हिन्दू मुस्लिम समीकरण निर्धारित करेगा परिणाम
हिन्दू मुस्लिम समीकरण निर्धारित करेगा परिणाम
बिहार की राजनीति में विज्ञापन के जरिये एंट्री करने वाली पुष्पम प्रिया का ताल्लुकात एक राजनितिक परिवार से है ! वे जदयू एमएलसी विनोद चौधरी की बेटी है ! पुष्पम की 12वी तक की पढ़ाई दरभंगा में हुई जिसके बाद वे विदेश पढ़ने चली गयी ! विदेश से लौटी तो राजनीति में एक धमाकेदार एंट्री के साथ अखबार के फ्रंट पेज पर दिखाई दी ! जातीय मुद्दे पर वोटिंग करने वाले बिहार में जातीय विहीन वोटिंग की राजनीति का सपना देखने वाली पुष्पम ने बिहार के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है ! खुद पुष्पम अपने पार्टी की सीएम केंडिडेट है और वे इस बार मधुबनी जिला के बिस्फी से चुनाव लड़ने का ऐलान की है ! बिस्फी विधानसभा में 303581 मतदाता है ! जिसमे 51.9% पुरुष मतदाता है जबकि 48.09 प्रतिशत महिला मतदाता है ! पिछली बार तक़रीबन 52% मतदाताओं ने अपने वोट का प्रयोग किया था ! विस्फी विद्यापति का जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है जिनके नाम लिए बगैर मिथिला का हर त्यौहार हर राजनितिक मंच हर शादी विवाह अधूरा सा प्रतीत होता है ! विस्फी विधानसभा का भौगोलिक समीकरण ऐसा है की इस विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता वोटिंग के वक्त दिखाई देता है और यही कारण है की यहाँ कभी कोंग्रस नेता शकील अहमद और अब राजद नेता फैयाज अहमद लगातार जीतते आये है ! दूसरी तरफ भाजपा भी हिन्दू सेंटीमेंटल के आधार पर इस विधानसभा में राजनीति करती है ! ऐसे में पुष्पम प्रिया चौधरी का मधुबनी के बिस्फी से चुनाव लड़ने की रणनीति राजनीतिक जानकारों के लिए समझ से पड़े दिखाई दे रहा है ! इस बार पुष्पम का मुकाबला एक तरफ हिन्दू छवि वाला भाजपा नेता हरिभूषण ठाकुर बचौल से है वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम में अपनी जबरदस्त पकड़ रखने वाले और पिछले दस वर्षो से जितने वाले विधायक फैयाज अहमद से है ! पिछले बार फैयाज अहमद ने अपने प्रतिद्वंदी को 35000 से अधिक मतों से हराया था ! मुख्य रूप से पलायन रोजगार को मुद्दा बनाने वाली पुष्पम के प्रति कुछ युवा वर्ग जरूर आकर्षित है परन्तु यह वोट में कितना तब्दील होता है यह तो वक्त बताएगा लेकिन पुष्पम ने एक और बर्ग को अपने ओर आकर्षित किया है जिससे भाजपा के अंदरखाने में खलबली मची हुई है ! वह बर्ग है ब्राह्मण ! ब्राह्मण बर्ग फिलहाल भाजपा का वोटर है जो किसी समय में कांग्रेस का वोटर हुआ करती थी ! यदि पुष्पम ब्राह्मण बर्ग को आकर्षित करने में कामयाब हो जाती है तो भाजपा को चिंता होना लाजमी है !
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