एक परिवार इस दीपावली को धूमधाम से मनाने को है तैयार, तो दूसरे परिवार को है अपने बच्चों की आँखो में खुशियों का इंतजार।क्योंकि कोरोना काल ने बहुतों किया है बेरोजगार,क्या उन घरों में भी होगी खुशियों की बौछार।। जी हाँ, बिहार के कई जिलों में ही नहीं बल्कि राज्य भर में अपने खास सेवा को लेकर प्रसिद्ध सामाजिक संगठन "प्रबोध जन सेवा संस्थान" एक बार फिर युवाओं के सहयोग से लगभग 500 जरुरत मंद परिवार के घर पहुंच दीपोत्सव मनाया है जिनके घरो में अंधेरा है। संगठन ने सिकंदरा (जमुई) के राजपुरा, भूल्लो, सबलबीघा, धनीमातारी, मिश्रडीह के साथ- साथ अन्य गावों के सैकड़ों परिवार के बीच दीपोत्सव को लेकर प्रत्येक परिवार को 500 ग्राम बुंदिया, 2 पैकेट मोमबत्ती, 5 पीस मिट्टी का दीप, रूई आदि घर-घर पहुंचाया गया..!! वैेेेसे ये खुशियाँ सिर्फ इन परिवारों तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि वे घर भी रोशन हुआ जिनका यहाँ से इन वस्तुओं को खरीदा गया है। संस्थान सचिव सुमन सौरभ ने बताया की हमारी कोशिश है कि इस विश्वव्यापी कोरोना काल में आर्थिक अभाव को झेल रहे मजदूर भाई व अन्य लोगों के चेहरे पर जो मायूसी छाई है उसे लेकर हमारी कोशिश है कुछ पल के लिए उनके चेहरे पे मुस्कान आ जाये..!! आगे उन्होंने बताया की संगठन ने 12 नवम्बर 2020 को "इंसानियत की दीवार" नाम से एक मुहिम की शुरूआत को लेकर निर्णय लिया था जिसमें जरूरतमंद इंसानो के लिए कपड़े व जूते-चप्पल निःशुल्क उपलब्ध होने है जिसकी शुरुआत 17 नवंबर 2020 से होगी उन्होंने कहा इस तरह के मुहिम व पहल का मुख्य उद्देश्य है समाज में ये संदेश देना कि "वास्तविक खुशी" क्या है..? क्या हम सिर्फ अपने परिवार के भरोसे एक खुशहाल समाज का निर्माण कर सकते हैं। यदि नहीं! तो आपको भी इस तरह के नेक कार्यों की शुरूआत करनी चाहिए। खासकर युवाओं को इस तरह की पहल जरूर करनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी भी सामाजिक कोर्यों में अपनी दिलचस्पी दिखाये और एक स्वच्छ, स्वस्थ एवं खुशहाल समाज की निर्माण हो सके। इस कार्यक्रम को संपन्न कराने में मुख्य रूप से राजेश पाठक का सहयोग रहा व उनके साथ-साथ राकेश पाठक, प्रियम दूबे, वैष्णवी , विकास रविदास, नेहा कुमारी, पंकज पाठक, बादल, वैभव, अमित, सम्राट, विशाल एवं अन्य लोगों का सहयोग सम्मिलित है।
मंगलवार, 17 नवंबर 2020
नेक पहल: कोरोना से जंग में जरूरतमदों का ख्याल
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