जिलाधिकारी ने कानूनी रूप से बच्चे को गोद लेने के लि जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना..
बेतिया। पश्चिमी चम्पारण के जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने कहा कि बच्चा कानूनी रूप से गोद लें। सार्वजनिक रूप से छोड़े गये अथवा अस्पताल आदि से बच्चा गोद लेने से बचें। वैध तरीके से बच्चा गोद लेने में भविष्य में उत्पन्न होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमेशा कानूनी रूप से दत्तक ग्रहण के तहत ही बालक को गोद लें ताकि उनका पूर्ण अधिकार दिलाना सुनिश्चित किया जा सके। विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के अतिरिक्त नर्सिंग होम/अस्पतालों/अन्य संस्थानों के माध्यम से बालक को गोद ना लें, यह गैर कानूनी एवं दंडनीय है। उन्होंने कहा कि दत्तक ग्रहण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से जैविक माता-पिता से स्थायी रूप से अलग हो चुका बच्चा सभी अधिकारों, विशेष लाभों और दायित्वों के साथ दत्तक ग्रहण करने वाले माता-पिता के रूप में संदर्भित नए माता-पिता के पास उनकी वैधिक संतान बन जाता है। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम 2000) (यथा संशोधित 2015) के अंतर्गत किसी भी समुदाय के दम्पति बच्चा दत्तक ग्रहण संस्थान से बच्चा गोद ले सकते हैं। जिलाधिकारी द्वारा आज समाहरणालय परिसर से इसी आशय से संबंधित जागरूकता संदेश फैलाने वाले प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। सहायक निदेशक, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, श्री अभय कुमार द्वारा बताया गया कि वैध तरीके से बच्चा लेने के लिए आम जनमानस को जागरूक एवं प्रेरित करने के उदेश्य से आज जिलाधिकारी द्वारा प्रचार रथ को रवाना किया गया। यह प्रचार रथ जिला के विभिन्न गांव-शहरों में जाकर लोगों को वैध तरीके से बच्चा गोद लेने के लिए जागरूक एवं प्रेरित करेगा।
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