वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus)अपनी चेपट में अब तक लाखों लोगों को भारत में ले चुका है।इस बीच, बिहार के पूर्णिया के आईजी विनोद कुमार की भी करोना वायरस से मौत हो गई।विनोद कुमार पटना एम्स (AIIMS) में चल इलाज चल रहा था। इस दौरान उनकी मौत हो गई...
पटना। कोरोना पीड़ित पूर्णिया के आईजी विनोद कुमार का पटना एम्स में निधन हो गया है। बिहार में पहली बार पुलिस विभाग के किसी बड़े अधिकारी की मौत कोरोना से हुई है। विनोद कुमार को शनिवार की सुबह करीब तीन बजे एम्स में भर्ती किया गया था। वे डाइबिटीज से भी पीड़ित थे। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।जहां बीती रात उन्होंने अंतिम सांस ली।रात 11 बजे उनकी मौत हो गई। 59 वर्षीय विनोद कुमार 20 अगस्त 2019 को पूर्णिया रेंज के आईजी बने थे। उन्होंने बिहार पुलिस सर्विस के तहत जॉइन किया था। 2011 में आईपीएस बनाए गए। इन्हें आईपीएस का 2001 बैच मिला था। आईपीएस अधिकारी विनोद कुमार वर्तमान में पूर्णिया के आईजी के पद पर पदस्थापित थे। चुनाव की हलचल के बीच बढ़ता कोरोना संक्रमण का मामला स्वास्थ्य विभाग के लिए भी चिंता की बात है। संक्रमण बढ़ने की रफ्तार पटना में सबसे अधिक है जो शुभ संकेत नहीं है। अब तक कई नेताओं की संक्रमण से मौत हो चुकी है और कई की हालत गंभीर है। बिहार सरकार के मंत्री कपिलदेव कामत की हाल में ही कोविड संक्रमण से मौत हुई है। इससे पहले भाजपा नेता और मंत्री विनोद सिंह की मौत हो गई थी। विनोद सिंह कोरोना से स्वस्थ हो गए, लेकिन बाद में ब्रेन हेमरेज हो गया था। गया के जदयू सांसद विजय मांझी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। डॉक्टरों ने उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी है। उनके निधन से बिहार पुलिस में शोक की लहर दौड़ गई। विनोद कुमार को पूर्णिया का पहला आईजी बनाया गया था। उनके निधन से उनके परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था। पूर्णिया के आईजी विनोद कुमार की कोरोना से एम्स में मौत हो गयी है। पहली बार पुलिस विभाग के बड़े अधिकारी की मौत हुई है। उल्लेखनीय है कि बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण लगातार फैल रहा है।शनिवार को राज्य में संक्रमण के 1,173 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,03,060 हो गई।जबकि राज्य में मृतक संख्या 990 है। हालांकि बिहार में अबतक कुल 90.15 लाख नमूनों की जांच की गई है, जिनमें संक्रमित पाए गए 1,91,515 मरीज ठीक हुए हैं।बिहार में वर्तमान में कोविड-19 के उपचाराधीन मामलों की संख्या 10,554 है और मरीजों के ठीक होने की दर 94.31 प्रतिशत है। खबर है कि कोविड-19 जांचघर में कर्मी न रहने के कारण कोरोना जांच प्रभावित होने लगी है। कर्मियों को चुनाव ड्यूटि में लगाया जा रहा है।कलतक कोरोना के लिए चिल्लाने वाले रंग बदलकर आजतक चुनावी प्रक्रिया पूरा करने में शक्ति लगा रहे हैं।
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