विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 27 ऑक्टूबर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 28 अक्टूबर 2020

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 27 ऑक्टूबर

टीएल सहित अन्य बैठके आज बुधवार को

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कलेक्टर डॉ पंकज जैन की अध्यक्षता में टीएल सहित अन्य बैठके मंगलवार को आयोजित होनी थी जो अपरिहार्य कारणों से स्थगित हुई है कि जानकारी देते हुए अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने बताया कि टीएल सहित अन्य बैठके अब बुधवार 28 अक्टूबर को पूर्व निर्धारित समयानुसार आयोजित की गई है।  नवीन कलेक्ट्रेट के सभागार कक्ष में बुधवार 28 अक्टूबर की प्रातः 11 बजे से टीएल बैठक, इसके पश्चात् प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना की जिला स्तरीय बैठक तथा सायं पांच बजे से जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी, लोक सेवा केन्द्रों के कार्यो की समीक्षा बैठक आहूत की गई है। 

बीमा की राशि किसानो के खातो में जमा हुई

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले के 15 हजार 148 किसानों के बैक खातो में 70 करोड़ की राशि जमा हुई है कि जानकारी देते हुए किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक श्री पीके चौकसे ने बताया कि सर्वे से छूटे 159 हलको के पूर्व उल्लेखित किसानो को फसल बीमा की राशि 70 करोड़ बीमा कंपनी के द्वारा किसानो के बैंक खातो में जमा कराई गई है शेष किसानो के बैंक खातो में राशि जमा कराने का कार्य क्रियान्वित है।  उप संचालक श्री चौकसे ने जिले के सभी बीमाधारी कृषकों से आव्हान किया है कि वे धैर्यता बनाए रखे सभी किसानो के बैंक खातो में बीमा की राशि जमा कराने की कार्यवाही क्रियान्वित है। 

जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक आज

कलेक्टर डॉ पंकज जैन की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन (डीडब्ल्यूएसएम) की बैठक बुधवार 28 अक्टूबर को आयोजित की गई है यह बैठक कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में टीएल बैठक के उपरांत प्रारंभ होगी।  समिति के सदस्य सचिव तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री एसके जैन ने बैठक एजेण्डा के संबंध में बताया कि जिले में पूर्व से स्थापित नलजल योजनाओं के रेट्रोफिटिंग कार्य एवं नवीन नलजल योजनाओं का अनुमोदन, नलजल प्रदाय योजनाओं के रेट्रोफिटिंग कार्य तथा नवीन योजनाओं की डीपीआर तैयार करने के कार्य की योजनाओं का अनुमोदन जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वीकृत योजनाओं एवं उनके क्रियान्वयन हेतु अब तक की कार्यवाही पर चर्चा एवं अनुमोदन इत्यादि शामिल है।

’आदिम-जाति कल्याण विभाग में एकीकृत छात्रावास योजना शुरू’

आदिम-जाति कल्याण विभाग में छात्रावासों के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिये एकीकृत छात्रावास योजना शुरू की गई है। योजना के क्रियान्वयन से अब विभाग के छात्रावासों में बजट की राशि प्रति छात्रावास के मान से उनके बैंक खातों में पहुँच सकेगी। विभाग द्वारा प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में 199 जूनियर छात्रावास, 979 सीनियर छात्रावास, 152 महाविद्यालयीन छात्रावास  और 218 उत्कृष्ट छात्रावास  संचालित किये जा रहे हैं। इन छात्रावासों में स्वीकृत सीटों की संख्या 81 हजार 804 है। पूर्व में प्रत्येक छात्रावास के लिये प्रत्येक योजना क्रमांक एवं व्यय के अन्य मद प्रचलित थे। इस व्यवस्था से छात्रावासों के बैंक खातों में राशि पहुँचने में अनावश्यक विलंब होता था। इन दिक्कतों को दूर करने के लिये इस वित्तीय वर्ष से विभाग एकीकृत छात्रावास योजना क्रमांक 9673 के नाम से परिवर्तित की गई है। पूर्व में अलग-अलग छात्रावासों की व्यय राशि अलग-अलग शीर्ष में आती थी, जबकि राशि का उपयोग सभी छात्रावासों में एक ही था। एकीकृत छात्रावास योजना से पृथक-पृथक छात्रावासों में बजट की गणना, बजट का प्रावधान, स्वीकृति एवं देयकों के माध्यम से राशि का आहरण आदि कार्यों में सरलीकरण हुआ है। विभाग के सॉफ्टवेयर (MPTAAS) परियोजना के माध्यम से एक ही पूल एकाउंट में सभी राशियों का आहरण के बाद जमा किये जाने से छात्रावासों को सीधे बैंक खाते में राशि जारी किया जाना संभव हुआ है। आदिम-जाति कल्याण विभाग ने छात्रावासों का एकीकरण किये जाने के साथ ही छात्रावासों में विभिन्न वर्गों के विद्यार्थियों को प्रवेश देने के लिये नवीन नियम बनाये गये हैं, जिसमें अनुसूचित-जनजाति, अनुसूचित-जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण और घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ जाति के विद्यार्थियों को छात्रावासों में प्रवेश दिया जा सकेगा। इस नियम के बन जाने से छात्रावासों में रिक्त रहने वाली सभी सीटों को भी भरा जा सकेगा।

