कितना काम किया गया. कोविड के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामों के बारे में नड्डा ने कहा कि सभी लोगों की चिंता की गई. जो बाहर थे उनकी भी चिंता नीतीश जी ने की और उनके खाते में पैसा भेजा गया. जदयू के खिलाफ लोजपा की खुली अदावत के बाद राजग के लिए अपने वोटों को सहेज रखने की चुनौती है. इसकी महती जिम्मेदारी भाजपा की है.मतदाताओं में सकारात्मक संदेश के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक साथ जनसभा को संबोधित करने वाले हैं.हालांकि अभी तारीखें तय नहीं हुई हैं, लेकिन पूरी तैयारी है कि हर चरण में नरेंद्र-नीतीश दो-तीन संयुक्त जनसभा को अवश्य संबोधित करें.इससे राजग के कोर वोट बैंक से उस भ्रम के दूर होने की संभावना है, जो लोजपा द्वारा पैदा किया गया है. उल्लेखनीय है कि लोजपा ने अपने कार्यकर्ताओं और पारंपरिक मतदाताओं से जदयू के विरुद्ध मतदान की अपील की है. इस अपील से आगे बढ़ते हुए वह भाजपा के बागियों को लगातार अपना सिंबल दे रही.
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