’प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कारों हेतु आवेदन 30 तक

जिला कार्यक्रम अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार महिला बाल विकास विभाग द्वारा असाधारण क्षमता और उत्कृष्ट उपलब्धि के लिये बाल शक्ति पुरस्कार प्रदाय किया जाता है तथा बच्चों के विकास, सुरक्षा एवं कल्याण के क्षेत्र में कार्य करने वाले व्यक्तियों तथा संरथाओं को बाल कल्याण पुरस्कार प्रदान किये जाते है। इस हेतु विस्तृत   दिशा-निर्देश भारत सरकार की वेबसाईट http://www.aca.wed.nic.in पर उपलब्ध है। उपरोक्त पुरस्कारों के आवेदन करने की अतिम तिथि 15 सितम्बर-2020 थी किन्तु अब समस्त ऑन लाईन आवेदन 30 अक्टूबर 2020 तक  किए जा सकते हैं।

’विशिष्ट भाषा एवं सामान्य भाषा का प्रावधान किया समाप्त’ ’अब केवल एक ही भाषा का होगा प्रावधान’

माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा संबंद्धता प्राप्त संस्थाओं में वर्ष 2020-21 से कक्षा 9वीं एवं 11वीं कक्षाओं में अब विशिष्ट भाषा एवं सामान्य भाषा का प्रावधान समाप्त कर दिया है। इनके स्थान पर नई व्यवस्था लागू की गई है, जिसके अंतर्गत विशिष्ट एवं सामान्य भाषा के अलग-अलग पाठ्यक्रमध्प्रष्नपत्र न होकर केवल 1 भाषा का प्रावधान सुनिश्चित किया गया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी विज्ञप्ति अनुसार अब हिंदी विशिष्ट एवं सामान्य के स्थान पर हिंदी भाषा, अंग्रेजी विशिष्ट एवं सामान्य के स्थान पर अंग्रेजी भाषा, संस्कृत विशिष्ट एवं सामान्य के स्थान पर संस्कृत भाषा तथा उर्दू विशिष्ट एवं सामान्य के स्थान पर उर्दू भाषा की गई है। इसी प्रकार शैक्षणिक सत्र 2021-22 से मंडल द्वारा आयोजित हाईस्कूलध्हायर सेकेंडरी परीक्षाओं में भी अब विशिष्ट भाषा एवं सामान्य भाषा के स्थान पर अब मात्र संबंधित विषय का उपरोक्तानुसार एक ही प्रष्न पत्र होगा। साथ ही हायर सेकेंडरी के वाणिज्य एवं कला संकाय में अर्थशास्त्र विषय के लिए जनरल बोर्ड सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) अनुसार समान पाठ्यक्रमध्पाठ्यपुस्तकें लागू की गई है। अर्थशास्त्र विषय का पाठ्यक्रम वाणिज्य एवं कला संकाय के लिए समान रहेगा। इस व्यवस्था के संबंध में मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी किए जा चुके है। 

पशुपालक नवीन पशुधन बीमा यांजनांतर्गत अपने पशुधन का बीमा कराएं

उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें विदिशा, डॉ एससीएल वर्मा ने जिले के पशुपालकों से कहा है कि वे अपने पशुधन का बीमा कराएं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन अंतर्गत नवीन पशुधन बीमा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना में पशुपालकों को पशु की मृत्यु होने पर हुई आर्थिक हानि में राहत मिलती है। उन्होंने पशुपालकों को बताया है कि योजना में समस्त पशुधन जैसे गाय, भैंस, घोडा, बकरी आदि को शामिल किया गया है। योजनांतर्गत प्रति परिवार अधिकतम पांच पशुओं का बीमा करा सकते हैं। बीमे की अधिकतम राशि 55 हजार रूपए तक हो सकती हैं तथा प्रीमियम  दर एक वर्ष के लिए 2.92 प्रतिशत है जिसमें सामान्य वर्ग के लिए 50 प्रतिशत अनुदान तथा बीपीएल, एससी, एसटी के लिए 70 प्रतिशत अनुदान शासन द्वारा दिया जाता है। उन्होंने पशुपालकों से कहा है कि वे अधिक जानकारी के लिए अपने निकटतम पशु चिकित्सालय प्रभारी से संपर्क कर सकते हैं।

वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण दिवस पर शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित, आयोडीन युक्त नमक के इस्तेमाल के लिए लोगों को दिया जागरूकता संदेश

स्वास्थ्य विभाग द्वारा  वैश्विक आयोडीन अल्पता विकास नियंत्रण दिवस के अवसर पर  जिला प्रशिक्षण केंद्र  के सभाकक्ष, एवं जिले  के अंतर्गत विकासखंड, ग्राम के अंतर्गत आरोग्य केंद्रों,उप स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य संस्थाओं में शपथ ग्रहण का आयोजन किया गया तथा विकासखंडों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस अवसर पर आयोडीन संबंधी जानकारी प्रदाय की गई। जिसमें बताया गया कि आयोडीन एक सूक्ष्म पोषक तत्व है। थायरॉक्सिन हार्मोन का एक आवश्यक घटक है जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिये मस्तिष्क के कार्य, वृद्धि व प्रजनन हेतु आवश्यक है। मिट्टी में आयोडीन की कमी, स्थानीय उगाये जाने वाले भोज्य पदार्थो में आयोडीन की कमी एवं पानी के स्त्रोतों में आयोडीन की कमी इसके कारण हैं। सबसे ज्यादा खतरा बच्चों, प्रजनन उम्र की महिलाओं, बढ़ते भ्रूण एवं उन स्थानों में रहने वाली जनसंख्या को है, जहां मिट्टी में आयोडीन की कमी है। आयोडीन की कमी के लक्षणों में घेंघा रोग, मानसिक विकास में कमी, निगलने या सांस  लेने में कठिनाई, जल्दी थकान होना, ठंड अधिक लगना, बच्चे में सुनने और बोलने की शक्ति में कमी एवं पढाई में पिछडापन है। आयोडीन की कमी का एक ही विकल्प है, आयोडीन युक्त नमक का सेवन। आयोडीन की कमी में उपचार से बचाव ही बेहतर विकल्प है। अपर्याप्त आयोडीन प्राप्त बच्चों की बुद्धि लब्धि (आईक्यू) 13 अंक कम होती है, शैक्षणिक प्रदर्शन कमजोर होता है, समान कक्षा दोहराना या बार बार अनुत्तीर्ण होने की समस्या, कक्षा में अनुपस्थिति या स्कूल छोडना आदि लक्षण परिलक्षित होते हैं। आयोडीन की कमी के प्रभाव के रूप में सामाजिक व आर्थिक विकास में पिछडापन दृष्टव्य होता है। आयोडीन की दैनिक आवश्यकता माईक्रोग्राम में 0 से 11 माह 50 माइक्रोग्राम, 12 से 59 माह 90 माइक्रोग्राम, 6 से 12 वर्ष 120 माइक्रोग्राम, 12 वर्ष से अधिक 150 माइक्रोग्राम एवं गर्भवती व धात्री महिलाओं  में 200 माइक्रोग्राम होती है। मध्यान्ह भोजन , आंगनवाडी एवं छात्रावासों में प्रदाय भोजन एवं घरों में भोजन बनाते समय नमक के उचित प्रकार के संधारण संबंधी जानकारी प्रदाय की गई।  आशा कार्यकर्ताओं को नमक में आयोडीन की जांच हेतु किट प्रदान की गई है इस के द्वारा आशा नमक में आयोडीन की मात्रा ज्ञात करती हैं एवं यदि 15 पीपीएम से कम वाला कोई नमक इस्तेमाल करें तो उस को अच्छी क्वालिटी के आयोडीन युक्त नमक के इस्तेमाल करने हेतु जागरूक किया जाता हैस इस दौरान उपस्थित समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा आयोडीन युक्त नमक का ही सेवन किये जाने संबंधी शपथ ग्रहण की गई। 

कार्यालयों में अब होगी शत-प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति राज्य शासन द्वारा आदेश जारी

भारत सरकार के अनलॉक-5 के निर्णय एवं विभिन्न विभागों द्वारा लगातार किए जा रहे अनुरोध के परिप्रेक्ष्य में, कार्यालयों में कार्यक्षमता में वृद्धि करने की दृष्टि से अब अधिकारियों के ही समान सभी कर्मचारियों की, सभी कार्यालयों में उपस्थिति भी शत-प्रतिशत रहेगी। राज्य शासन द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। कार्यालयों में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। प्रत्येक कर्मचारी को स्वयं एवं अन्य की सुरक्षा के हेतु मास्क का उपयोग करना होगा। प्रत्येक कर्मचारी के लिए अनिवार्य होगा कि वह कार्यलयीन अवधि में मास्क से मुँह एवं नाक ढंककर रखें तथा बात करते समय मास्क को नीचे न करें। कार्यालयों में सोशल डिस्टेसिंग के लिए परस्पर पर्याप्त दूरी रखें। सम्पर्क में आने वाली सतहें, दरवाजों के हैंडल, हैंण्डरेल, शौचालय इत्यादि को नियमित रूप से सेनेटाईज किया जाए। अभिवादन के लिए आपस में हाथ न मिलायें तथा एक साथ बैठकर चायध्भोजन इत्यादि न करें। नियमित रूप से साबुन-पानी तथा एल्कोहल युक्त हैण्ड सेनेटाईजर का उपयोग करें। कोविड-19 संबंधी कोई भी लक्षण जैसे सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार सांस लेने में तकलीफ आदि के लक्षण हों तो तत्काल फीवर क्लीनिक में परीक्षण करायें तथा संबंधित कार्यालय प्रमुख को सूचित करें।

प्रमाणित बीज की दरें निर्धारित

बीज एवं फर्म विकास निगम द्वारा किसानों को शासन द्वारा निर्धारित दरों पर प्रमाणित बीज उपलब्ध कराये जा रहे हैं।  बीज निगम के गोदाम, कृषि विभाग प्राथमिक सहकारी समितियों तथा विपणन संघ के माध्यम से इन बीजों की बिक्री की जा रही है। इस संबंध में बीज निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि प्रमाणित बीज की बिक्री के लिये शासन द्वारा गेहूं 3700 रूपये प्रति क्विंटल, चना 6600 रूपये प्रति क्विंटल, मसूर 6550 रूपये प्रति क्विंटल, अलसी 5950 रूपये प्रति क्विंटल तथा सरसों 6700 रूपये प्रति क्विंटल की दर से बिक्री के लिये उपलब्ध है। बीज निगम के पास वर्तमान में 3500 क्विंटल गेहूं, 250 क्विंटल चना, 100 क्विंटल मसूर, 25 क्विंटल अलसी तथा 25 क्विंटल सरसों के प्रमाणित बीज उपलब्ध हैं। किसान गेहूं, चना तथा मसूर के बीजों का उपयोग 10 वर्ष तक तथा अलसी एवं सरसों के बीजों का उपयोग 15 वर्षों की अवधि तक कर सकते हैं। किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार बीज निगम से सम्पर्क करके प्रमाणित बीज प्राप्त कर सकते हैं। 

कोविड-19 वैक्सीन आने के पूर्व की तैयारी जारी

भारत शासन द्वारा दिये गये निर्देशानुसार कोविड वैक्सीनेशन संबंधी प्रारंभिक तैयारियाँ सभी राज्यों द्वारा पूर्ण की जा रही हैं। इसके अंतर्गत प्रदेश में प्रथम फेस में चिन्हित स्वास्थ्य कर्मियों (कोरोना योद्धा) एवं हाई रिस्क ग्रुप हितग्राहियों का डाटाबेस तैयार किया जाना है। तत्संबंध में राष्ट्र एवं राज्य-स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित कर समस्त अधिकारियों एवं स्टॉफ का प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया गया है। पंजीकृत सभी क्लीनिक, अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर में कार्यरत चिकित्सक एवं स्टॉफ का फोटो, पहचान-पत्र एवं मोबाइल नम्बर प्रारूप में दर्ज किया जायेगा, ताकि टीकाकरण दिवस पर एसएमएस के माध्यम से टीकाकरण स्थान एवं समय की जानकारी प्रेषित की जा सके। कोविड-19 वैक्सीन के प्रत्येक हितग्राही को एक माह के अंतराल से दो बार टीके दिये जाने की योजना है, जो कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये हितकारी होगा। राज्य-स्तर पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य द्वारा वैक्सीन के रख-रखाव, परिवहन, माइक्रो प्लान, शीत श्रंखला, उपकरण, मेन पावर, सुपरविजन, मॉनीटरिंग आदि अनेक सूक्ष्म बिन्दुओं पर गहन समीक्षा की जा चुकी है।  आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएँ द्वारा राज्य नोडल अधिकारी टीकाकरण/आईडीएसपी एवं जिला-स्तरीय अधिकारियों को चेक लिस्ट के अनुसार तैयारियों की जानकारी शीघ्र-अतिशीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। भारत शासन द्वारा मिशन संचालक एनएचएम को राज्य-स्तरीय कोविड टीकाकरण के लिये राज्य नोडल अधिकारी के रूप में चिन्हित किया गया है। जिला स्तर पर कलेक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

मच्छरदानी का उपयोग करने की सलाह

वर्तमान मौसम परिवर्तन की स्थितियों में सामान्य रूप से मच्छरजनित बीमारियों से प्रभावित होने की आशंका आमजन के लिए बढ़ जाती है। वर्षा के बाद पानी जगह जगह भरा है जिसमें मलेरिया और डेंगू के मच्छर पनपते है ऐसे पानी भराव वाली स्थानों पर दवाई का छिड़काव व बड़ी जगहों पर गम्बूसिया मछली डाली जा रही है। घरों में ट्यूब-टायर, बर्तनों में पानी भरा नहीं रहने दें। प्रत्येक 2-3 दिन में कूलर का पानी बदलते रहें। घरों में मच्छरदानी का प्रयोग करें। बच्चों को पूरे अस्तीन के कपड़े पहनाये और शाम को घरों के आसपास नीम का धुआं करे। बुखार के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर उचित जांच एवं उपचार कराना चाहिए। मलेरिया की जांच कराए रक्त पट्टिका बनाकर खून की जांच कराये। डॉक्टर की सलाह पर ही दवाई गोली ले और इसके साथ ही टाइफाइड से बचने के लिए पेयजल छानकर एवं उबालकर उपयोग करें। फल या सब्जी को पानी से धोकर ही उपयोग करें। खाना खाने से पहले अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह धोएं। व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। खाना खाने से पहले अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह धोएं। व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें। किचन में भोज्य पदार्थ ढांक कर रखें। पानी पीने के लिए हेंडल वाले मग का उपयोग करें। बासी भोजन का प्रयोग ना करे, ताजा भोजन करें। दरवाजों के हैंडल, टेलीफोन व नल पर होने वाली गंदगी से बचें। नियमित तथा तेज बुखार के साथ उल्टी की शिकायत होने पर नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक से संपर्क करें। सभी सरकारी अस्पतालों में मलेरिया और डेंगू की जांच उपचार की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है। 

ऑनलाइन काउंसलिंग का द्वितीय अतिरिक्त चरण प्रारंभ

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रमों बीएड, बीपीएड, बीएडएमएड (एकीकृत तीन वर्षीय), बीएबीएड, बीएससीबीएड, बीएलएड में प्रवेश के लिये आनलाइन काउंसलिंग का द्वितीय अतिरिक्त चरण प्रारंभ हो गया है जो आगामी 10 नवम्बर तक जारी रहेगा।  अपर आयुक्त उच्च शिक्षा श्री चंद्रशेखर वालिम्बे ने बताया कि ऐसे आवेदक जो पूर्व में प्रवेश के लिये पंजीयन नहीं करा सके हैं वे पंजीयन कर अतिरिक्त चरण में रिक्त स्थानों पर प्रवेश आवंटन हेतु गुणानुक्रम अनुसार पात्र होंगे। इसकी तिथि 27 अक्टूबर तक रहेगी। द्वितीय अतिरिक्त चरण में आवंटन के लिये पंजीकृत अप्रवेशित एवं नवीन पंजीकृत आवेदकों से पुनः शिक्षण संस्थाओं का चयन एवं वरीयता प्राप्त करने के लिये भी 27 अक्टूबर तक की तिथि निर्धारित की गई थी। आनलाइन सत्यापन से वंचित आवेदकों द्वारा दस्तावेजों का सत्यापन और नवीन पंजीकृत आवेदकों का बीपीएड एवं एमपीएड के लिये निर्धारित हेल्प सेंटर पर फिटनेस एवं प्रोफिसिएन्सी टेस्ट 28 अक्टूबर तक होगा। समेकित मेरिट सूची का प्रकाशन 2 नवम्बर को होगा। मेरिट एवं वरीयता अनुसार अतिरिक्त चरण में सीट आवंटन 6 नवम्बर को होगा। आवंटित महाविद्यालय में प्रवेश हेतु शुल्क भुगतान की रसीद एवं यथास्थिति टीसी, माइग्रेशन प्रस्तुत करने की तिथि 6 से 10 नवम्बर तक रहेगी।

मददगार साबित हो रही है हेल्पलाइन 1800-233-0175’

’कोरोना के कारण अवसादग्रस्त लोगों एवं क्वारंटाइन किए व्यक्तियों के परिजनों को दिया जा रहा है मनोवैज्ञानिक परामर्श’’स्वास्थ्य विभाग द्वारा 24x7 संचालित की जा रही हेल्पलाइन’

कोविड 19 कोरोना वायरस संक्रमण से उपजे संकट और लॉकडाउन का प्रभाव व्यक्ति की जीवनशैली के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ा है। इन परिस्थितियों में आमजन तनावग्रस्त और अवसादग्रस्त न हों इसके लिए भोपालवासियों को मनोवैज्ञानिक परामर्श हेल्पलाइन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।  स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन नंबर 1800-233-0175 पर कॉल करके व्यक्ति मनोवैज्ञानिक परामर्श ले सकता है।  यह सुविधा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित की जा रही है। संस्थागत क्वारंटाइन या होम आइसोलेट किए गए व्यक्तियों और उनके परिजनों को भी इस सुविधा के जरिए अपनी मनोवैज्ञानिक परेशानी का समाधान विशेषज्ञों द्वारा प्राप्त हुआ है। लॉकडाउन के कारण अकेलेपन या एक ही स्थान पर रहने के कारण अवसादग्रस्त हुए लोगों ने भी अपने मन की बात विशेषज्ञों से साझा की और उन्हें तनावमुक्ति के लिए उचित परामर्श दिया गया है।  मनोवैज्ञानिक परामर्श हेल्पलाइन पर कॉल करने वाले लोगों के साथ कोरोना संक्रमण से बचाव के तरीके भी साझा किए जाते हैं। साथ ही उन्हें यह भी बताया जाता है कि संक्रमण से बचते हुए क्वारंटाइन या आइसोलेट किए गए व्यक्ति के साथ कैसे व्यवहार करना है। उन्हें समझाया जाता है कि इस समय हमें एक दूसरे के साथ और सहयोग की आवश्यकता है और इसी से हम इस कोरोना महामारी को हरा सकते है।

कोविड में तनाव से जूझ रहे बच्चों के लिए बाल आयोग ने शुरू की संवेदना टोल फ्री टेली काउंसलिंग’

कोरोना संक्रमण के चलते मानसिक रूप से प्रभावित हो रहे बच्चों के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने नई पहल की है। आयोग ने ष्संवेदनाष् नाम से टोल फ्री टेली काउंसलिंग शुरू की है। इसके लिए टोल फ्री नम्बर 1800-1212-830 जारी किया गया है, जिस पर बच्चें कॉल कर विशेषज्ञों से बात कर अपनी समस्या का समाधान पा सकते है। कोविड-19 के दौरान 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ा है। ऐसे बच्चें टोल फ्री नम्बर पर सुबह 10 से 1 बजे तक और दोपहर 3 से रात्रि 8 बजे तक सोमवार से शनिवार अपनी समस्याओं पर विषय विशेषज्ञों, काउंसलर से बात कर सकते है। 

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